ट्रंप की शांति योजना पर पुतिन और ज़ेलेंस्की की तीखी प्रतिक्रियाएँ

यूक्रेन के सामने ‘गरिमा बनाम समर्थन’ की चुनौती; रूस बोला—योजना बातचीत का आधार हो सकती है, लेकिन कठिन शर्तें अभी भी विवाद का केंद्र

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  • ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन-रूस से थैंक्सगिविंग से पहले 28-सूत्रीय शांति योजना मानने का दबाव बढ़ाया।
  • ज़ेलेंस्की बोले, यूक्रेन इतिहास के सबसे कठिन दौर में, गरिमा और सहयोगी के समर्थन के बीच मुश्किल चुनाव।
  • पुतिन ने कहा, योजना रूस की कई प्रमुख मांगों को शामिल करती है और अंतिम शांति समाधान” का आधार बन सकती है।
  • रूस ने चेतावनी दी, यदि बातचीत नहीं हुई, तो वह और शहरों पर कब्ज़ा जारी रखेगा।

समग्र समाचार सेवा
मॉस्को/वॉशिंगटन, 22 नवंबर:अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तैयार 28-सूत्रीय शांति योजना पर यूक्रेन और रूस की प्रतिक्रियाएँ बेहद अलग हैं। ट्रंप प्रशासन यूक्रेन और रूस पर थैंक्सगिविंग से पहले  योजना पर सहमति बनाने का दबाव डाल रहा है। हालांकि दोनों देशों ने बातचीत की इच्छा जताई है, लेकिन योजना की कठोर शर्तों को लेकर गहरी शंकाएँ भी सामने आई हैं।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में यूक्रेन को गरिमा और  मुख्य सहयोगी का का समर्थन जिसे उन्होंने नाम लिए बिना अमेरिका कहा, के बीच कठिन चुनाव करना पड़ सकता है।

ज़ेलेंस्की ने जोर दिया कि ट्रंप की योजना यूक्रेन से उसकी सेना का आधा हिस्सा कम करने और रूस के कब्ज़े में न आए इलाकों का भी त्याग करने की मांग करती है, जिसे कई यूक्रेनी “आत्मसमर्पण” के समान मान रहे हैं।

उन्होंने कहा:
या तो ये 28 कठिन बिंदु… या फिर सबसे कठोर सर्दी और आज़ादी, गरिमा व न्याय खोने का भय। हम तब भी नहीं झुके थे, अब भी यूक्रेन से धोखा नहीं होगा।

ज़ेलेंस्की ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस से बातचीत कर अमेरिकी प्रस्तावों के सभी बिंदुओं पर चर्चा की और कहा कि यूक्रेन “गरिमापूर्ण और टिकाऊ शांति” के लिए प्रयास करेगा।

उधर, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि रूस इस मसौदा योजना को अंतिम शांति समाधान के आधार के रूप में देखने को तैयार है। उन्होंने दावा किया कि यह योजना रूस की कई प्रमुख मांगों से मेल खाती है और पहले भी ट्रंप प्रशासन से इस पर चर्चा हो चुकी है।

पुतिन ने आरोप लगाया कि यूक्रेन इस योजना को स्वीकार करने को तैयार नहीं है और कहा कि अमेरिका भी यूक्रेन की स्वीकृति हासिल नहीं कर पा रहा।

उन्होंने चेतावनी दी:
यदि यूक्रेन चर्चा नहीं करेगा, तो हम ज़मीन पर अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आगे बढ़ते रहेंगे।

ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस बातचीत को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करना चाहता है ताकि दुनिया में यह धारणा बनाई जा सके कि “यूक्रेन ही शांति नहीं चाहता।” उन्होंने आश्वासन दिया कि यूक्रेन रचनात्मक तरीके से समाधान खोजने को तैयार है, लेकिन राष्ट्रहित से समझौता नहीं करेगा।

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