“पाकिस्तान अपने ही लोगों को मार रहा है और झूठ बोल रहा है”

संयुक्त राष्ट्र में भारत का करारा प्रहार

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पूनम शर्मा
पाक अधिकृत कश्मीर में मानवाधिकार हनन पर भारत ने खोला पाकिस्तान का मुखौटा

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान की दोगली नीति और झूठी बयानबाजी को उजागर करते हुए उसे कड़ी फटकार लगाई । भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “जो देश अपने ही नागरिकों पर गोलियां चलाता है , उसे मानवाधिकार पर भाषण देने का कोई अधिकार नहीं ।”
यह तीखा जवाब पाकिस्तान द्वारा कश्मीर को लेकर लगाए गए झूठे आरोपों के प्रत्युत्तर में दिया गया । पाकिस्तान की झूठी कहानी का पर्दाफाश भारत के स्थायी मिशन के प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कहा कि पाकिस्तान पिछले सात दशकों से कश्मीर के नाम पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करता आया है , जबकि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर PoK में वह खुद अपने ही लोगों के अधिकारों का हनन कर रहा है ।
भारत ने कहा , “पाकिस्तान की कथनी और करनी में ज़मीन-आसमान का अंतर है । वह संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार की बात करता है , लेकिन PoK में निर्दोष नागरिकों को मारता , धमकाता और जेलों में डालता है ।” PoK में विद्रोह और सैन्य दमन भारत ने बताया कि अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जनता खुलकर विरोध कर रही है । लोग सड़कों पर उतरकर पाकिस्तान की सेना और प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं—“हमारे संसाधनों का शोषण क्यों हो रहा है ?” , “हमारे बच्चों पर गोलियां क्यों चलाई जा रही हैं ?” , “हमारे नेताओं को क्यों गायब किया जा रहा है ?” भारत ने कहा कि पाकिस्तान का प्रशासन इस विद्रोह को कुचलने के लिए भारी हथियारों और सेना का दमन कर रहा है । कई रिपोर्टों में यह भी सामने आया है कि PoK में बिजली , पानी और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए प्रदर्शन करने वाले नागरिकों पर गोलियां चलाई गईं और उन्हें आतंकवादी कहकर गिरफ्तार किया गया ।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की कड़ी टिप्पणी

भारत के प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कहा — “पाकिस्तान दशकों से झूठ बोलता आया है । वह कश्मीर की आज़ादी की बात करता है , लेकिन पहले अपने कब्जे वाले हिस्से से सेना हटाने की बात भूल गया है । 1948 के संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव में साफ लिखा है कि पाकिस्तान को पहले PoK खाली करना होगा — लेकिन 76 साल बीत गए , पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन ही किया ।” भारत ने याद दिलाया कि पाकिस्तान ने 1947 में अवैध रूप से जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से पर कब्जा किया था और तब से वह उस क्षेत्र में मानवाधिकारों की खुलेआम हत्या कर रहा है । “संयुक्त राष्ट्र का मंच प्रचार के लिए नहीं” — भारत ने पाकिस्तान पर यह भी आरोप लगाया कि वह संयुक्त राष्ट्र को “प्रचार मंच” की तरह इस्तेमाल कर रहा है । हर बार जब पाकिस्तान की सरकार घरेलू संकट में फंसती है , वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर “कश्मीर कार्ड” खेलती है ताकि अपनी जनता का ध्यान भटकाया जा सके । भारत ने कहा — “संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकारों की रक्षा के लिए बना है , न कि झूठ फैलाने के लिए । पाकिस्तान इसे अपनी राजनीति का उपकरण बना रहा है ।” भारत के मुताबिक पाकिस्तान बार-बार झूठे आंकड़े , पुरानी तस्वीरें और गढ़ी हुई कहानियां पेश करता है ताकि दुनिया को यह विश्वास दिला सके कि वह ‘कश्मीरियों के अधिकारों’ की रक्षा कर रहा है , जबकि हकीकत यह है कि उसके कब्जे वाले इलाकों में ही सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं ।

मानवाधिकार हनन और आतंकवाद का गठजोड़

भारत ने संयुक्त राष्ट्र को यह भी याद दिलाया कि पाकिस्तान का नाम अब वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के पनाहगाह के रूप में जाना जाता है । वहां से भारत समेत कई देशों में आतंकियों को प्रशिक्षित कर भेजा जाता है । PoK और गिलगित-बाल्टिस्तान जैसे क्षेत्रों में आतंकियों के ठिकाने बनाए गए हैं , जहाँ स्थानीय जनता को जबरन विस्थापित किया जा रहा है । भारत ने कहा कि पाकिस्तान न केवल अपने लोगों को दबा रहा है , बल्कि उन्हें आतंकवाद के ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है । “दुनिया अब पाकिस्तान के झूठ को पहचान चुकी है” भारत के वक्तव्य में यह भी कहा गया कि अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के असली चेहरे को पहचान चुका है । यूरोप और अमेरिका की कई संस्थाओं ने PoK और बलूचिस्तान में हो रहे अत्याचारों पर रिपोर्टें जारी की हैं । भारत ने कहा — “अब दुनिया पाकिस्तान के झूठ को बर्दाश्त नहीं करेगी । जो देश अपने नागरिकों को चुप कराने के लिए गोलियों और अत्याचार का सहारा लेता है , उसे मानवाधिकारों की बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं ।” भारत का स्पष्ट संदेश भारत ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था , है और रहेगा । पाकिस्तान द्वारा कब्जा किया गया हिस्सा भी भारत का ही हिस्सा है , जिसे एक दिन मुक्त किया जाएगा । भारत ने कहा कि जब तक पाकिस्तान अपने कब्जे वाले इलाकों से सेना नहीं हटाता और वहां के लोगों को स्वतंत्रता नहीं देता , तब तक उसे किसी मंच पर ‘कश्मीर’ का नाम लेने का कोई अधिकार नहीं ।

निष्कर्ष

संयुक्त राष्ट्र में भारत का यह जवाब केवल एक कूटनीतिक वक्तव्य नहीं , बल्कि पाकिस्तान की विकृत नीति और झूठी कूटनीति पर ऐतिहासिक प्रहार है । भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब PoK में हो रहे अत्याचारों और मानवाधिकार हनन पर दुनिया की आंखें बंद नहीं रहेंगी । आज जब पाकिस्तान अपने झूठ और दमनकारी नीतियों में फंस चुका है , भारत का यह सशक्त संदेश संयुक्त राष्ट्र के मंच से गूंज उठा — “पाकिस्तान पहले अपने घर में इंसाफ करे , फिर दूसरों को उपदेश दे ।”

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