रूसी सेना में भर्ती होना ख़तरे से भरा: MEA की सख़्त चेतावनी

विदेश मंत्रालय की अपील: नौकरी के झांसे में न आएं भारतीय नागरिक; 44 अभी भी रूस की सेना में कार्यरत।

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  • भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बार फिर भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में किसी भी नौकरी के ऑफर से दूर रहने की सख्त चेतावनी दी है।
  • विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जानकारी दी कि वर्तमान में 44 भारतीय नागरिक अभी भी रूसी सेना में कार्यरत हैं और उन्हें छुड़ाने के प्रयास जारी हैं।
  • MEA ने यह मुद्दा दिल्ली और मॉस्को दोनों जगह रूसी अधिकारियों के समक्ष उठाया है और सभी नागरिकों को जल्द रिहा करने की मांग की है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 07 नवंबर: विदेश मंत्रालय (MEA) ने भारतीय नागरिकों को विदेश में नौकरी के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी और विशेष रूप से रूसी सेना में भर्ती के खतरों को लेकर एक बार फिर सख्त चेतावनी जारी की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने पिछले एक साल में कई मौकों पर इस तरह की कार्रवाई में निहित खतरों और जोखिमों को रेखांकित किया है और भारतीय नागरिकों को आगाह किया है।

MEA ने कहा कि उन्हें हाल ही में रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती की नई रिपोर्ट्स मिली हैं, जो अत्यंत चिंताजनक है। दरअसल, कई रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिनमें दावा किया गया है कि एजेंटों द्वारा भारतीय युवाओं को कंस्ट्रक्शन या सहायक स्टाफ की नौकरी का झांसा देकर रूस ले जाया गया, लेकिन वहाँ उन्हें धोखे से रूसी सेना में शामिल कर लिया गया और यूक्रेन के युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया।

44 भारतीय अभी भी कार्यरत: राजनयिक प्रयास जारी

प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत सरकार उन भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, जो इस भर्ती प्रक्रिया से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने पुष्टि की कि 44 भारतीय नागरिक अभी भी रूसी सेना में कार्यरत हैं। भारत सरकार इन सभी प्रभावित नागरिकों के परिवारों के भी लगातार संपर्क में है।

रणधीर जायसवाल ने जोर देकर कहा कि इस मामले को दिल्ली में रूसी दूतावास और मॉस्को दोनों जगह रूसी अधिकारियों के समक्ष उठाया गया है। भारत ने रूसी पक्ष से सख्ती से आग्रह किया है कि वे इस तरह की भर्ती पर तुरंत रोक लगाएँ और जिन भारतीयों को फँसाया गया है, उन्हें जल्द से जल्द मुक्त करें और सुरक्षित स्वदेश वापसी सुनिश्चित करें। यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बैठकों में भी उठाया जा चुका है, जिसके बाद रूस ने आश्वासन दिया था कि वह अपने सैन्य दस्तों में भारतीयों की भर्ती नहीं करेगा।

थाईलैंड से 270 नागरिकों की वापसी

इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय ने एक और महत्वपूर्ण जानकारी दी। प्रवक्ता जायसवाल ने बताया कि म्यांमार से भागकर थाईलैंड पहुंचे 270 भारतीय नागरिकों को भी सुरक्षित स्वदेश वापस लाया गया है। ये नागरिक म्यांमार सरकार की अवैध कॉल सेंटर पर की गई कार्रवाई के बाद सीमा पार कर थाईलैंड पहुंचे थे। भारतीय दूतावास ने इनकी स्थिति की पुष्टि और दस्तावेज़ सत्यापन के बाद इन्हें भारत लाने की व्यवस्था की।

विदेश मंत्रालय ने देशवासियों से अपील की है कि वे किसी भी विदेशी नौकरी या भर्ती के अवसर में शामिल होने से पहले पूरी जानकारी लें और सुरक्षा का मूल्यांकन करें। मंत्रालय ने चेताया है कि रूसी सेना में शामिल होने का कोई भी प्रस्ताव एक “खतरों से भरा रास्ता” है और नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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