दिल्ली NCR में बढ़ा प्रदूषण संकट! लगेगा वर्क फ्रॉम होम, हवा ‘इमरजेंसी’ स्तर पर
सीएम रेखा गुप्ता ने की खास अपील, जानिए किन शहरों में सबसे खराब है AQI
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दिल्ली में औसत AQI 391, नोएडा और गाजियाबाद में भी ‘बेहद खराब’ स्तर पर।
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कई इलाकों में AQI 420 से ऊपर, हवा में घनी धुंध और सांस लेने में दिक्कत।
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सीएम रेखा गुप्ता ने सरकारी कर्मचारियों के दफ्तर समय में भी बदलाव किया।
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पराली जलाने पर सीएक्यूएम ने पंजाब सरकार को सख्त चेतावनी दी।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 नवंबर: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। रविवार सुबह से ही राजधानी पर धुंध की मोटी परत छाई रही। हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों (PM 2.5 और PM 10) का स्तर इतना बढ़ गया कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
सबसे प्रदूषित इलाकों में रोहिणी (435), नेहरू नगर (426), बवाना (426), आरके पुरम (422) और आईटीओ (420) शामिल हैं। वहीं वज़ीरपुर (424) और विवेक विहार (415) में भी स्थिति बेहद चिंताजनक रही। औसत तौर पर, दिल्ली में AQI 391, नोएडा 391, गाजियाबाद 387, ग्रेटर नोएडा 366, और गुरुग्राम 252 दर्ज किया गया।
सीएम रेखा गुप्ता की अपील, “दिल्ली को बचाने में सबका सहयोग जरूरी”
राजधानी की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्लीवासियों से प्रदूषण कम करने में सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि लोग कारपूलिंग अपनाएं, अनावश्यक वाहन इस्तेमाल से बचें और संस्थान अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) की सुविधा दें।
सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए सरकारी कार्यालयों के समय में भी बदलाव किया है। नई व्यवस्था के तहत 15 नवंबर 2025 से 15 फरवरी 2026 तक दिल्ली सरकार के दफ्तर सुबह 10:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक, जबकि नगर निगम (MCD) के दफ्तर सुबह 8:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक चलेंगे।
पराली पर एक्शन की तैयारी, पंजाब सरकार को चेतावनी
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं पर सख्त नाराजगी जताई है। आयोग ने कहा कि राज्य को तुरंत प्रभावी कदम उठाने होंगे, वरना कार्रवाई तय है।
सीएक्यूएम के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने बठिंडा के लहरा मोहब्बत ताप विद्युत संयंत्र की खराब स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि यदि मानकों का पालन नहीं हुआ तो संयंत्र बंद करने के निर्देश दिए जा सकते हैं।
वहीं हरियाणा में इस बार धान कटाई के मौसम में पराली जलाने के मामलों में कमी देखी गई है, जो राहत की बात है।
डीपीसीसी की रिपोर्ट, थोड़ा सुधार, पर हालात अभी भी गंभीर
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में इस साल नवंबर के पहले सप्ताह में वायु गुणवत्ता थोड़ी बेहतर रही है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मौसम और मानवीय गतिविधियाँ इसी तरह जारी रहीं तो आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है।
लिस्ट में देखिए आपके शहर में कैसी हवा












