अंतर्राष्ट्रीय प्रोस्थेटिक्स दिवस 2025: समावेशी स्वास्थ्य का आधार

OPAI दिल्ली चैप्टर द्वारा भव्य आयोजन; मंत्री रविंद्र इंद्रराज सिंह ने प्रोस्थेटिस्ट्स को बताया मुख्यधारा स्वास्थ्य सेवा का अंग

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • आयोजन: अंतर्राष्ट्रीय प्रोस्थेटिक्स एवं ऑर्थोटिक्स दिवस 2025, OPAI दिल्ली चैप्टर द्वारा आयोजित।
  • मुख्य विषय: “प्रोस्थेटिक्स एवं ऑर्थोटिक्स: समावेशी स्वास्थ्य का आधार और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का मार्ग।”
  • सरकारी समर्थन: केंद्रीय मंत्री श्री रविंद्र इंद्रराज सिंह और अपर सचिव मनमीत कौर नंदा ने P&O पेशेवरों की सराहना की।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 06 नवंबर: ऑर्थोटिक्स और प्रोस्थेटिक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (OPAI) – दिल्ली चैप्टर ने कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली के स्पीकर हॉल में अंतर्राष्ट्रीय प्रोस्थेटिक्स एवं ऑर्थोटिक्स दिवस 2025 को बड़े उत्साह के साथ मनाया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समावेशी स्वास्थ्य सेवा (Inclusive Healthcare) और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (Universal Health Coverage) को बढ़ावा देने में प्रोस्थेटिक्स एवं ऑर्थोटिक्स (P&O) के बढ़ते महत्व पर चर्चा करना था। यह आयोजन देश भर के पेशेवरों, विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और छात्रों को एक मंच पर लाया।

मंत्री ने सराहा ‘मुख्यधारा’ का योगदान

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए, माननीय मंत्री श्री रविंद्र इंद्रराज सिंह ने प्रोस्थेटिस्ट्स और ऑर्थोटिस्ट्स के अथक प्रयासों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि ये पेशेवर अब मुख्यधारा स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र (mainstream healthcare ecosystem) का एक अभिन्न अंग हैं, न कि बाद में विचार करने वाला विषय।

मंत्री ने टिप्पणी की, “ये पेशेवर दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने, उन्हें गतिशीलता, आत्मविश्वास और सम्मान वापस दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दिल्ली सरकार समावेशी स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने और सभी के लिए पहुँच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्होंने OPAI जैसे संगठनों के चल रहे योगदान की भी प्रशंसा की।

 DEPwD की अतिरिक्त सचिव ने बताया ‘अनसंग हीरो’

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, DEPwD (दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग) की अपर सचिव सुश्री मनमीत कौर नंदा ने रेखांकित किया कि भारत सरकार दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सहायक प्रौद्योगिकी, पहुँच (Accessibility) और पुनर्वास सेवाओं को आगे बढ़ाने पर गहनता से ध्यान केंद्रित कर रही है।

उन्होंने जोर देकर कहा, “प्रोस्थेटिस्ट्स और ऑर्थोटिस्ट्स समावेशी विकास के अनसंग हीरो हैं। उनके द्वारा डिज़ाइन किया गया हर उपकरण और बनाया गया हर सहारा सम्मान, स्वतंत्रता और समानता में योगदान देता है। उनका काम वास्तव में समावेशी स्वास्थ्य सेवा की भावना का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि यह मंच नीति और अभ्यास के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का काम करता है, यह सुनिश्चित करता है कि नवाचार और सहानुभूति राष्ट्र निर्माण में एक साथ चलें।

‘सीमाओं को संभावनाओं में बदलने का कार्य’

इस अवसर पर OPAI के पदाधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए और प्रोस्थेटिक्स एवं ऑर्थोटिक्स के महत्व पर प्रकाश डाला।

OPAI दिल्ली चैप्टर के अध्यक्ष, श्री राजेश दास ने कहा कि यह दिन न केवल पेशे का उत्सव है, बल्कि उस भावना को श्रद्धांजलि है जो दिव्यांग व्यक्तियों को नई दिशा, नए आत्मविश्वास और पहचान की भावना से सशक्त बनाती है।

OPAI के राष्ट्रीय अध्यक्ष, डॉ. एम.सी. दश ने संस्कृत के श्लोक “पंगु लंघयते गिरि” (पंगु भी पर्वत को पार कर सकता है) के महत्व पर ज़ोर दिया, जो सहायक तकनीक के माध्यम से असंभव को संभव बनाने की शक्ति को दर्शाता है।

OPAI के सचिव, डॉ. अजेंद्र कुमार ने कहा: “हम केवल उपकरण नहीं बनाते — हम क्षमता, गतिशीलता और सम्मान बनाते हैं। हमारा काम केवल तकनीकी नहीं, बल्कि परिवर्तनकारी है — जो सीमाओं को संभावनाओं में और संभावनाओं को उपलब्धियों में बदल देता है।”

कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और RCI-मान्यता प्राप्त सतत पुनर्वास शिक्षा (CRE) सत्र के साथ हुआ। इस अवसर पर क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले कई उद्योग भागीदारों और संस्थानों को भी सम्मानित किया गया।

 

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.