- लालू यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव को RJD से निष्कासित किए जाने के बाद से उनका राजनीतिक भविष्य सवालों के घेरे में है।
- BJP सांसद और अभिनेता रवि किशन ने संकेत दिया है कि अगर तेज प्रताप यादव BJP में शामिल होना चाहें, तो पार्टी के दरवाजे खुले हैं।
- यह बयान बिहार चुनाव के दूसरे चरण के प्रचार के बीच आया है, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है और लालू परिवार में कलह का मुद्दा फिर चर्चा में आ गया है।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 07 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के इर्द-गिर्द की राजनीतिक अनिश्चितता एक बार फिर सुर्खियों में है। लालू परिवार में लंबे समय से चल रही खींचतान, खासकर तेज प्रताप और उनके भाई तेजस्वी यादव के बीच, किसी से छिपी नहीं है। हाल ही में, पार्टी और परिवार से निष्कासित होने के बाद तेज प्रताप ने अपनी अलग पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ का गठन किया और महुआ सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
तेज प्रताप यादव ने अपनी पार्टी और परिवार से निकाले जाने को लेकर BJP और RSS पर भी साजिश रचने का आरोप लगाया था। उनका दावा रहा है कि तेजस्वी के आसपास के लोग उन्हें किनारे करने का षड्यंत्र कर रहे हैं। इस अंदरूनी कलह के बीच, RJD को डर है कि तेज प्रताप निर्दलीय या अपनी पार्टी के माध्यम से महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं।
रवि किशन का बड़ा संकेत: BJP के दरवाज़े खुले हैं
लालू परिवार की इस अंदरूनी लड़ाई के बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद और अभिनेता रवि किशन ने एक बड़ा बयान देकर सियासी पारा और बढ़ा दिया है। दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के दौरान, रवि किशन ने मीडिया से बात करते हुए साफ संकेत दिया कि अगर तेज प्रताप यादव BJP में शामिल होने का फैसला करते हैं, तो पार्टी उनका स्वागत कर सकती है।
रवि किशन ने यह कहकर लालू परिवार के बिखराव को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की है कि एक बेटा (तेज प्रताप) परिवार और पार्टी में उपेक्षा महसूस कर रहा है, जबकि दूसरा बेटा (तेजस्वी) खुद को स्थापित करने की कोशिश में है। रवि किशन का यह बयान सीधे तौर पर तेज प्रताप को BJP की ओर आकर्षित करने और महागठबंधन को आंतरिक रूप से अस्थिर करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
सियासी गणित और जंगलराज की वापसी का मुद्दा
BJP के लिए तेज प्रताप यादव का संभावित प्रवेश एक डबल एज तलवार जैसा हो सकता है। एक ओर, यह लालू परिवार के विभाजन को सार्वजनिक मंच पर स्थापित करेगा, जिससे तेजस्वी यादव पर दबाव बढ़ेगा। दूसरी ओर, तेज प्रताप यादव पर भी कुछ आपराधिक मामले दर्ज हैं, और बाहुबली की छवि वाले किसी नेता को शामिल करना BJP के ‘सुशासन और विकास’ के एजेंडे पर सवाल खड़े कर सकता है।
हालांकि, BJP और NDA नेता लगातार RJD के शासन को ‘जंगलराज’ से जोड़कर हमलावर रहे हैं। रवि किशन और अन्य BJP नेताओं ने तेजस्वी यादव और लालू यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि जनता अब जंगलराज को वापस नहीं आने देगी। रवि किशन ने राहुल गांधी के मछली पकड़ने के वीडियो पर भी तंज कसते हुए कहा था कि उन्हें उतनी भी सीटें नहीं मिलेंगी, जितनी मछलियाँ उन्होंने पकड़ी हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि BJP, तेज प्रताप को प्रत्यक्ष रूप से पार्टी में शामिल न भी करे, लेकिन उनके साथ अप्रत्यक्ष तालमेल बिठाकर RJD के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश जरूर कर सकती है, खासकर महुआ और आसपास के उन क्षेत्रों में जहाँ लालू परिवार का प्रभाव है। यह बयान बिहार चुनाव के दूसरे चरण के माहौल में बड़ी राजनीतिक हलचल पैदा करता है।