बिहार चुनाव 2025: मुकेश सहनी नहीं लड़ेंगे चुनाव, डिप्टी सीएम पर अड़े
वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने ठुकराया राज्यसभा प्रस्ताव, डिप्टी सीएम बनने की मांग पर अडिग; अब करेंगे प्रत्याशियों के लिए प्रचार
- विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मुखिया मुकेश सहनी इस बार बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में उम्मीदवार नहीं बनेंगे।
- सहनी ने राज्यसभा जाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है; उनका एकमात्र लक्ष्य डिप्टी सीएम बनना है।
- महागठबंधन में वीआईपी को 15 सीटें, 1 राज्यसभा और 2 विधान परिषद (MLC) सीटें देने का आश्वासन मिला है।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 18 अक्टूबर: विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बड़ा एलान किया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि वह खुद इस बार चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे। पहले ऐसी खबरें थीं कि सहनी दरभंगा जिले की गौड़ा बौराम सीट से नामांकन दाखिल करेंगे, लेकिन शुक्रवार (17 अक्टूबर 2025) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने इन अटकलों पर विराम लगा दिया।
सहनी ने स्पष्ट किया, “मेरा लक्ष्य राज्यसभा नहीं, बल्कि डिप्टी सीएम बनना है, जब महागठबंधन की सरकार बनेगी।” उनके इस बयान से स्पष्ट है कि वह खुद विधायक बनने के बजाय महागठबंधन में अपनी पार्टी की स्थिति और भविष्य की राजनीतिक भूमिका को अधिक महत्व दे रहे हैं।
ठुकराया राज्यसभा का प्रस्ताव, प्रचार पर फोकस
मुकेश सहनी ने यह भी बताया कि उन्होंने राज्यसभा में जाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। यह फैसला राजनीतिक गलियारों में उनकी महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। सहनी अब चुनाव में उम्मीदवार के रूप में नहीं उतरेंगे, बल्कि अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए पूरे बिहार में जमकर प्रचार करेंगे। उनका यह निर्णय ‘सन ऑफ मल्लाह’ के तौर पर उनकी पार्टी के आधार को मजबूत करने और निषाद समाज के बीच अपने प्रभाव को बरकरार रखने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद यह साफ हो गया कि VIP महागठबंधन के साथ बनी रहेगी और अब गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान भी थम गई है।
वीआईपी को मिली 15 सीटें और MLC का आश्वासन
वीआईपी के प्रवक्ता देव ज्योति ने गठबंधन में हुए समझौते की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महागठबंधन के भीतर वीआईपी को विधानसभा चुनाव के लिए 15 सीटें मिली हैं। इसके अलावा, राजद ने वीआईपी को एक राज्यसभा सीट और दो विधान परिषद (MLC) सीटें देने का आश्वासन भी दिया है।
अब सवाल यह उठ रहा है कि जब सहनी खुद विधायक नहीं बनेंगे, तो डिप्टी सीएम का पद कैसे संभालेंगे? पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सहनी अपनी डिप्टी सीएम की मांग पर अडिग हैं और यह संभव है कि महागठबंधन की सरकार बनने पर वह विधान परिषद (MLC) के रास्ते सरकार में शामिल हों। बिहार की राजनीति में एमएलसी के रूप में मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री बनने का उदाहरण पहले भी रहा है।
वीआईपी की यह रणनीति दर्शाती है कि सहनी केवल अपनी जीत सुनिश्चित करने के बजाय, बिहार चुनाव 2025 में गठबंधन की जीत और अपनी पार्टी के लिए अधिकतम राजनीतिक लाभ हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उनका यह कदम महागठबंधन को मजबूती देने के साथ ही बिहार की सत्ता की दौड़ में उनकी हिस्सेदारी को भी सुनिश्चित करता है।