ट्रंप समर्थक उम्मीदवार के सहयोगी का नस्लीय बयान: ‘कभी भारतीयों पर भरोसा न करें’
अमेरिकी चुनाव में विवाद: पॉल इनग्रासिया के प्रचारक पर भारतीय-विरोधी टिप्पणी का आरोप
- डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन वाले एक उम्मीदवार पॉल इनग्रासिया के प्रचारक पर नस्लीय टिप्पणी करने का गंभीर आरोप लगा है।
- प्रचारक ने कथित तौर पर कहा, “कभी भारतीयों पर भरोसा न करें,” जिससे अमेरिकी चुनाव में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
- यह बयान तब आया है जब भारतीय-अमेरिकी समुदाय अमेरिका की राजनीति में एक मजबूत ताकत के रूप में उभर रहा है।
समग्र समाचार सेवा
वाशिंगटन, 22 अक्टूबर: अमेरिका में आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है, लेकिन इस बीच एक नस्लीय टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया है। यह मामला तब सामने आया जब एक स्थानीय पत्रकार ने दावा किया कि उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन वाले उम्मीदवार पॉल इनग्रासिया के एक प्रचारक को भारतीय-अमेरिकी समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए सुना।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पॉल इनग्रासिया, जो चुनाव लड़ रहे हैं, के एक प्रचारक ने कथित तौर पर कहा कि “कभी भारतीयों पर भरोसा न करें।” यह बयान अमेरिका में रह रहे लाखों भारतीय-अमेरिकियों के लिए एक बड़ा अपमान है और इसे सीधे तौर पर नस्लीय दुर्भावना से प्रेरित माना जा रहा है। भारतीय-अमेरिकी समुदाय न केवल अमेरिका की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है, बल्कि हाल के वर्षों में राजनीतिक रूप से भी एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली शक्ति के रूप में उभरा है।
बयान पर हंगामा और इनग्रासिया की प्रतिक्रिया
जैसे ही यह विवादास्पद बयान सार्वजनिक हुआ, अमेरिकी मीडिया और राजनीतिक गलियारों में हंगामा मच गया। नस्लीय भेदभाव के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले समूहों और भारतीय-अमेरिकी राजनीतिक एक्शन कमेटियों ने इस टिप्पणी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने मांग की है कि पॉल इनग्रासिया को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।
विवाद बढ़ने के बाद, उम्मीदवार पॉल इनग्रासिया ने आनन-फानन में इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि उन्हें इस तरह की किसी टिप्पणी की जानकारी नहीं है, और यदि किसी ने ऐसा कुछ कहा है तो वह निंदनीय है। इनग्रासिया ने यह भी कहा कि उनकी टीम में भारतीय-अमेरिकी सदस्य हैं और वह सभी समुदायों का सम्मान करते हैं। हालांकि, आलोचकों का मानना है कि इनग्रासिया का बयान इस गंभीर नस्लीय टिप्पणी को हल्का करने की एक कोशिश है।
चुनाव में समुदाय की बढ़ती भूमिका
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारतीय-अमेरिकी समुदाय अमेरिका की राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। कई भारतीय-अमेरिकी नेता उच्च पदों पर कार्यरत हैं और समुदाय एक निर्णायक वोट बैंक के रूप में देखा जाता है।
भारतीय-अमेरिकी नेताओं ने इस टिप्पणी को ‘संकीर्ण मानसिकता’ और ‘विभाजनकारी राजनीति’ का प्रतीक बताया है। उनका कहना है कि इस तरह के बयान अमेरिका के बहुसांस्कृतिक ताने-बाने को कमजोर करते हैं और इन्हें चुनाव प्रचार का हिस्सा नहीं बनना चाहिए। समुदाय के सदस्यों ने सोशल मीडिया पर भी इस टिप्पणी के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है और एकजुट होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का संकल्प लिया है।
इस विवाद ने अमेरिकी चुनाव में नस्लवाद और अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति राजनीतिक दलों के रवैये को एक बार फिर बहस के केंद्र में ला दिया है। अब देखना यह है कि पॉल इनग्रासिया इस विवाद को कैसे संभालते हैं, क्योंकि उनके प्रतिद्वंद्वी निश्चित रूप से इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएंगे और यह उनके चुनावी अभियान पर गंभीर असर डाल सकता है।