अपने सांसद को जानें: बेगूसराय में गिरिराज सिंह के विकास कार्यों का विश्लेषण

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कुमार राकेश
भारत में लोगों के विकास के लिए सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) सबसे मजबूत उपकरणों में से एक है। 23 दिसंबर 1993 को शुरू की गई यह योजना स्थानीय आवश्यकताओं और विकास के लिए केंद्रीकृत योजना के दृष्टिकोण के बीच के अंतर को पाटने के उद्देश्य से स्थापित की गई थी।

मूल रूप से ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रशासित और बाद में अक्टूबर 1994 में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय को हस्तांतरित की गई MPLADS, सांसदों को स्थानीय जरूरतों के अनुसार स्थायी सामुदायिक संपत्ति बनाने वाले विकास कार्यों का सुझाव देने का अधिकार देती है। इस योजना के तहत, प्रत्येक सांसद को अपने निर्वाचन क्षेत्र में जिला कलेक्टर को काम सुझाने के लिए सालाना ₹5 करोड़ दिए जाते हैं।

यह कार्यक्रम नागरिकों को जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास करता है ताकि वे सही सवाल पूछ सकें और शासन में अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकें। MPLADS एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है, लेकिन यह तभी सबसे अधिक प्रभावी होता है जब नागरिकों को पता हो कि उनके जन प्रतिनिधि करदाताओं के पैसे को कैसे खर्च कर रहे हैं।

गिरिराज सिंह: बेगूसराय में भूमिका और विकास की पहल

गिरिराज सिंह बिहार के बेगूसराय से लोकसभा सांसद हैं। वह जून 2024 से केंद्रीय कपड़ा मंत्री के पद पर भी कार्यरत हैं। केंद्र में उनकी भूमिका उन्हें ऐसे विकास योजनाओं को प्रस्तावित करने या चलाने का प्रभाव देती है जो उनके निर्वाचन क्षेत्र के लिए उपयोगी हो सकती हैं।

बेगूसराय में प्रमुख विकास कार्य:

कौशल विकास – जलकुंभी शिल्प: अप्रैल 2025 में, गिरिराज सिंह ने लखनपुर, बेगूसराय में जलकुंभी शिल्प कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किया। इसका उद्देश्य 200 से अधिक कारीगरों, खासकर महिलाओं, को जलकुंभी से पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण देना है, ताकि उन्हें स्थायी आय का स्रोत मिल सके।

बुनियादी ढांचा और सड़क कार्य: हाल के दिनों में, बेगूसराय की कुछ प्रमुख सड़कों के विस्तार और सुदृढ़ीकरण की अनुमति दी गई है। उदाहरण के लिए, वीर कुंवर सिंह चौक और माधुरी ढाला के बीच (5 किमी लंबी) राज्य राजमार्ग 55 का विस्तार किया जाएगा, जिस पर ₹18 करोड़ से अधिक की लागत आएगी।

अन्य सरकारी पहलें: मई 2025 में बिहार के मुख्यमंत्री ने बेगूसराय जिले में ₹64 करोड़ से अधिक के 107 से अधिक विकास कार्यों की आधारशिला रखी या उद्घाटन किया, जिनमें स्वास्थ्य, स्वच्छता, महिला कल्याण आदि के स्थानीय कार्य शामिल थे।

MPLADS फंड का लेखा-जोखा: उपयोग और शेष राशि

गिरिराज सिंह को MPLADS योजना के तहत अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए ₹17 करोड़ की पात्रता है।

जारी की गई राशि: भारत सरकार द्वारा ₹7 करोड़ जारी किए गए हैं।

कुल उपलब्ध फंड: अर्जित ब्याज के साथ यह राशि लगभग ₹7.31 करोड़ है।

अनुशंसित परियोजनाएं: उन्होंने कुल ₹10.53 करोड़ की परियोजनाओं की सिफारिश की है।

स्वीकृत राशि: इसमें से ₹5.83 करोड़ को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दी गई है।

व्यय (Expenditure): स्वीकृत कार्यों पर खर्च की गई राशि ₹5.88 करोड़ है।

उपयोगिता दर: यह जारी किए गए फंड का लगभग 83.3% उपयोग दर्शाता है।

अखंडित शेष: अभी भी ₹1.43 करोड़ की बिना खर्च की गई राशि शेष है।

आलोचना और सार्वजनिक धारणा: ग्रामीण क्षेत्रों में असंतोष

हालांकि सांसद ने फंड का पर्याप्त उपयोग किया है, फिर भी कुछ क्षेत्रों से आलोचनाएं सामने आई हैं:

जमीनी स्तर के कार्यों में कमी: बेगूसराय के कुछ इलाकों, विशेष रूप से दियारा के नदी तटीय गाँवों में, अपर्याप्त सड़कों और बुनियादी ढांचे के कारण स्थानीय स्तर पर विरोध देखा गया है।

कम दौरे: स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव के बाद गिरिराज सिंह ने उनसे बहुत कम मुलाकात की है और वादे पूरी तरह से पूरे नहीं किए गए हैं।

विकास कार्यों में कमी का आरोप: बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री ने एक समीक्षा बैठक के दौरान कहा था कि गिरिराज सिंह के कार्यकाल में बेगूसराय को पर्याप्त कल्याणकारी लाभ नहीं मिला है, और वह अपने निर्वाचन क्षेत्र का भी विकास नहीं कर पाए हैं।

2024 में कम जीत का अंतर: यद्यपि गिरिराज सिंह ने 2024 में बेगूसराय से जीत हासिल की, लेकिन उनकी जीत का अंतर पिछली बार की तुलना में कम था। पर्यवेक्षक इसे इस बात का संकेत मानते हैं कि जमीनी काम मतदाताओं की सभी अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर सका।

आकलन: प्रमुख ताकतें और कमजोरियाँ

ताकतें: केंद्रीय मंत्रालयों का उपयोग करके कौशल विकास जैसे कार्यक्रम शुरू करने की क्षमता, और कुछ बुनियादी ढांचे व कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत।
कमजोरियाँ: ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों (दियारा) में कवरेज की कमी, कुछ गाँवों में उपेक्षा की सार्वजनिक भावना और स्वास्थ्य, शिक्षा तथा औद्योगिक विकास पर स्पष्ट डेटा की अनुपलब्धता।

संक्षेप में, गिरिराज सिंह ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुछ प्रमुख कार्यक्रम शुरू किए हैं। केंद्रीय मंत्री के रूप में उनकी भूमिका ने उन्हें केंद्रीय योजनाओं को बेगूसराय तक लाने की क्षमता प्रदान की है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण अंतराल बने हुए हैं, जहां बुनियादी ढांचा अभी भी एक बड़ी चिंता है, और सार्वजनिक असंतोष यह दर्शाता है कि मानकों को पूरी तरह से पूरा नहीं किया गया है।

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