वंशवादी राजनीति भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरा: थरूर
शहजाद पूनावाला ने राहुल-तेजस्वी को बताया 'नेपो किड', थरूर को दी चेतावनी
- कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक लेख में वंशवादी राजनीति को भारतीय लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा बताया है।
- उन्होंने नेहरू-गांधी परिवार समेत कई अन्य क्षेत्रीय दलों में वंशवाद के गहरे प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है।
- भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने थरूर के बयान का समर्थन करते हुए राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को ‘नेपो किड’ कहा और थरूर को ‘फर्स्ट फैमिली’ के प्रतिशोध के प्रति आगाह किया।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 04 नवंबर: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ‘प्रोजेक्ट सिंडिकेट’ के लिए लिखे एक लेख में भारतीय राजनीति में वंशवाद की गहरी पैठ पर खुलकर अपनी राय रखी है। थरूर ने कहा है कि जब तक भारतीय राजनीति एक पारिवारिक उद्यम बनी रहेगी, तब तक सच्चा लोकतंत्र पूरी तरह से हासिल नहीं किया जा सकता।
थरूर ने अपने लेख में लिखा है, “यह विश्वास कि राजनीतिक राजवंशों के सदस्य नेतृत्व के लिए अद्वितीय रूप से उपयुक्त हैं, भारत के शासन के ढांचे में बुरी तरह से बुना गया है। दशकों से एक परिवार (नेहरू-गांधी परिवार) भारतीय राजनीति पर हावी रहा है, जिसने यह विचार पुख्ता किया है कि राजनीतिक नेतृत्व जन्मसिद्ध अधिकार हो सकता है।”
उन्होंने आगे लिखा कि यह प्रवृत्ति कांग्रेस तक सीमित नहीं है, बल्कि तमिलनाडु में डीएमके, ओडिशा में बीजेडी, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और महाराष्ट्र में शिव सेना जैसे प्रमुख क्षेत्रीय दलों में भी मौजूद है। यहां तक कि ममता बनर्जी और कुमारी मायावती जैसी महिला राजनेताओं ने भी अपने भतीजों को अपना उत्तराधिकारी चुना है।
योग्यता की जगह वंश से तय होती है शक्ति
थरूर ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा कि वंशवादी राजनीति भारतीय लोकतंत्र के लिए एक गंभीर खतरा है। उनका मानना है कि जब राजनीतिक शक्ति योग्यता, प्रतिबद्धता या जमीनी जुड़ाव के बजाय केवल वंशावली से निर्धारित होती है, तो शासन की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
थरूर के मुताबिक, केवल उपनाम के आधार पर उम्मीदवारों का चयन सही नहीं है। राजवंशों के सदस्य आम लोगों की चुनौतियों से दूर रहते हैं, जिसके कारण वे अक्सर अपने मतदाताओं की जरूरतों का प्रभावी ढंग से जवाब देने में असमर्थ होते हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारत को अब वंशवाद की जगह योग्यतावाद अपनाना चाहिए। इसके लिए कानूनी रूप से नेताओं के लिए कार्यकाल की सीमा तय करना और पार्टियों के अंदर सार्थक चुनाव कराना जैसे मौलिक सुधारों की आवश्यकता है।
शहजाद पूनावाला ने राहुल को बताया ‘नेपो किड’
शशि थरूर के इस लेख पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे कांग्रेस पर हमले के लिए एक ‘बड़ा हथियार’ बना लिया है। भाजपा प्रवक्ता और पूर्व कांग्रेसी नेता शहजाद पूनावाला ने थरूर के बयान का समर्थन करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बिहार में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव को सीधे तौर पर ‘नेपो किड’ (भाई-भतीजावाद के शिकार) कहा है।
पूनावाला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “भारतीय राजनीति एक पारिवारिक व्यवसाय कैसे बन गई है, इस पर डॉ. शशि थरूर द्वारा लिखित बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख। उन्होंने भारत के ‘नेपो किड’ राहुल और छोटा ‘नेपो किड’ तेजस्वी यादव पर सीधा हमला किया है।” पूनावाला ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यही कारण है कि कांग्रेस के ‘नामदार’ (वंशवादी) लोग प्रधानमंत्री मोदी जैसे ‘कामदार चायवाले’ से नफरत करते हैं।
थरूर को ‘फर्स्ट फैमिली’ के प्रतिशोध की चेतावनी
शहजाद पूनावाला ने शशि थरूर के खिलाफ संभावित पार्टी कार्रवाई को लेकर भी उन्हें आगाह किया। पूनावाला ने अपने अनुभव का हवाला देते हुए लिखा, “हतप्रभ हूं कि इतनी स्पष्टता से बोलने के लिए डॉ. थरूर का क्या अंजाम होगा। सर, जब मैंने 2017 में राहुल गांधी को नेपो नामदार कहा था, आप जानते हैं कि मेरे साथ क्या हुआ था। सर आपके लिए प्रार्थना कर रहा हूं…। प्रथम परिवार बहुत प्रतिशोधी है।”
थरूर के इस बयान पर कांग्रेस के भीतर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने गांधी परिवार का बचाव करते हुए कहा है कि वंशवाद हर क्षेत्र में है और गांधी परिवार ने देश के लिए बलिदान दिया है।