बिहार चुनाव में ‘NDA एकजुट’, नीतीश की गैरहाज़िरी पर भाजपा ने तोड़ी चुप्पी

विपक्ष के दावे पर भाजपा का जवाब — "NDA की रणनीति के तहत हर नेता अलग-अलग करेंगे प्रचार"

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  • धर्मेंद्र प्रधान बोले,  यह NDA की पूर्व-निर्धारित रणनीति है, कोई मतभेद नहीं।
  • कांग्रेस ने उठाया सवाल, “नीतीश अब CM नहीं बनेंगे।”
  • प्रधान का पलटवार, “नीतीश कुमार खुद PM मोदी के साथ कई सरकारी कार्यक्रमों में रहे हैं।”
  • दूसरे चरण की वोटिंग से पहले NDA और महागठबंधन के बीच जबरदस्त जुबानी जंग।

समग्र समाचार सेवा
पटना, 10 नवंबर: बिहार चुनावों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गैरहाज़िरी पर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि भाजपा अब नीतीश कुमार को दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहती।

इस पर जवाब देते हुए भाजपा के बिहार संयोजक धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह NDA की रणनीति का हिस्सा है कि हर नेता अलग-अलग इलाकों में प्रचार करेगा।

> “चुनाव से पहले पीएम मोदी 7–8 सरकारी कार्यक्रमों में शामिल हुए थे, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार सरकार के निमंत्रण पर हुए थे। 24 अक्टूबर को जननायक कर्पूरी ठाकुर के गांव समस्तीपुर में चुनाव अभियान की शुरुआत में सभी NDA नेता, पीएम मोदी, सीएम नीतीश कुमार, उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान, मौजूद थे,” प्रधान ने ANI से कहा।

प्रधान ने यह भी स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार को प्रचार से अलग नहीं किया गया है, बल्कि यह ‘संयुक्त लेकिन स्वतंत्र प्रचार अभियान’ की योजना है।

दूसरी ओर, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने नीतीश कुमार को NDA के घोषणापत्र जारी करने के कार्यक्रम में भी बोलने नहीं दिया।

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार रविवार को समाप्त हुआ। 11 नवंबर को मतदान होना है, जबकि 14 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे।
इस चरण में एनडीए के लिए चुनौतीपूर्ण मुकाबला माना जा रहा है, खासकर उत्तरी बिहार के इलाकों, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, शिवहर और सीतामढ़ी, में जहां वर्तमान में NDA के पास 30 सीटें हैं।

इस चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 12 मंत्रियों की किस्मत दांव पर है, जिनमें प्रमुख नाम हैं, विजेंद्र यादव (सुपौल), लेसी सिंह (धमदाहा), जयंत कुशवाहा (अमरपुर), सुमित सिंह (चकाई), मोहम्मद जामा खान (चैनपुर) और शीला मंडल (फूलपरस)।
वहीं महागठबंधन (कांग्रेस, RJD, वाम दल और वीआईपी) सत्ता में वापसी की कोशिश में है।

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