अमेरिका से तनाव के बीच, कनाडा ने भारत को बताया ‘प्रगति’ का साथी

PM कार्नी ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में नई आर्थिक साझेदारी पर ज़ोर दिया

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  • कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अमेरिका के साथ टैरिफ विवादों के बीच भारत के साथ संबंधों में प्रगति की बात कही है।  
  • कार्नी ने कहा कि कनाडा, अमेरिका पर व्यापारिक निर्भरता कम करने के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र में नई आर्थिक साझेदारियां तलाश रहा है।  
  • यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के साथ टैरिफ विवाद के चलते व्यापार वार्ताएं रोक दी हैं।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 03 नवंबर: कनाडा और अमेरिका के बीच चल रहे तीखे व्यापारिक तनाव के बीच, कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने देश की विदेश और आर्थिक रणनीति में एक बड़ा बदलाव लाने का संकेत दिया है। दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू में पत्रकारों से बात करते हुए प्रधानमंत्री कार्नी ने कहा कि कनाडा का मुख्य लक्ष्य घरेलू साझेदारियों को मजबूत करना, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना और अमेरिका पर निर्भरता कम करना है।

कार्नी ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस पहल को मिल रही गति ‘भारत के साथ हमारी उन्नति’ से साफ झलक रही है। उन्होंने कहा, “हम एशिया-प्रशांत देशों के साथ नई आर्थिक साझेदारियां बना रहे हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था का 60 प्रतिशत हिस्सा है। और इससे बेहतर जगह कोई नहीं हो सकती।”

प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, कनाडा की नई सरकार अगले दशक में गैर-अमेरिकी निर्यात को दोगुना करने के अपने महत्वपूर्ण अभियान को गति दे रही है, जिसके लिए भारत-प्रशांत क्षेत्र के साझेदारों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

भारत के साथ संवाद और संबंधों में सुधार

कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने स्वीकार किया कि उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधी मुलाकात नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कनाडा के विदेश मंत्री और अन्य कैबिनेट मंत्री भारत से लगातार संवाद में हैं।

यह बयान उस गति को दर्शाता है जिसके साथ कार्नी ने इस साल मार्च में पदभार संभालने के बाद भारत के साथ संबंधों को धीरे-धीरे सुधारा है। ये संबंध सितंबर 2023 में तब बिगड़ गए थे जब पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और ‘भारतीय एजेंटों’ के बीच ‘विश्वसनीय लिंक’ होने का आरोप लगाया था। भारत ने इन आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘दुर्भावनापूर्ण’ करार दिया था।

संबंधों में सुधार के संकेत के रूप में, पिछले महीने कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने भारत का दौरा किया था। इस दौरान दोनों देशों ने व्यापार, क्रिटिकल मिनरल्स और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक रोडमैप जारी किया था।

टैरिफ विवाद ने बढ़ाया तनाव

अमेरिका और कनाडा के बीच मौजूदा तनाव तब बढ़ा जब कनाडा के ओंटारियो प्रांत ने अमेरिका में एक एंटी-टैरिफ विज्ञापन जारी किया, जिसमें कथित तौर पर पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की आवाज का इस्तेमाल किया गया था। इस विज्ञापन से नाराज़ होकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के साथ सभी व्यापारिक वार्ताएं खत्म कर दीं और 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी।

इस विवाद के बाद, कनाडाई पीएम कार्नी ने ट्रंप से इस ‘विज्ञापन विवाद’ पर माफी भी मांगी थी। हालांकि, अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक कनाडा अपनी ‘गलत सूचना नीति’ बंद नहीं करता, तब तक कोई व्यापार से संबंधित बातचीत नहीं होगी। ऐसे में, कनाडा के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र, विशेषकर भारत, की तरफ ध्यान केंद्रित करना एक रणनीतिक आवश्यकता बन गया है ताकि वह अपनी अर्थव्यवस्था को किसी एक देश पर अत्यधिक निर्भरता के जोखिम से बचा सके।

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