‘CM-PM पद खाली नहीं!’: बिहार में अमित शाह का गाँधी-लालू परिवार पर तीखा वार

केंद्रीय गृह मंत्री ने दरभंगा और बेगूसराय में जनसभा को संबोधित करते हुए वंशवाद, भ्रष्टाचार और घुसपैठियों के मुद्दे पर घेरा

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  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बिहार में सीएम (नीतीश कुमार) और दिल्ली में पीएम (नरेंद्र मोदी) का पद खाली नहीं है।
  • उन्होंने लालू प्रसाद यादव और सोनिया गांधी पर वंशवाद की राजनीति करने और अपने बेटों को मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
  • शाह ने महागठबंधन को ‘ठगबंधन’ बताते हुए घुसपैठियों के मुद्दे पर भी निशाना साधा और ‘जंगलराज’ की वापसी को लेकर आगाह किया।

समग्र समाचार सेवा
दरभंगा/बेगूसराय, 30 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए प्रचार करते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को दरभंगा, समस्तीपुर और बेगूसराय में ताबड़तोड़ रैलियां कीं। उन्होंने अपने भाषणों में विपक्ष के गाँधी परिवार (सोनिया-राहुल) और लालू परिवार (लालू-तेजस्वी) पर जमकर हमला बोला।

शाह ने सीधे तौर पर कहा कि लालू प्रसाद यादव अपने बेटे तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने बेटे राहुल गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “मैं सोनिया जी और लालू जी दोनों से कहता हूं – बिहार में न सीएम का पद खाली है और न दिल्ली में पीएम का पद खाली है। आपके बेटों का नंबर नहीं लगने वाला है!” उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार में नीतीश कुमार और केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए मज़बूती से काम कर रहा है।

‘ठगबंधन’ और भ्रष्टाचार का मुद्दा

अमित शाह ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के महागठबंधन को ‘ठगबंधन’ (Alliance of Crooks) करार दिया। उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों को उठाते हुए विपक्ष पर प्रहार किया:

लालू यादव पर उन्होंने चारा घोटाला, बिटुमेन घोटाला और नौकरी के बदले जमीन घोटाला जैसे कई घोटालों में शामिल होने का आरोप लगाया।

कांग्रेस पर उन्होंने ₹12 लाख करोड़ के भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल होने का दावा किया।

शाह ने आरोप लगाया कि विपक्ष का एकमात्र एजेंडा अपने परिवार की तिजोरी भरना है और वे केवल अपने निजी लाभ के लिए सत्ता चाहते हैं।

‘जंगलराज’ की वापसी और घुसपैठियों पर वार

गृह मंत्री ने बिहार की जनता को लालू-राबड़ी शासनकाल के ‘जंगलराज’ की याद दिलाई और आगाह किया कि विपक्ष को वोट देने से राज्य 20 साल पीछे चला जाएगा। उन्होंने कहा कि यह चुनाव सिर्फ विधायक या मंत्री बनाने के लिए नहीं, बल्कि बिहार को जंगलराज से बचाने के लिए है।

इसके साथ ही, उन्होंने घुसपैठियों के मुद्दे पर भी राहुल गांधी और लालू यादव को घेरा। शाह ने कहा कि ये दोनों नेता बांग्लादेशी घुसपैठियों के संरक्षक बन गए हैं और उनके वोटों के दम पर देशविरोधी सरकार बनाना चाहते हैं। उन्होंने जनता से वादा किया कि एनडीए की सरकार बिहार की धरती से एक-एक घुसपैठिए को चुन-चुनकर बाहर करेगी।

दरभंगा के लिए विकास और सांस्कृतिक घोषणाएँ

चुनावी हमले के साथ-साथ, अमित शाह ने एनडीए सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और दरभंगा क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ भी कीं।

उन्होंने बताया कि दरभंगा में एयरपोर्ट बन चुका है और बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए एम्स (AIIMS) का निर्माण जारी है।

उन्होंने वादा किया कि दरभंगा में जल्द ही मेट्रो रेल परियोजना शुरू की जाएगी।

सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देते हुए, शाह ने घोषणा की कि मिथिला में प्राचीन पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए ₹500 करोड़ की लागत से एक केंद्र स्थापित किया जाएगा और माता सीता से जुड़े सभी स्थलों को ‘राम सर्किट’ से जोड़ा जाएगा।

उन्होंने याद दिलाया कि मोदी सरकार ने ही मैथिली भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया और संविधान का मैथिली में अनुवाद कराया।

शाह ने अपनी रैलियों में एनडीए को ‘पंच पांडव’ के रूप में पेश किया और विश्वास जताया कि वह बिहार में ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगा।

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