तीन बार बदला चेहरा, इस बार कौन? BJP के डिप्टी सीएम चयन पर बढ़ी बेचैनी
BJP किसे सौंपेगी उपमुख्यमंत्री की कुर्सी—सम्राट–विजय की जोड़ी रहेगी या बदलेगा चेहरा?
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NDA बुधवार को नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से अपना नेता चुन सकता है; गुरुवार को शपथ की तैयारी
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BJP के दो मौजूदा डिप्टी CM—सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा—फिर से मौका पाएंगे या नहीं, इस पर चर्चा तेज
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2005 से अब तक बीजेपी ने कई बार अपने डिप्टी सीएम चेहरों में बदलाव किया है
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जातीय संतुलन, महिला प्रतिनिधित्व और 2025 के आगे की राजनीति को ध्यान में रखकर BJP अपना नया नेता चुन सकती है
समग्र समाचार सेवा
पटना, 19 नवंबर: बिहार में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज़ हो चुकी है और बुधवार को NDA तथा BJP–JDU दोनों की विधायक दल की बैठकें बुलाई गई हैं। सूबे की राजनीति में यह लगभग साफ माना जा रहा है कि नीतीश कुमार ही एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की कमान संभालेंगे। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पर्यवेक्षक बनाया है। माना जा रहा है कि बुधवार दोपहर तक NDA औपचारिक रूप से नीतीश को अपना नेता चुन लेगा और गुरुवार को गांधी मैदान में शपथ ग्रहण होगा।
मुख्यमंत्री का चेहरा तय माना जा रहा है, लेकिन असली राजनीतिक उत्सुकता इस बात पर है कि BJP अपने उपमुख्यमंत्री के पद पर किसे मौका देगी। फिलहाल पार्टी के दो चेहरे—सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा—नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। दोनों नेता अपने-अपने क्षेत्रों से जीतकर आए हैं—सम्राट तारापुर से और विजय कुमार सिन्हा लखीसराय से।
BJP की बदलती परंपरा: हर बार नया उपमुख्यमंत्री
पिछले डेढ़ दशक में बिहार की राजनीति में एक पैटर्न बार–बार दिखा है—BJP मुख्यमंत्री भले न बदले, लेकिन उपमुख्यमंत्री के चेहरे को लगातार बदलती रही है।
- 2005 में नीतीश के साथ सुशील कुमार मोदी बने थे डिप्टी सीएम।
- 2017 में गठबंधन वापसी के बाद भी BJP ने सुशील मोदी को वही ज़िम्मेदारी दी।
- 2020 आते-आते गणित बदला और BJP ने सुशील मोदी की जगह तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को सामने लाकर दो डिप्टी सीएम का मॉडल लागू किया।
- 2024 में एक बार फिर गठबंधन बदलने पर BJP ने अपने दोनों पुराने चेहरे हटाकर सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को नई ज़िम्मेदारी सौंप दी।
यही सिलसिला अब एक बार फिर चर्चा में है—क्या BJP परंपरा अनुसार चेहरे बदलेगी या फिर इस बार निरंतरता बनाए रखेगी?
सम्राट चौधरी–विजय सिन्हा की संभावनाएँ क्यों मजबूत?
2025 के चुनाव में NDA की बड़ी जीत का श्रेय भाजपा नेतृत्व, सम्राट–विजय और नीतीश कुमार की संयुक्त रणनीति को माना जा रहा है।
- अमित शाह चुनाव अभियान के दौरान सम्राट चौधरी को “बड़ा नेता” बनाने का सार्वजनिक वादा कर चुके हैं।
- OBC–EBC और सवर्ण समीकरण को एक साथ साधने में इन दोनों नेताओं की सक्रिय भूमिका रही।
ये कारक मिलकर इन दोनों की दावेदारी को मज़बूत करते हैं।
परंतु असमंजस क्यों?
BJP की हाल की परंपरा यह बताती है कि पार्टी नए चेहरे लाने से हिचकती नहीं।
- सम्राट चौधरी पर चुनावों के दौर में प्रशांत किशोर ने कई गंभीर आरोप लगाए थे—पार्टी यदि राजनीतिक जोखिम से बचना चाहे तो बदलाव की राह पर भी जा सकती है।
- BJP यदि अपने 2025 के बाद के बड़े राजनीतिक रोडमैप को देखते हुए नई पीढ़ी या किसी नए सामाजिक समूह से नेता को आगे लाना चाहे, तब भी स्थिति बदल सकती है।
जातीय समीकरण, महिला प्रतिनिधित्व—इनका बढ़ेगा महत्त्व
इस चुनाव में महिलाओं ने NDA को निर्णायक बढ़त दिलाई है। 2020 की तरह BJP चाहे तो फिर एक महिला नेता को डिप्टी सीएम बनाकर बड़ा राजनीतिक संदेश दे सकती है। साथ ही,
- OBC
- EBC
- सवर्ण
इन तीन प्रमुख वर्गों में संतुलन साधने की BJP की रणनीति भी इस निर्णय को प्रभावित करेगी।
कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री तो साफ है — लेकिन उपमुख्यमंत्री कौन?
इस प्रश्न का जवाब BJP आने वाले 48 घंटों में अपने सियासी गणित के मुताबिक देगी।