छठ मोदी का कांग्रेस-आरजेडी पर वार — कहा, “बिहार ऐसा अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा”
बिहार में चुनावी माहौल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर बड़ा हमला बोला। कहा — कांग्रेस और आरजेडी छठ जैसी लोकआस्था का अपमान कर रहे हैं। छठ महापर्व हमारी संस्कृति और सामाजिक समरसता का प्रतीक है।
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पीएम मोदी ने राहुल गांधी और विपक्ष पर छठ महापर्व का अपमान करने का आरोप लगाया।
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कहा, निर्जला उपवास करने वाली महिलाओं की आस्था का मज़ाक उड़ाना शर्मनाक है।
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RJD-कांग्रेस को बताया कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन की पहचान।
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बोले,छठ पूजा में ममता, समता और सामाजिक समरसता झलकती है, ये बिहार का गौरव है।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 30 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बिहार में आयोजित एक जनसभा के दौरान कांग्रेस और आरजेडी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “आपका बेटा तो छठी मइया के जयजयकार दुनिया में कराने में लगा है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और आरजेडी के लोग छठी मइया का अपमान कर रहे हैं।”
पीएम मोदी ने सवाल किया, “क्या कोई चुनाव में वोट पाने के लिए छठी मईया का अपमान कर सकता है? क्या बिहार ऐसा अपमान बर्दाश्त करेगा? क्या निर्जला उपवास करने वाली महिलाएं इसे बर्दाश्त करेंगी?” उन्होंने कहा कि “आरजेडी और कांग्रेस के नेता बेशर्मी से कह रहे हैं कि छठी मईया की पूजा ड्रामा और नौटंकी है। ऐसे लोगों को सजा दोगे या नहीं दोगे, जो महिलाएं निर्जला जैसी कठिन व्रत रखती हैं?”
मोदी ने आगे कहा कि जो महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और गंगा जी में खड़ी होकर सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं, उन्हें RJD और कांग्रेस के लोग “ड्रामा” कह रहे हैं। “क्या बिहार की माताएं-बहनें इस अपमान को बर्दाश्त करेंगी? मैं जानता हूं कि छठी मईया के इस अपमान को बिहार का कोई भी व्यक्ति भूल नहीं सकता।”
पीएम मोदी ने कहा कि छठ महापर्व के बाद यह उनकी पहली जनसभा है। “छठ महापर्व बिहार और देश का गौरव है। देश और दुनिया में छठ महापर्व मनाया जाता है। जब हम छठ के गीत सुनते हैं, तो भाव-विभोर हो उठते हैं। छठी मईया की पूजा में मां की भक्ति, समता, ममता और सामाजिक समरसता झलकती है। छठ हमारी साझी विरासत का उत्सव है और हमारी सरकार चाहती है कि दुनिया इन मूल्यों से सीखे।”
मोदी ने आगे कहा कि आरजेडी और कांग्रेस ने बिहार में सिर्फ कुशासन और भ्रष्टाचार दिया। “मैं पांच शब्दों में उनके शासन की पहचान बताना चाहता हूं, कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन। ये ही जंगलराज की पहचान हैं। जहां कटुता का राज होता है, वहां कानून दम तोड़ता है। जहां कुशासन और करप्शन होता है, वहां सामाजिक न्याय नहीं होता, गरीब का हक लूट लिया जाता है। ऐसे लोग बिहार का भला कभी नहीं कर सकते।”
उन्होंने कहा कि बिहार को आगे बढ़ाने के लिए उद्यम और उद्योग चाहिए। “उद्योग के लिए जमीन, बिजली, कनेक्टिविटी और कानून का राज चाहिए। लेकिन जिनका इतिहास जमीन कब्जाने का है, जिन्होंने बिहार को लालटेन युग में रखा, वे विकास और कानून की बात नहीं कर सकते।”
 
			