नीतीश ही CM या होगा ‘खेल’? BJP-JDU की बराबर सीटों पर सवाल

NDA सीट बंटवारे में BJP और JDU को 101-101 सीटें, विपक्ष ने उठाया 'बड़ा भाई' वाली भूमिका पर सवाल

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  • बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए NDA में BJP और JDU दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, जो गठबंधन के इतिहास में पहली बार है।
  • इस बराबरी पर विपक्षी महागठबंधन, खासकर RJD और कांग्रेस, सवाल उठा रहा है कि क्या BJP चुनाव जीतने के बाद नीतीश कुमार को किनारे कर सकती है।
  • JDU का दावा है कि नतीजे चाहे जो हों, नीतीश कुमार ही NDA के मुख्यमंत्री रहेंगे, लेकिन राजनीतिक गलियारों में सीटों की ताकत को लेकर संदेह बना हुआ है।

समग्र समाचार सेवा
पटना, 13 अक्टूबर: बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय खुल गया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने आगामी विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सीटों का बंटवारा कर दिया है। इस बार के बंटवारे ने राज्य की राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, क्योंकि पहली बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) दोनों बराबर, यानी 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।

इस फॉर्मूले के तहत, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें, जबकि जीतन राम मांझी की हम (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम को 6-6 सीटें मिली हैं।

सीटों में यह समानता इसलिए भी अहम है, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनावों से लेकर लोकसभा चुनाव 2024 तक, दोनों पार्टियों के बीच सीटों की संख्या में हमेशा अंतर रहा है। अब सवाल यह है कि क्या यह बराबरी राजनीतिक वजन में भी दिखाई देगी, या चुनावी नतीजे बताएंगे कि गठबंधन में ‘बड़ा भाई’ कौन है?

2020 का इतिहास और वर्तमान चुनौती

विपक्ष इस बराबरी के फॉर्मूले पर लगातार सवाल उठा रहा है। उन्हें संदेह है कि अगर JDU का प्रदर्शन 2020 की तरह कमज़ोर रहता है, तो BJP मुख्यमंत्री पद को लेकर अपना रुख बदल सकती है।

2020 विधानसभा चुनाव की स्थिति:

JDU: 115 सीटों पर लड़ी, 43 सीटें जीतीं।

BJP: 110 सीटों पर लड़ी, 74 सीटें जीतीं।

2020 में कम सीटें जीतने के बावजूद, BJP ने अपना वादा निभाया और नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन इस बार, JDU का उत्साह और चुनावी तैयारियों में BJP के मुकाबले कुछ कमी नज़र आ रही है।

विपक्ष के सवाल:

RJD नेता मनोज कुमार झा ने कहा कि NDA के सहयोगियों (BJP, लोजपा, हम, आरएलएम) को कुल 142 सीटें मिली हैं, जबकि JDU को केवल 101 सीटें। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्षों से ‘बड़ा भाई’ होने का दावा करने वाली JDU की भूमिका को कमज़ोर कर दिया गया है।

RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “हम कहते रहे हैं कि BJP, JDU को खत्म कर देगी। अब तक JDU बड़े भाई की भूमिका में थी, लेकिन अब उसे बराबरी के स्तर पर ला दिया गया है।”

लोकसभा से विधानसभा तक सीटों का गणित

यह पहली बार नहीं है जब JDU, BJP से कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है। लोकसभा चुनाव 2024 में भी सीटों के गणित में BJP आगे थी:

BJP: 17 सीटों पर चुनाव लड़ी।

JDU: 16 सीटों पर चुनाव लड़ी।

हालांकि, लोकसभा चुनाव 2024 में दोनों पार्टियों ने 12-12 सीटें जीतीं, जिससे दोनों के बीच बराबरी का माहौल बना रहा। अब विधानसभा में 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ने से JDU के लिए यह चुनौती और बढ़ गई है। अगर JDU को गठबंधन में अपनी ‘बड़े भाई’ वाली छवि बरकरार रखनी है, तो उसे इस चुनाव में BJP से ज्यादा सीटें जीतकर दिखानी होंगी।

नीतीश ही चेहरा, लेकिन परिणाम करेंगे फैसला

BJP के शीर्ष नेताओं ने बार-बार यह दोहराया है कि बिहार चुनाव में नीतीश कुमार ही NDA का मुख्यमंत्री चेहरा हैं और परिणाम चाहे जो हों, वह ही मुख्यमंत्री रहेंगे।

वहीं, JDU प्रवक्ता केसी त्यागी ने ‘छोटा भाई-बड़ा भाई’ की बहस को खारिज करते हुए कहा, “अब हम बड़े और छोटे भाई नहीं, बल्कि जुड़वा हैं। हमारा चेहरा नीतीश कुमार हैं और नतीजे के बाद भी वही मुख्यमंत्री रहेंगे।”

हालांकि, राजनीतिक गलियारों में संदेह बरकरार है। सवाल यही है कि क्या नीतीश कुमार अपने तीन दशक के अनुभव और राजनीतिक संतुलन साधने की कला का उपयोग करके फिर से कम सीटों पर भी सत्ता में बने रहेंगे, या इस बार BJP सीटों की ताकत के आधार पर नया अध्याय लिखेगी? 2025 का चुनाव इस बात की अंतिम कसौटी होगा कि क्या बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की कहानी वही इतिहास दोहराएगी, या यह बदलाव का एक नया संकेत है।

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