नीतीश के शपथ पर लगे चिराग पासवान के ‘शेर’ वाले पोस्टर
गांधी मैदान के पास दिखा 'बिहार का शेर' वाला होर्डिंग; राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अब गठबंधन की ताकत।
- नीतीश कुमार के 10वीं बार शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर पटना में चिराग पासवान के विशाल पोस्टर लगाए गए हैं।
- पोस्टर में चिराग पासवान को ‘बिहार का शेर’ बताया गया है, जो एनडीए में उनकी बढ़ती राजनीतिक हैसियत को दर्शाता है।
- यह पोस्टर पिछली राजनीतिक कड़वाहट को भुलाकर, चिराग और नीतीश के बीच बनी नई राजनीतिक केमिस्ट्री और गठबंधन की एकजुटता का प्रतीक है।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 20 नवंबर: आज पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान बिहार की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का साक्षी बन रहा है। जहां एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रिकॉर्ड 10वीं बार शपथ ले रहे हैं, वहीं इस भव्य आयोजन के बीच एक खास राजनीतिक संदेश भी राजधानी की सड़कों पर दिखाई दे रहा है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान के बड़े-बड़े पोस्टर पटना के प्रमुख चौराहों, खासकर हवाई अड्डे से लेकर इनकम टैक्स गोलंबर और शपथ स्थल के पास लगाए गए हैं।
इन पोस्टरों में चिराग पासवान की तस्वीर के साथ उन्हें ‘बिहार का शेर’ कहकर संबोधित किया गया है। ये होर्डिंग्स न सिर्फ चिराग पासवान की बढ़ती लोकप्रियता और एनडीए की ऐतिहासिक जीत में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाते हैं, बल्कि गठबंधन की नई केमिस्ट्री पर भी जोर देते हैं। यह पोस्टरबाजी ऐसे समय में हुई है जब चिराग पासवान की पार्टी को बिहार में बड़ी सफलता मिली है और वह स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के साथ मंच साझा करने वाले हैं।
नई राजनीति, पुराना मनमुटाव खत्म
चिराग पासवान को ‘बिहार का शेर’ कहने वाले इन पोस्टरों के पीछे गहरा राजनीतिक निहितार्थ छिपा है। 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया था, जिससे जदयू को भारी नुकसान हुआ था। उस समय दोनों नेताओं के बीच रिश्ते बेहद कड़वे हो गए थे।
हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव और हालिया विधानसभा चुनाव में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और एनडीए ने 200 पार का लक्ष्य हासिल किया। इस जीत में चिराग पासवान की पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए महत्वपूर्ण सीटें जीतीं। यह ‘शेर’ वाला पोस्टर इसी जीत के बाद चिराग की राजनीतिक पहचान को मजबूत करने की कोशिश है, जो अब नीतीश कुमार की सरकार में एक महत्वपूर्ण सहयोगी की भूमिका निभा रहे हैं।
यह पोस्टर एक तरह से यह भी दर्शाता है कि भले ही नेतृत्व नीतीश कुमार का हो, लेकिन चिराग पासवान अब गठबंधन में अपनी छाप छोड़ चुके हैं और वह ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के अपने विजन पर अडिग हैं।
पोस्टर से एकता और शक्ति प्रदर्शन
गांधी मैदान के आसपास लगाए गए इन पोस्टरों में केवल चिराग पासवान ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी बड़े होर्डिंग्स हैं, जिनमें ‘डबल इंजन’ सरकार द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख किया गया है। लेकिन चिराग पासवान का व्यक्तिगत ‘शेर’ वाला पोस्टर, जो उनकी पार्टी के प्रतीक (लोजपा का चुनाव चिन्ह) से जुड़ा है, ध्यान खींचने का केंद्र बना हुआ है।
यह दृश्य स्पष्ट करता है कि बिहार की नई सरकार आपसी मतभेदों को पीछे छोड़कर एकजुटता का संदेश दे रही है। चिराग पासवान ने हाल ही में नीतीश कुमार से मिलकर उन्हें जीत की बधाई दी थी और उनके नेतृत्व पर भरोसा जताया था, जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि गठबंधन की राह में अब कोई बड़ी बाधा नहीं है।
इस ‘शेर’ वाले पोस्टर ने पटना की सड़कों पर एक दिलचस्प सियासी माहौल पैदा कर दिया है, जहां बिहार की राजनीति के दो ध्रुव—नीतीश कुमार (अनुभव और सुशासन का प्रतीक) और चिराग पासवान (युवा जोश और परिवर्तन का प्रतीक)—एक मंच पर आ रहे हैं। यह भव्य शपथ ग्रहण समारोह इस नए राजनीतिक समीकरण की शुरुआत है, जिसमें चिराग पासवान का दावा है कि वह ‘बिहार के शेर’ बनकर जनता के वादों को पूरा करेंगे।