भूटान में भारत का बड़ा निवेश, चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने की रणनीति तेज

PM मोदी की भूटान यात्रा में कनेक्टिविटी, ऊर्जा और सुरक्षा सहयोग पर कई बड़े फैसले; डोकलाम और पूर्वोत्तर सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाए गए कदम

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  • भारत ने भूटान की पंचवर्षीय योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये की सहायता का ऐलान किया।
  • दो नई रेल लाइनें और असम में नया इमिग्रेशन चेक-पॉइंट स्थापित किया जाएगा।
  • 1020 मेगावॉट पुनात्सांगछू-II हाइड्रो प्रोजेक्ट का उद्घाटन, कई नई परियोजनाओं पर हस्ताक्षर।
  • चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत-भूटान कनेक्टिविटी और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत किया गया।

समग्र समाचार सेवा
थिंपू/नई दिल्ली, 20 नवंबर:भारत ने भूटान में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश और रणनीतिक सहयोग को गति दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह भूटान की राजधानी थिंपू का दौरा किया, जहां उन्होंने भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात कर ऊर्जा, कनेक्टिविटी और सांस्कृतिक संबंधों से जुड़े कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

यह यात्रा उस समय हुई है जब चीन भूटान में व्यापार, इंफ्रास्ट्रक्चर और टेलीकॉम क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति तेजी से बढ़ा रहा है। भारत को आशंका है कि यदि चीन का प्रभाव और बढ़ा, तो इससे भारत की सुरक्षा और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बेहद महत्वपूर्ण सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर सीधा असर पड़ सकता है।
भूटान, भारत और चीन की सीमाओं के पास स्थित डोकलाम क्षेत्र पहले भी 2017 में भारत-चीन सैन्य तनाव का केंद्र रह चुका है। यही वजह है कि भूटान भारत की सुरक्षा रणनीति में एक अहम भूमिका निभाता है।

कनेक्टिविटी पर बड़ा फोकस

भारत ने असम के हतीसर में नया इमिग्रेशन चेक-पॉइंट बनाने का फैसला लिया है, जिससे भूटान के गेलेफू शहर तक लोगों की आवाजाही आसान होगी। इसके अलावा भारत भूटान को पहली बार रेल नेटवर्क से जोड़ने जा रहा है।
इसके लिए दो रेलवे लाइनें शुरू होंगी—

  • कोकराझार-गेलेफू रेल लाइन (असम–भूटान)
  • बनारहाट-समत्से रेल लाइन (पश्चिम बंगाल–भूटान)

इनसे दोनों देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।

ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी भागीदारी

भूटान अपनी कुल आय का लगभग 40% हिस्सा हाइड्रोइलेक्ट्रिक बिजली के निर्यात से कमाता है और इसका बड़ा हिस्सा भारत को जाता है।
PM मोदी ने 1020 मेगावॉट पुनात्सांगछू-II हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना का उद्घाटन किया, जिसे भारत के सहयोग से बनाया गया है। इसके अलावा पुनात्सांगछू-I परियोजना का निर्माण फिर से शुरू होगा।

भारत की निजी कंपनियाँ—टाटा पॉवर, अडानी ग्रुप और रिलायंस पॉवर—ने भी भूटान की ड्रंक ग्रीन पॉवर कॉर्पोरेशन के साथ हाइड्रो सेक्टर में बड़े निवेश को लेकर समझौते किए हैं।

आर्थिक सहायता और सांस्कृतिक सहयोग

भारत ने भूटान की पंचवर्षीय योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये की सहायता और ऊर्जा व इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 4,000 करोड़ रुपये की रियायती क्रेडिट लाइन देने की घोषणा की।
इसके अलावा भारत भूटान के लिए वाराणसी में मंदिर और अतिथि गृह का निर्माण भी करेगा और भूटान की प्रस्तावित गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी में सहयोग देगा।

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