दिल्ली कार ब्लास्ट जांच तेज: लखनऊ में परवेज अंसारी के घर छापा
सुरक्षा एजेंसियों ने मुख्य संदिग्ध के साथी परवेज के ठिकाने से 6 मोबाइल, इंटरनेशनल कार्ड और सिग्नल ट्रेसिंग से बचने का सिस्टम किया बरामद।
- दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट की जांच में तेजी लाते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने लखनऊ में परवेज अंसारी नामक एक संदिग्ध के घर पर बड़ा छापा मारा है।
- परवेज के घर से छह मोबाइल फोन, एक इंटरनेशनल कार्ड और सिग्नल ट्रेसिंग से बचने के लिए उपयोग किया जाने वाला एक विशेष सिस्टम बरामद हुआ है।
- एजेंसियों को एक कंप्यूटर और एक सीक्रेट डिस्क भी मिली है, जिसमें विस्फोट से जुड़े कई अहम सबूत और अंतर्राष्ट्रीय संपर्क के प्रमाण होने की आशंका है।
समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 12 नवंबर: सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण कार विस्फोट की जांच अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक पहुँच गई है। विस्फोट के मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर नबी के एक सहयोगी परवेज अंसारी के घर पर मंगलवार देर रात सुरक्षा एजेंसियों ने छापा मारा।
खुफिया जानकारी के आधार पर, एनआईए (NIA) और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने लखनऊ में परवेज अंसारी के ठिकाने पर तलाशी ली। यह छापेमारी दिल्ली विस्फोट की गहरी साजिश और आतंकी नेटवर्क की अंतर्राष्ट्रीय कड़ियों को उजागर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
छापेमारी के दौरान, एजेंसियों को परवेज अंसारी के घर से कई आपत्तिजनक सामग्री मिली। इनमें सबसे अहम हैं छह मोबाइल फोन, जिनका इस्तेमाल वह देश के बाहर अपने आकाओं और आतंकी संपर्कों से बातचीत करने के लिए करता था। इसके अलावा, एक इंटरनेशनल कार्ड भी बरामद हुआ है, जो उसके सीमा पार वित्तीय लेनदेन में उसकी संलिप्तता की ओर इशारा करता है।
💻 सिग्नल ट्रेसिंग से बचने का सिस्टम और सीक्रेट डिस्क बरामद
जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि परवेज अंसारी ने अपनी गतिविधियों को गुप्त रखने और जांच एजेंसियों की निगरानी से बचने के लिए एक विशेष सिस्टम भी स्थापित किया हुआ था। यह सिस्टम उसे सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की जाने वाली सिग्नल ट्रेसिंग और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से बचाने में मदद करता था।
उसके घर से एक कंप्यूटर और एक सीक्रेट डिस्क भी बरामद हुई है। जांचकर्ताओं को आशंका है कि इस सीक्रेट डिस्क में दिल्ली विस्फोट की योजना, आरडीएक्स मॉड्यूल के बारे में जानकारी, और अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग से जुड़े कई अहम सबूत हो सकते हैं।
कंप्यूटर और डिस्क को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। एजेंसियों का मानना है कि इन डिजिटल साक्ष्यों के माध्यम से पूरे आतंकी नेटवर्क के ‘व्हाइट कॉलर’ सदस्यों और उनके पाकिस्तान स्थित सरगनाओं की पहचान की जा सकेगी।
⛓️ दिल्ली ब्लास्ट की साजिश के तार: अंतर-राज्यीय नेटवर्क
सुरक्षा एजेंसियां अब परवेज अंसारी की भूमिका की गहनता से जांच कर रही हैं। यह स्पष्ट है कि परवेज, डॉ. उमर नबी और अन्य गिरफ्तार संदिग्धों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हो सकता है। यह मामला आतंकी नेटवर्क के अंतर-राज्यीय विस्तार को दर्शाता है, जहाँ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में शिक्षित पेशेवरों का इस्तेमाल कर बड़ी साजिशों को अंजाम दिया जा रहा था।
इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच में मिली यह सफलता, एजेंसियों को इस आतंकी मॉड्यूल की जड़ों तक पहुँचने में मदद करेगी। परवेज अंसारी से हिरासत में पूछताछ के बाद इस पूरे मामले में और भी कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस नेटवर्क को भारत में कौन-कौन से स्थानीय ‘स्लीपर सेल’ मदद दे रहे थे।