‘जो जीता वही सिकंदर’ में दीपक तिजोरी ने फराह खान को किया था Kiss!
फराह खान ने खोला 33 साल पुराना राज, बताया उन्हें नहीं मिली थी फीस
- फिल्म निर्देशक और कोरियोग्राफर फराह खान ने आमिर खान की क्लासिक फिल्म ‘जो जीता वही सिकंदर’ (1992) से जुड़ा एक अनसुना किस्सा साझा किया है।
- उन्होंने खुलासा किया कि उस फिल्म में, जहां वह असिस्टेंट डायरेक्टर और कोरियोग्राफर थीं, वहीं एक सीन में अभिनेता दीपक तिजोरी ने उन्हें गाल पर किस किया था क्योंकि असल अभिनेत्री ने ऐसा करने से मना कर दिया था।
- फराह ने हंसते हुए बताया कि उन्होंने फिल्म में जूनियर डांसर और एक्स्ट्रा आर्टिस्ट के तौर पर काम किया, लेकिन इसके लिए उन्हें कोई फीस नहीं मिली।
बॉलीवुड की मशहूर फिल्ममेकर फराह खान ने हाल ही में अपने यूट्यूब व्लॉग पर बॉलीवुड सिंगर शान के साथ बातचीत के दौरान अपनी शुरुआती फिल्मी करियर का एक दिलचस्प और मजेदार किस्सा साझा किया। यह किस्सा आमिर खान की प्रतिष्ठित फिल्म ‘जो जीता वही सिकंदर’ (1992) से जुड़ा है।
फराह ने बताया कि जब उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा, तो वह इस फिल्म में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम कर रही थीं। उन्होंने फिल्म की कोरियोग्राफी में भी मदद करना शुरू कर दिया। हालांकि, उस समय फिल्म के सेट पर डांसरों की कमी हो जाती थी, तो उन्हें ही कैमरे के सामने जूनियर डांसर के रूप में धकेल दिया जाता था।
दीपक तिजोरी का Kiss और असल एक्ट्रेस की ना
फराह खान ने व्लॉग में सबसे चौंकाने वाला किस्सा साझा किया, जिसमें अभिनेता दीपक तिजोरी (जो फिल्म में शेखर मल्होत्रा का किरदार निभा रहे थे) ने उन्हें किस किया था।
फराह ने बताया, “एक सीन तो ऐसा भी है जहां दीपक तिजोरी मेरे गाल पर किस करते हैं। जिस लड़की को किस करना था, उसने मना कर दिया। इसलिए उन्होंने मुझे Kiss किया।”
यह सुनकर सिंगर शान का बेटा भी हैरान रह गया। जब शान ने मज़ाक में पूछा कि क्या उन्हें इसके लिए पैसे मिले थे, तो फराह खान ने हँसते हुए जवाब दिया, “मुझे नहीं मिले।”
काम अनमोल था, चेक से ज़्यादा कीमती
शान ने भी ‘जो जीता वही सिकंदर’ में अपनी शुरुआती भागीदारी को याद किया। शान ने बताया कि उन्होंने भी इस फिल्म पर चार दिन तक काम किया था और वह सैक्सोफोन के साथ एक गाने में मुश्किल से दिखाई दिए थे। शान ने बताया कि चार दिनों के काम के लिए उन्हें प्रतिदिन ₹150 की फीस मिली थी, जबकि अन्य लोगों को ₹75 मिलते थे।
शान की फीस सुनकर फराह ने चुटकी लेते हुए कहा, “तुम्हें पैसे मिले? मुझे तो कभी पैसे नहीं मिले।” हालांकि, फराह ने तुरंत इस बात को गंभीरता से लेते हुए कहा कि उन्हें उस फिल्म से जो अनुभव मिला, वह किसी भी चेक से कहीं ज़्यादा कीमती था। उन्होंने कहा, “सच कहूं तो उस फिल्म ने मुझे जो दिया, वह किसी भी चेक से कहीं ज़्यादा कीमती था। इसने मेरी जिंदगी बदल दी।”
फराह खान ने ‘जो जीता वही सिकंदर’ के बाद एक सफल कोरियोग्राफर के रूप में अपनी पहचान बनाई और बाद में एक सफल फिल्म निर्देशक भी बनीं, जिससे साबित होता है कि उनका शुरुआती संघर्ष और बिना फीस का काम उनके करियर के लिए एक अनमोल नींव साबित हुआ।