जीएसटी सुधार 2025: मणिपुर की अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई उड़ान
हर्षिता राय
केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) दरों में किए गए ऐतिहासिक सुधारों से मणिपुर की अर्थव्यवस्था को एक बड़ी मजबूती मिलने की उम्मीद है। इन सुधारों, विशेष रूप से प्रमुख उत्पादों पर जीएसटी दर को 12% और 18% से घटाकर 5% करने से, राज्य के पारंपरिक उद्योगों, ग्रामीण कारीगरों और किसानों को सीधा लाभ होगा। इन फैसलों को समावेशी विकास (Inclusive Growth) की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे 9 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुंचने का अनुमान है।
हथकरघा और हस्तशिल्प को बढ़ावा
मणिपुर की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा आधार यहाँ का समृद्ध हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र है। ये सुधार सीधे तौर पर इस क्षेत्र से जुड़े लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करेंगे:
हथकरघा वस्त्रों पर जीएसटी में कटौती: मणिपुर के पारंपरिक हथकरघा उत्पाद, जैसे फानेक (Phanek), इनाफी (Innaphi) और रानी (Rani) वस्त्र, अब और अधिक किफायती हो जाएंगे। इन पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
लाभ: राज्य की लगभग 2.5 लाख महिला बुनकर इस निर्णय से लाभान्वित होंगी। इससे उपभोक्ताओं के लिए इन उत्पादों की सामर्थ्य बढ़ेगी और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मणिपुर के हथकरघा की प्रतिस्पर्धात्मकता मजबूत होगी, जिससे पारंपरिक बुनाई तकनीकों का संरक्षण होगा।
बांस और बेंत के शिल्प: चुराचांदपुर, उखरुल और तमेंगलोंग जैसे जिलों के 1.2 लाख बांस और बेंत उत्पादक कारीगरों को राहत मिली है। फर्नीचर, टोकरियाँ, चटाइयाँ और लकड़ी के हस्तशिल्प पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया है।
लाभ: इससे उत्पादों की कीमतें कम होंगी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों (SHGs) तथा सूक्ष्म उद्योगों (SMEs) को बाजार में अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी।
किसानों और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को फायदा
जीएसटी में कटौती का सीधा असर मणिपुर के कृषि और कृषि-आधारित उद्योगों पर भी पड़ेगा, जिससे किसानों और श्रमिकों की आय बढ़ेगी:
कॉफी उद्योग को बड़ी राहत: उखरुल, सेनापति और चंदेल जिलों में उगाई जाने वाली उच्च गुणवत्ता वाली अरेबिका कॉफी पर अब 18% के बजाय 5% जीएसटी लगेगा।
लाभ: 10 हजार से अधिक कॉफी उत्पादक किसानों को राहत मिलेगी। उत्पादन लागत कम होने से किसानों का मुनाफा बढ़ेगा और मणिपुर की कॉफी को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलेगी।
खाद्य प्रसंस्करण: इम्फाल, सेनापति और चंदेल में कार्यरत 1.5 लाख श्रमिकों को लाभ मिलेगा। अचार, बांस के अंकुर (Bamboo Shoots), किण्वित खाद्य पदार्थ (Fermented Foods) और सब्जी उत्पादों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया गया है।
लाभ: यह कदम ग्रामीण महिलाओं और छोटे उद्यमियों की आय में वृद्धि करेगा तथा उनके उत्पादों की बाजार तक पहुंच को आसान बनाएगा।
डेयरी उत्पाद: 1 लाख से अधिक डेयरी किसानों को लाभ होगा क्योंकि घी, मक्खन, पनीर और चीज़ पर जीएसटी 5% या शून्य कर दिया गया है, जिससे उत्पादों की सामर्थ्य बढ़ेगी और किसानों का मुनाफा बेहतर होगा।
विकास और प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि
जीएसटी दरों में यह व्यापक कटौती उपभोक्ताओं और उत्पादकों दोनों की लागत कम करेगी।
मांग में वृद्धि: कीमतें कम होने से घरेलू बाजारों में मांग बढ़ेगी, जिससे सभी क्षेत्रों में उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा: कम कर दरें भारतीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएंगी, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
श्रम की मांग: खाद्य प्रसंस्करण और अन्य क्षेत्रों में लागत कम होने से श्रमिकों की मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे राज्य में रोजगार सृजन को बल मिलेगा।
संक्षेप में, जीएसटी सुधार 2025 मणिपुर की पारंपरिक आजीविका और स्थानीय उद्योगों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो संतुलित और समावेशी आर्थिक विकास को सुनिश्चित करेगा और पूर्वोत्तर क्षेत्र को राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में अधिक मजबूती से योगदान करने के लिए सशक्त बनाएगा।