बिलासपुर ट्रेन हादसा: MEMU की मालगाड़ी से टक्कर, मृतकों की संख्या 11 हुई

सिग्नल ओवरशूट को हादसे की शुरुआती वजह बताया गया, 20 से अधिक घायल; रेलवे ने 10 लाख मुआवजे का किया ऐलान

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  • हादसे का कारण: शुरुआती जांच में मेमू ट्रेन का ‘सिग्नल ओवरशूट’ करना प्रमुख वजह माना जा रहा है।
  • क्षति और हताहत: दुर्घटना में 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 20 से ज़्यादा यात्री घायल हुए हैं।
  • मुआवजे की घोषणा: रेलवे ने मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख, गंभीर घायलों को ₹5 लाख, और मामूली घायलों को ₹1 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है।

समग्र समाचार सेवा
बिलासपुर (छत्तीसगढ़), 05 नवंबर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मंगलवार देर शाम एक भीषण रेल हादसा हो गया। गेवरा रोड से बिलासपुर जा रही एक मेमू (MEMU) पैसेंजर ट्रेन बिलासपुर स्टेशन के करीब गतौरा और बिलासपुर के बीच, लाल खदान के नजदीक एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। यह टक्कर इतनी भयंकर थी कि मेमू ट्रेन का इंजन और एक कोच मालगाड़ी के आखिरी डिब्बे के ऊपर चढ़ गया, जिससे ट्रेन के डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।

शुरुआती घंटों में 8 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी, लेकिन बुधवार सुबह तक मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है, जबकि 20 से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) ने इस हादसे के पीछे की शुरुआती वजह ‘सिग्नल ओवरशूट’ को बताया है, जिसका अर्थ है कि यात्री ट्रेन के लोको पायलट ने खतरे के निशान (रेड सिग्नल) को अनदेखा कर दिया था। हादसे के बाद पूरे इलाके में चीख-पुकार मच गई और बचाव कार्य तेज़ी से शुरू किया गया।

1. कैसे हुआ भीषण रेल हादसा?

यह दर्दनाक दुर्घटना मंगलवार शाम लगभग 4 बजे के आसपास हावड़ा-मुंबई अप लाइन पर हुई। कोरबा जिले के गेवरा रोड से बिलासपुर आ रही मेमू लोकल ट्रेन (68733) तेज़ गति से उसी ट्रैक पर आ गई, जिस पर पहले से एक मालगाड़ी खड़ी थी। टक्कर इतनी भीषण थी कि मेमू ट्रेन का आगे का कोच पूरी तरह से कुचल गया और मालगाड़ी के डिब्बे पर चढ़ गया। मेमू ट्रेन के लोको पायलट विद्या सागर की इस हादसे में दुःखद मृत्यु हो गई है, जबकि महिला असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज गंभीर रूप से घायल हुई हैं।

हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन, स्थानीय पुलिस, और एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें तुरंत मौके पर पहुँचीं। गैस कटर की मदद से ट्रेन के मलबे को काटकर फंसे हुए यात्रियों को बाहर निकाला गया। घायलों को तुरंत बिलासपुर के सिम्स (CIMS) और अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ कई घायलों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।

2. हादसे का शुरुआती कारण और तकनीकी जांच

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) के अधिकारियों ने बताया कि यह दुर्घटना प्राथमिक तौर पर मानवीय त्रुटि का परिणाम प्रतीत होती है। प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिला है कि मेमू ट्रेन के चालक ने लाल सिग्नल को पार (सिग्नल ओवरशूट) कर दिया, जिससे वह आगे खड़ी मालगाड़ी के पिछले हिस्से से टकरा गई।

रेलवे ने इस गंभीर दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) के स्तर पर विस्तृत जांच की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ब्रेकिंग सिस्टम सही काम कर रहा था या नहीं, और क्या लोको पायलट को सिग्नल की जानकारी सही समय पर मिली थी। यह भी सामने आया है कि इस संवेदनशील रूट पर अभी तक ट्रेनों की भिड़ंत रोकने वाली ‘कवच’ प्रणाली (Kavach System) लागू नहीं की गई थी।

3. हेल्पलाइन नंबर और राहत कार्य

रेलवे ने इस दुर्घटना के पीड़ितों और उनके परिजनों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि वे यात्रियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें:

स्टेशन                         हेल्पलाइन नंबर
बिलासपुर                  7777857335, 7869953330
चांपा                          8085956528
रायगढ़                      9752485600
कोरबा                      7869953330

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। हादसे के कारण हावड़ा-मुंबई रूट पर रेल परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, और कई ट्रेनों को रद्द किया गया या उनके रूट बदल दिए गए हैं।

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