राष्ट्रपति मुर्मू ने UN शांति सैनिकों के सेना प्रमुखों से की मुलाकात: ‘संघर्ष इतिहास के पन्नों में सिमट जाए’

राष्ट्रपति ने की बहुपक्षवाद और शांति स्थापना में महिलाओं की भूमिका की सराहना; सैन्य योगदानकर्ता देशों की आवाज़ को मजबूत करने पर ज़ोर

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

  • शांति का वैश्विक दृष्टिकोण: राष्ट्रपति मुर्मू ने सेना प्रमुखों कोशांति के संरक्षकबताते हुए कहा कि हमें ऐसा विश्व बनाना चाहिए जहाँ “हर बच्चा सुरक्षित सोए, हर समुदाय सौहार्द में फले-फूले और संघर्ष केवल इतिहास के पन्नों में दर्ज रह जाए”।
  • लैंगिक समावेश पर ज़ोर: उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भारत की लैंगिक समावेश की प्रगति की सराहना की और कहा कि महिला शांति सैनिकों ने स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाया है और विश्वास को बढ़ावा दिया है।
  • सामूहिक आवाज की मांग: राष्ट्रपति ने शांति स्थापना के महान कार्य में योगदान देने वाले देशों की आवाज़ को मजबूत करने के लिए सामूहिक रूप से काम करने का आह्वान किया।

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर: संयुक्त राष्ट्र सैनिक योगदानकर्ता देशों (United Nations Troop Contributing Countries – UNTCC) के सेना प्रमुखों/उप-प्रमुखों ने आज (16 अक्टूबर, 2025) अपनी पत्नियों के साथ राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। यह मुलाकात भारतीय सेना द्वारा नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय ‘सेना प्रमुखों के सम्मेलन’ (Army Chiefs’ Conclave) के समापन के अवसर पर हुई।

बहुपक्षवाद में भारत का अटूट विश्वास

राष्ट्रपति ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने-अपने देशों के सर्वोत्तम मूल्यों और लोकाचार का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि वे सतत शांति और समृद्धि के लिए अपने राष्ट्रों के अनुभव, विशेषज्ञता और संकल्प को एक साथ लाते हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के प्रति दृढ़ विश्वास रखता है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी स्थापना के समय से ही संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में एक अटूट योगदानकर्ता रहा है। हमारे शांति सैनिकों ने दुनिया भर के सबसे चुनौतीपूर्ण अभियानों में विशिष्टता के साथ सेवा की है।

 

71 मिशनों में शांति की बहाली

राष्ट्रपति ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिक अब तक विश्व भर में 71 विभिन्न मिशनों में तैनात किए जा चुके हैं। इन मिशनों का साझा उद्देश्य निर्दोष लोगों, विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की पीड़ा को कम करना रहा है। उन्होंने दूर-दराज के कोनों में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के अनुकरणीय साहस और करुणा की सराहना की।

शांति पोषण के लिए सक्रिय सहभागिता

राष्ट्रपति मुर्मू ने शांति-स्थापना के उद्देश्य को अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सैनिक योगदानकर्ता देशों को सामूहिक रूप से ऐसे ढाँचों के लिए प्रयास करना चाहिए जो उनकी आवाज़ को और अधिक मजबूत करें। उन्होंने स्थानीय हितधारकों (Local Stakeholders) के साथ अधिक सक्रिय जुड़ाव की दिशा में काम करने का आह्वान किया।

राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि इससे एक ऐसा वातावरण बनाने में मदद मिलेगी जिसमें शांति को केवल लागू नहीं किया जाता, बल्कि सहभागी प्रक्रियाओं के माध्यम से उसका पोषण किया जाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘सेना प्रमुखों का यह सम्मेलन’ और समान उद्देश्य वाले अन्य कार्यक्रम नए विचारों, गहरे सहयोग और स्थायी मित्रता को बढ़ावा देंगे, जिससे वैश्विक शांति का मार्ग प्रशस्त होगा।

यह सम्मेलन 14 से 16 अक्टूबर 2025 तक नई दिल्ली में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य शांति अभियानों में परिचालन चुनौतियों, उभरते खतरों, इंटरऑपरेबिलिटी और प्रौद्योगिकी की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार-विमर्श करना था।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.