- 17 बच्चे और 2 वयस्क बंधक: पवई के आरए स्टूडियो में 8 से 15 साल के 17 बच्चों को ऑडिशन के बहाने बंधक बनाया गया।
- आरोपी की पहचान और मंशा: बंधक बनाने वाला व्यक्ति रोहित आर्य था, जो यूट्यूबर और सामाजिक कार्यकर्ता बताया जाता है। उसने सरकारी प्रोजेक्ट के बकाया भुगतान और क्रेडिट न मिलने से नाराज होकर यह कदम उठाया था।
- पुलिस का सफल ऑपरेशन: फायर ब्रिगेड की मदद से पुलिस की क्विक रिस्पांस टीम (QRT) बाथरूम की खिड़की से अंदर घुसी और बच्चों को सुरक्षित बचा लिया।
समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 31 अक्टूबर: मुंबई के पवई (Powai) इलाके में गुरुवार को एक एक्टिंग स्टूडियो में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब रोहित आर्य नामक एक व्यक्ति ने 17 बच्चों समेत कुल 19 लोगों को बंधक बना लिया। ऑडिशन के बहाने बुलाए गए इन बच्चों को बचाने के लिए मुंबई पुलिस ने हाई-वोल्टेज ऑपरेशन चलाया। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी रोहित आर्य गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई।
🎬 ऑडिशन से बंधक बनने तक का खौफनाक सफर
यह पूरी घटना गुरुवार दोपहर करीब 1 बजे शुरू हुई। पवई के महावीर क्लासिक बिल्डिंग स्थित आरए स्टूडियो में एक वेब सीरीज़ के ऑडिशन के लिए बच्चों को बुलाया गया था। लंच टाइम के बाद जब केवल 17 बच्चे और दो वयस्क अंदर थे, तभी रोहित आर्य ने दरवाजे बंद कर दिए और सभी को बंधक बना लिया।
रोहित आर्य ने अंदर से एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें उसने अपनी मांगें बताईं। उसका कहना था कि न वह आतंकवादी है, न उसे पैसे चाहिए, बल्कि वह केवल कुछ नैतिक और प्रणालीगत सवालों के जवाब चाहता है। उसने चेतावनी दी कि अगर पुलिस ने हस्तक्षेप किया तो वह पूरे स्टूडियो में आग लगा देगा, क्योंकि उसके पास एयरगन और ज्वलनशील केमिकल भी मौजूद थे।
🚓 पुलिस ने चलाया ‘जीरो एरर’ रेस्क्यू ऑपरेशन
दोपहर 1:45 बजे मुंबई पुलिस को घटना की सूचना मिली, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के साथ त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT), बम निरोधक दस्ता और दमकल विभाग की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं।
बातचीत की कोशिश: पुलिस अधिकारियों ने आरोपी रोहित आर्य से बातचीत शुरू की, उसे भरोसा दिलाया कि उसकी हर मांग पर विचार किया जाएगा। यह बातचीत लगभग दो घंटे तक चली, ताकि बच्चों को कोई नुकसान न पहुंचे।
गुप्त प्रवेश मार्ग: जब बातचीत विफल हो गई और रोहित आर्य ने बच्चों को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी, तो पुलिस ने प्लान बी पर काम शुरू किया। दमकल विभाग की मदद से स्टूडियो के बाथरूम की खिड़की तोड़ी गई, जो मोशन सेंसर से सुरक्षित नहीं थी।
अंतिम कार्रवाई: क्यूआरटी के तीन अधिकारी खिड़की से अंदर दाखिल हुए। पुलिस को देखते ही रोहित आर्य ने उन पर एयरगन से फायर किया। बच्चों को बचाने के लिए, आत्मरक्षा में एक पुलिस इंस्पेक्टर ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से जवाबी गोली चलाई, जो रोहित आर्य के सीने में लगी। यह पूरा ऑपरेशन लगभग 35 मिनट में समाप्त हो गया।
💔 रोहित आर्य की नाराजगी की वजह
पुलिस जांच में सामने आया है कि 50 वर्षीय रोहित आर्य पुणे का रहने वाला था और एक यूट्यूबर तथा सामाजिक कार्यकर्ता था। उसकी नाराजगी महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग से थी।
‘माझी शाला, सुंदर शाला’ विवाद: रोहित आर्य का दावा था कि ‘माझी शाला, सुंदर शाला’ नामक सरकारी योजना की संकल्पना उसकी फिल्म ‘लेट्स चेंज’ पर आधारित थी।
बकाया और क्रेडिट: उसने आरोप लगाया कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के कार्यकाल में उसे इस प्रोजेक्ट का ₹2 करोड़ का भुगतान नहीं किया गया और न ही उसे काम का क्रेडिट दिया गया। इस आर्थिक नुकसान और अपमान के कारण वह मानसिक तनाव में था। हालांकि, सरकारी दस्तावेजों में रोहित आर्य के खर्चों को ‘अस्पष्ट और बढ़ा-चढ़ाकर’ बताया गया है और अनियमितताओं के कारण भुगतान रोका गया था।
शाम 5:15 बजे, गोली लगने से घायल रोहित आर्य को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। इस सफल ऑपरेशन ने सभी 17 मासूम बच्चों को सकुशल उनके माता-पिता के पास पहुंचा दिया।
 
			