ब्रह्मचारी गिरीश जी ने किए स्वामी ज्ञानानन्द सरस्वती जी के दर्शन
गोवर्धन श्री पीठाधीश्वर के साथ आध्यात्मिक मूल्यों पर हुई सार्थक चर्चा; स्वामी जी ने महर्षि महेश योगी के कार्यों को सराहा।
- ब्रह्मचारी गिरीश जी ने गोवर्धन, वृन्दावन में गोवर्धन श्री पीठाधीश्वर पूज्य स्वामी श्री ज्ञानानन्द सरस्वती जी महाराज से भेंट की।
- पूज्य स्वामी जी ने महर्षि महेश योगी जी को याद किया और गिरीश जी द्वारा उनके कार्यों को जारी रखने की सराहना की।
- आध्यात्मिक मूल्यों पर उपयोगी चर्चा हुई, जिसके बाद दोनों संतों के बीच पुस्तकों का आदान-प्रदान हुआ।
समग्र समाचार सेवा
वृंदावन, (उत्तर प्रदेश), 10 नवंबर: गोवर्धन और वृन्दावन की पवित्र भूमि पर दो महान आध्यात्मिक परंपराओं का सुंदर मिलन देखने को मिला। ब्रह्मचारी गिरीश जी, जो महर्षि महेश योगी जी के कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं, उन्होंने हाल ही में गोवर्धन स्थित गोवर्धन श्री पीठाधीश्वर परमहंस पूज्य स्वामी श्री ज्ञानानन्द सरस्वती जी महाराज से भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर श्री अशोक अरोरा एवं श्री रामदेव जी भी उनके साथ उपस्थित रहे।
ब्रह्मचारी गिरीश जी ने स्वामी जी को श्रद्धापूर्वक पुष्प माला, तुलसी माला, शॉल और मिष्ठान अर्पित कर सम्मानित किया। यह भेंट न केवल सम्मान का प्रतीक थी, बल्कि आध्यात्मिक जगत के प्रति उनके गहरे समर्पण को भी दर्शाती है। पूज्य स्वामी जी ने अत्यंत स्नेह और कृपा के साथ ब्रह्मचारी जी को आशीर्वाद दिया।

🎁 शॉल और प्रसाद: पूज्य स्वामी जी का अनुग्रह
पूज्य स्वामी श्री ज्ञानानन्द सरस्वती जी महाराज ने ब्रह्मचारी गिरीश जी के सम्मान के प्रत्युत्तर में उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इसके साथ ही, उन्होंने भगवान श्री कृष्ण और राधा जी का प्रसाद भी भेंट किया, जिससे यह मुलाकात और भी अधिक पावन हो गई।
यह भेंट गोवर्धन श्री पीठ में उस समय हुई, जब मुंबई के श्री आर.एन. श्रीवास्तव एवं उनके परिवार द्वारा वहाँ श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा था। ब्रह्मचारी गिरीश जी ने स्वामी जी के साथ कथा का श्रवण किया और आरती में भी श्रद्धापूर्वक भाग लिया।
🗣️ जीवन में आध्यात्मिक मूल्यों पर उपयोगी चर्चा
आरती और कथा श्रवण के पश्चात्, दोनों महानुभावों के बीच अत्यंत सौजन्यपूर्ण और आध्यात्मिक वातावरण में लंबी चर्चा हुई। यह चर्चा मुख्य रूप से जीवन में आध्यात्मिक मूल्यों के महत्त्व और राष्ट्र के उत्थान में उनकी भूमिका पर केंद्रित रही। ब्रह्मचारी गिरीश जी और पूज्य स्वामी जी ने साझा किया कि कैसे आधुनिक जीवन की चुनौतियों के बीच आध्यात्मिक स्थिरता और शांति प्राप्त की जा सकती है।
इस दौरान, स्वामी श्री ज्ञानानन्द सरस्वती जी महाराज ने परम पूज्य महर्षि महेश योगी जी को भी अत्यंत आदर के साथ याद किया। उन्होंने महर्षि जी के कार्यों, जैसे कि ‘महर्षि वेद विज्ञान’ और ‘भावातीत ध्यान’ के वैश्विक प्रसार की महत्ता को स्वीकार किया। स्वामी जी ने ब्रह्मचारी गिरीश जी द्वारा महर्षि जी के इन कार्यों को पूरी निष्ठा और लगन के साथ जारी रखने की भूरि-भूरि सराहना की है। यह सराहना दोनों संत परंपराओं के बीच आपसी सम्मान और समन्वय को दर्शाती है।
📚 ज्ञान का आदान-प्रदान: पुस्तकों की भेंट
सत्र के समापन पर, ब्रह्मचारी गिरीश जी द्वारा पूज्य स्वामी जी को महर्षि जी द्वारा लिखित अमूल्य पुस्तकें भेंट की गईं। इसके अतिरिक्त, ब्रह्मचारी जी ने अपनी स्वयं की पुस्तक भी स्वामी जी को भेंट की। इस प्रकार ज्ञान और विचारों का आदान-प्रदान हुआ, जो इस मुलाकात को केवल औपचारिक न बनाकर, इसे एक गहन आध्यात्मिक संवाद का रूप देता है। यह भेंटवार्ता महर्षि जी के विश्वव्यापी मिशन को आगे बढ़ाने में गोवर्धन पीठ के नैतिक समर्थन को भी दर्शाती है। यह आयोजन आध्यात्मिक एकता और राष्ट्रीय चेतना के प्रसार में महत्त्वपूर्ण साबित होगा।