मायावती का अखिलेश पर तीखा वार, योगी सरकार की जमकर तारीफ
कांशीराम स्मारक की मरम्मत को लेकर BSP सुप्रीमो ने कहा- हम योगी सरकार के आभारी हैं
- लखनऊ में कांशीराम पुण्यतिथि पर आयोजित BSP महारैली में मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तीखा हमला किया।
- मायावती ने कांशीराम स्मारक के रख-रखाव और मरम्मत के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की सार्वजनिक रूप से तारीफ की।
- उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार ने स्मारक स्थल को देखने से जमा हुए टिकटों के पैसों को दबा दिया था।
समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 9 अक्टूबर: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में पार्टी के संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी की पुण्यतिथि के अवसर पर एक विशाल महारैली को संबोधित किया। इस महारैली को उत्तर प्रदेश की आगामी राजनीतिक बिसात बिछाने के रूप में देखा जा रहा है। कांशीराम को श्रद्धांजलि देने के लिए लाखों की संख्या में समर्थक इस स्थल पर पहुंचे, जिसके लिए मायावती ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भीड़ के मामले में यह रैली बसपा के पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ती है।
हालांकि, रैली का मुख्य राजनीतिक आकर्षण मायावती का प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (SP) पर तीखा हमला और अप्रत्याशित रूप से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नेतृत्व वाली योगी आदित्यनाथ सरकार की प्रशंसा करना रहा। मायावती ने अपने भाषण में कांशीराम के प्रति समर्पण को याद किया और कहा कि उनके आदर्शों पर चलना ही पार्टी का मुख्य लक्ष्य है।
योगी सरकार की तारीफ क्यों? अखिलेश पर सीधा निशाना
मायावती ने अपने संबोधन के दौरान योगी सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। उनकी तारीफ का कारण पूरी तरह से कांशीराम स्मारक स्थल के रख-रखाव से जुड़ा था। उन्होंने कहा, “वर्तमान राज्य सरकार (योगी सरकार) की भी पार्टी बहुत-बहुत आभारी है।”
आभार व्यक्त करने के पीछे का कारण स्पष्ट करते हुए मायावती ने कहा कि सपा सरकार के विपरीत, वर्तमान भाजपा की राज्य सरकार ने इस स्थल को देखने वाले लोगों के टिकटों से जमा हुए पैसे को दबाकर नहीं रखा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने उस पैसे को कांशीराम स्मारक स्थल की मरम्मत और रख-रखाव पर पूरी तरह खर्च किया है।
इस बयान के तुरंत बाद, उन्होंने पिछली अखिलेश यादव सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि जब यूपी में हमारी सरकार थी तब यह विशाल स्मारक स्थल बनाया गया था और हमने इसके रख-रखाव की व्यवस्था की थी। लेकिन समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान स्मारकों के रख-रखाव पर कोई पैसा खर्च नहीं किया गया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब समाजवादी पार्टी सत्ता से बाहर हो जाती है, तभी उसे इन वर्गों के लिए संगोष्ठी करने की याद आती है, जबकि सत्ता में रहते हुए उन्होंने कोई काम नहीं किया।
आरक्षण और कानून व्यवस्था पर विपक्ष को घेरा
बसपा प्रमुख ने केवल सपा पर ही नहीं, बल्कि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों पर भी हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि ये पार्टियां हवा-हवाई बातें करके दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों को गुमराह करने में लगी हैं। मायावती ने कहा कि आरक्षण दिए जाने के मामले में इन वर्गों के साथ हमेशा पक्षपात किया गया और एक प्रकार से आरक्षण को ही खत्म कर दिया गया था।
इसके अलावा, उन्होंने कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भी पिछली सरकारों (अप्रत्यक्ष रूप से सपा और कांग्रेस) को घेरा, और कहा कि उनके शासनकाल में कानून व्यवस्था काफी बुरी तरह से देखने को मिली थी।
मायावती का यह रुख, जहां उन्होंने मायावती योगी सरकार तारीफ की और सपा को सीधे निशाने पर लिया, उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई संकेत देता है। यह साफ दर्शाता है कि बसपा भविष्य में किसी भी बड़े गठबंधन से दूरी बनाए रखकर अकेले ही चुनावी मैदान में उतरेगी, और उसका मुख्य लक्ष्य समाजवादी पार्टी के वोट बैंक में सेंध लगाना होगा, ताकि वह एक बार फिर अपने पुराने दलित-पिछड़ा समीकरण को मजबूत कर सके।