जुबीन गर्ग की मौत: मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा पर ‘जहर’ देने का गंभीर आरोप, जांच में नया मोड़
बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी का सनसनीखेज दावा; मैनेजर और आयोजक पर हत्या की साजिश का FIR
- जहर देने का आरोप: जुबीन गर्ग के बैंड में काम करने वाले शेखर ज्योति गोस्वामी ने मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और फेस्टिवल ऑर्गनाइजर श्यामकानु महंत पर उन्हें जहर देकर मारने का आरोप लगाया।
- संदिग्ध आचरण: गोस्वामी ने जांचकर्ताओं को बताया कि सिंगापुर में गर्ग की मौत से पहले के घंटों में सिद्धार्थ शर्मा का आचरण संदिग्ध था।
- गंभीर धाराओं में FIR: मैनेजर शर्मा पर आपराधिक साजिश, हत्या और गैर-इरादतन हत्या सहित गंभीर गैर-जमानती आरोप दर्ज हैं, जिसकी जांच सीआईडी और न्यायिक आयोग कर रहा है।
समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी/सिंगापुर, 5 अक्तूबर 2025: असम के लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग की सिंगापुर में हुई रहस्यमय मौत के मामले में एक बड़ा और सनसनीखेज खुलासा सामने आया है। जुबीन गर्ग के म्यूजिक बैंड के सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी ने जांचकर्ताओं के सामने दावा किया है कि दिवंगत कलाकार के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत ने उन्हें जहर दिया था और फिर इसे एक दुर्घटना बताकर छिपाने की कोशिश की थी।
गोस्वामी ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि 19 सितंबर को नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के दौरान क्रूज पार्टी में गर्ग की मौत से पहले सिद्धार्थ शर्मा का आचरण बेहद संदिग्ध था। गोस्वामी ने यह भी आरोप लगाया कि जुबीन गर्ग के मुंह और नाक से झाग निकल रहा था, जिसे मैनेजर ने नजरअंदाज कर दिया और इसे ‘एसिड रिफ्लक्स’ (एसिडिटी) कहकर टाल दिया। शेखर ज्योति गोस्वामी के मुताबिक, उस वक्त जुबीन को कोई मेडिकल मदद नहीं दी गई, जिससे उनकी हालत और बिगड़ गई।
मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा पर शिकंजा और संपत्ति की जांच
जुबीन गर्ग की मौत के बाद से ही उनके मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और आयोजक श्यामकानु महंत सवालों के घेरे में थे। इस मामले में असम CID की एसआईटी ने दोनों को दिल्ली और गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था और वे फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं। FIR में मैनेजर शर्मा पर आपराधिक साजिश, हत्या और गैर-इरादतन हत्या सहित गंभीर गैर-जमानती आरोप हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जुबीन गर्ग मौत मामले में आरोपित इवेंट मैनेजर श्यामकानु महंत की बेनामी संपत्तियों के अधिग्रहण और संगठित वित्तीय अपराधों की जांच में अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग (Income Tax) की भी एंट्री हो चुकी है।
हालांकि, मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा की व्यक्तिगत संपत्ति, कारों या बेनामी संपत्तियों से जुड़ी कोई विशिष्ट जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है। लेकिन, जांच की दिशा अब वित्तीय अपराधों की ओर भी मुड़ गई है, जिसके चलते इस बात की प्रबल संभावना है कि जल्द ही सिद्धार्थ शर्मा की भी संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन की गहन जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनकी अचानक बढ़ी हुई आय का स्रोत क्या है और क्या उन्होंने इस मामले से जुड़े बेनामी लेन-देन किए हैं।
न्यायिक आयोग और सीआईडी की समानांतर जांच
इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए, असम सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए न्यायिक आयोग का गठन किया है। यह आयोग गुवाहाटी हाई कोर्ट के जस्टिस सौमित्र सैकिया के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच करेगा। इसके अलावा, असम सीआईडी की एसआईटी भी समानांतर रूप से जांच कर रही है और जुबीन के मैनेजर व आयोजक सहित कई करीबियों से घंटों पूछताछ कर चुकी है।
गोस्वामी और श्यामकानु महंत दोनों क्रूज पार्टी के दौरान गर्ग के साथ थे। एसआईटी सूत्रों के अनुसार, एक वीडियो में गोस्वामी को गर्ग के बेहद करीब तैरते हुए देखा गया, जबकि महंत ने पूरी घटना अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड की थी। इन संदिग्ध तथ्यों के कारण दोनों से लगातार पूछताछ की जा रही है, जिससे यह मामला दुर्घटना की बजाय हत्या की साजिश की ओर इशारा कर रहा है।