चक्रवात मोंथा: देश के 1/3 हिस्से में बारिश, 100 ट्रेनें रद्द

बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में सक्रिय हुए दो सिस्टम; कई राज्यों में 31 अक्टूबर तक भारी वर्षा की चेतावनी, ठंड का होगा आगमन।

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  • बंगाल की खाड़ी में बना ‘मोंथा‘ चक्रवात सोमवार शाम तक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदला, 110 किमी/घंटा की रफ्तार से तट से टकराने की आशंका।
  • आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु में भारी बारिश का रेड अलर्ट, जबकि दिल्ली-एनसीआर, यूपी, बिहार और एमपी समेत 10 से अधिक राज्यों में बारिश का पूर्वानुमान।
  • दक्षिण मध्य रेलवे और पूर्वी तटीय रेलवे ने चक्रवात के कारण एहतियात के तौर पर 100 से अधिक ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया है।

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर: बंगाल की खाड़ी में उठे शक्तिशाली चक्रवाती तूफान ‘मोंथा‘ और अरब सागर के ऊपर बन रहे गहरे दबाव के क्षेत्र के साथ ही उत्तर के पहाड़ी क्षेत्रों में सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ ने पूरे देश के मौसम के मिजाज को पूरी तरह से बदल दिया है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले चार से पांच दिनों तक देश का लगभग एक तिहाई हिस्सा भारी बारिश और तेज हवाओं की चपेट में रह सकता है।

भीषण चक्रवाती तूफान में बदला ‘मोंथा

मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बना यह मौसम तंत्र सोमवार (27 अक्टूबर) शाम तक एक गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले चुका था और इसकी गति 88 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुँच गई थी। मंगलवार (28 अक्टूबर) को इसके और तीव्र होकर 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के पास तट से टकराने की आशंका है। तटीय जिलों जैसे राजामुंद्री, विशाखापत्तनम और मछलीपट्टनम में पहले से ही तेज बारिश और तूफानी हवाओं का असर दिखने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति की समीक्षा की और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को केंद्र से हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। प्रशासन ने सभी प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ (NDRF) की टीमों को तैनात कर दिया है।

रेलवे सेवाएं प्रभावित, 100 से अधिक ट्रेनें रद्द

चक्रवात के गंभीर खतरे को देखते हुए दक्षिण मध्य रेलवे और पूर्वी तटीय रेलवे ने अगले दो दिनों के लिए एहतियातन 100 से अधिक ट्रेनों का परिचालन रद्द कर दिया है। कई ट्रेनों के रूट भी बदले गए हैं। पूर्वी तटवर्ती राज्यों, खासकर आंध्र प्रदेश, ओडिशा और समूचे तमिलनाडु में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। सोमवार को ही उत्तरी तमिलनाडु के चार जिलों, जिसमें चेन्नई भी शामिल है, में मूसलाधार बारिश दर्ज की गई।

मध्य और उत्तर भारत में भी दिखेगा असर

जैसे ही यह तूफान उत्तर की ओर बढ़ेगा, इसका असर मध्य भारत और उत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस किया जाएगा। मौसम विभाग ने 29 से 31 अक्टूबर के बीच दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश का पूर्वानुमान जताया है।

उत्तर प्रदेश: राज्य के 50 से अधिक जिलों में मंगलवार से गुरुवार तक हल्की वर्षा की संभावना है। अधिकतम तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आ सकती है।

मध्य प्रदेश: पिछले दो-तीन दिनों की वर्षा से यहाँ धान और मक्का की पकी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। अगले दो दिन तेज हवा चलने और वर्षा जारी रहने की संभावना है।

राजस्थान: पिछले 24 घंटों में 15 जिलों में बारिश दर्ज की गई, जिससे तापमान में 8 डिग्री तक की गिरावट आई है और सर्दी बढ़ी है।

कृषि क्षेत्र पर दोहरी मार

चक्रवात मोंथा का कृषि क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है। दक्षिण और मध्य भारत के राज्यों में खेतों में खड़ी खरीफ फसलों की कटाई पर इसका बुरा असर पड़ेगा, जिससे किसानों को बड़ा नुकसान होने की संभावना है। वहीं, उत्तर भारत के किसानों को रबी फसलों की बुआई में देरी का सामना करना पड़ सकता है।

पश्चिमी विक्षोभ से पहाड़ों पर बर्फबारी

बंगाल की खाड़ी के सिस्टम के अलावा, पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण हिमालयी राज्यों का मौसम भी बदल गया है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इन तीनों सिस्टम (चक्रवात मोंथा, अरब सागर का निम्न दबाव, और पश्चिमी विक्षोभ) के एक साथ सक्रिय होने से देश भर में मौसम का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा और ठंड के आगमन की प्रक्रिया भी तेज हो जाएगी।

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