सीजेआई सूर्यकांत का शपथ ग्रहण: 6 देशों के जज शामिल

भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के शपथ ग्रहण में पहली बार जुटेगा विदेशी न्यायिक प्रतिनिधिमंडल

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  • न्यायमूर्ति सूर्यकांत सोमवार, 24 नवंबर को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में राष्ट्रपति भवन में शपथ लेंगे।
  • यह शपथ ग्रहण समारोह ऐतिहासिक होगा, क्योंकि यह पहली बार है जब छह देशों के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश इसमें शामिल हो रहे हैं।
  • भूटान, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस, नेपाल और श्रीलंका के न्यायिक प्रतिनिधिमंडल इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 नवंबर: देश की न्यायिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन होने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस बी.आर. गवई के रिटायर होने के बाद, न्यायमूर्ति सूर्यकांत सोमवार, 24 नवंबर को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। यह समारोह कई मायनों में ऐतिहासिक होने वाला है। आमतौर पर, CJI के शपथ ग्रहण समारोह में देश के गणमान्य व्यक्ति, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और वरिष्ठ वकील ही शामिल होते हैं, लेकिन इस बार का कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की न्यायिक साख को मजबूत करने वाला है।

यह पहला अवसर होगा, जब किसी CJI के शपथ ग्रहण समारोह में इतनी बड़ी संख्या में दूसरे देशों के न्यायिक प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी होगी। राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले इस भव्य समारोह में छह देशों के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के जज शामिल होंगे, जो भारत के सर्वोच्च न्यायिक पद की महत्ता को वैश्विक मंच पर रेखांकित करेगा।

अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति का विवरण

रिपोर्ट के अनुसार, छह देशों से एक दर्जन से अधिक न्यायाधीश और मुख्य न्यायाधीश इस समारोह में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। यह उपस्थिति न केवल दो देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करती है, बल्कि विभिन्न राष्ट्रों के बीच न्यायिक सहयोग और समझ को भी बढ़ावा देती है। ये अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक प्रतिनिधिमंडल न्यायमूर्ति सूर्यकांत के शपथ ग्रहण के साक्षी बनेंगे।

शामिल होने वाले देशों की सूची

न्यायमूर्ति सूर्यकांत के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले न्यायिक प्रतिनिधिमंडल निम्नलिखित छह देशों से आ रहे हैं:

भूटान: न्यायमूर्ति ल्योनपो नोरबू शेरिंग, भूटान के मुख्य न्यायाधीश।

केन्या: न्यायमूर्ति मार्था कूमे, केन्या के सर्वोच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश।

मलेशिया: न्यायमूर्ति तान श्री दातुक नलिनी पथमनाथन, मलेशिया की संघीय अदालत की न्यायाधीश।

मॉरीशस: न्यायमूर्ति बीबी रेहाना मुंगली-गुलबुल, मॉरीशस की मुख्य न्यायाधीश।

नेपाल: न्यायमूर्ति प्रकाश मान सिंह राउत, नेपाल के मुख्य न्यायाधीश।

श्रीलंका: न्यायमूर्ति पी. पद्मन सुरसेना, श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश।

इन मुख्य न्यायाधीशों के साथ उनके संबंधित देशों के सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश और परिवार के सदस्य भी मौजूद रहेंगे, जिससे समारोह की भव्यता और गरिमा में वृद्धि होगी।

नए सीजेआई: न्यायमूर्ति सूर्यकांत

न्यायमूर्ति सूर्यकांत देश की न्यायपालिका को आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण दायित्व संभालने जा रहे हैं। उनका कार्यकाल लंबित मामलों के निपटारे, न्यायिक प्रक्रिया में सुधार और मध्यस्थता (Arbitration) को बढ़ावा देने जैसी प्राथमिकताओं पर केंद्रित रहने की उम्मीद है। देश की जनता और न्यायिक बिरादरी को उम्मीद है कि उनके नेतृत्व में सर्वोच्च न्यायालय पारदर्शिता और दक्षता के साथ न्याय की राह को और सुगम बनाएगा। इस ऐतिहासिक समारोह के माध्यम से, भारत एक मजबूत और स्वतंत्र न्यायपालिका की अपनी छवि को विश्व के सामने मजबूती से प्रस्तुत करेगा।

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