कांग्रेस में कलह: टिकट घोषणा में देरी पर पटना एयरपोर्ट पर हंगामा
कार्यकर्ता हुए उग्र, बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के खिलाफ नारेबाजी, छात्र नेता की पिटाई
- बिहार कांग्रेस के भीतर सीट और कैंडिडेट की घोषणा में अत्यधिक देरी के चलते असंतोष गहरा गया है।
- टिकट के दावेदारों के समर्थकों ने पटना एयरपोर्ट पर बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया।
- विरोध के दौरान स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और गुस्साए कार्यकर्ताओं ने एक छात्र नेता मनीष कुमार की पिटाई भी कर दी।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 16 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि नजदीक आने के बावजूद, महागठबंधन में शामिल कांग्रेस पार्टी द्वारा अभी तक सीटों की सूची या अपने प्रत्याशियों के नामों की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस अत्यधिक देरी के कारण कांग्रेस से टिकट की माँग कर रहे नेताओं के समर्थकों का गुस्सा अब फूट पड़ा है।
बुधवार की शाम, जब बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान दिल्ली में कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन समिति की बैठक में हिस्सा लेने के बाद पटना एयरपोर्ट पहुँचे, तो उन्हें टिकट दावेदारों के आक्रोशित समर्थकों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
एयरपोर्ट पर नारेबाजी और मारपीट
गुस्साए समर्थकों ने एयरपोर्ट पर तीनों बड़े नेताओं के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। समर्थकों का आरोप था कि शीर्ष नेतृत्व जानबूझकर सीटों के बँटवारे और उम्मीदवारों के नाम पर विलंब कर रहा है, जिससे उम्मीदवारों को प्रचार के लिए कम समय मिलेगा। विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थिति तब बिगड़ गई जब आक्रोशित भीड़ ने पार्टी के ही एक छात्र नेता, मनीष कुमार, को निशाना बनाया और उनकी पिटाई कर दी।
बिक्रम विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे अशोक गगन के समर्थकों ने इस विरोध का नेतृत्व किया। इन समर्थकों ने दिन में भी पार्टी कार्यालय सदाकत आश्रम में काली पट्टी बाँधकर अपना विरोध दर्ज कराया था।
सीट बँटवारे पर फंसा पेंच: राजद-कांग्रेस गतिरोध
कांग्रेस के भीतर यह कलह महागठबंधन में चल रहे सीट बँटवारे के गतिरोध का सीधा परिणाम है। विपक्षी दलों के महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के बीच सीटों की संख्या और सीटों के नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। दोनों ही दल अपने 2020 के प्रदर्शन के आधार पर सीटों की संख्या पर तगड़ा मोल-भाव कर रहे हैं।
कांग्रेस का तर्क है कि 2020 में उसने 70 सीटों पर लड़कर 19 जीती थीं, जबकि राजद 144 पर लड़कर 75 जीती थी, इसलिए राजद को भी उसी अनुपात में अपनी सीटें कम करनी चाहिए। इस खींचतान के कारण महागठबंधन का सीटों का ऐलान अब तक अटका हुआ है। नामांकन की अंतिम तिथि में अब सिर्फ दो दिन बचे हैं, जिससे उम्मीदवारों और उनके समर्थकों में तनाव बढ़ता जा रहा है। हालांकि, गठबंधन के सूत्रों ने उम्मीद जताई है कि आज रात तक सीट और कैंडिडेट की घोषणा हो सकती है।
इस बीच, राजद और सीपीआई-माले जैसी सहयोगी पार्टियों ने बिना आधिकारिक घोषणा और लिस्ट जारी किए ही कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवारों का नामांकन करवा दिया है, जिसमें तेजस्वी यादव भी शामिल हैं। कांग्रेस के भीतर का यह खुला विरोध दिखाता है कि नेतृत्व की ओर से सही समय पर सही फैसले न लेने से जमीन पर कार्यकर्ताओं के बीच कितनी हताशा है।