गोवा सरकार का नया स्टार्टअप पॉलिसी 2025

1,000 स्टार्टअप्स, 10,000 रोजगार और महिलाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना

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पूनम शर्मा
गोवा सरकार ने राज्य को भारत की “क्रिएटिव कैपिटल” बनाने के उद्देश्य से एक नई स्टार्टअप पॉलिसी 2025 की शुरुआत की है। इस नीति का लक्ष्य 1,000 नए स्टार्टअप्स की स्थापना, 10,000 गोवावासियों के लिए रोजगार सृजन और महिलाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में विशेष सहयोग प्रदान करना है।

राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार विभाग (DITEC) के प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि यह नीति राज्य को तकनीकी और रचनात्मक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “गोवा अब तेजी से एक तकनीकी और नवाचार केंद्र के रूप में उभर रहा है। वर्तमान में राज्य में 696 DPIIT (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप कार्यरत हैं।”

लक्ष्य 2028: गोवा बनेगा स्टार्टअप डेस्टिनेशन

सरकार का विजन है कि वर्ष 2028 तक गोवा को देश का अग्रणी स्टार्टअप डेस्टिनेशन बनाया जाए। इस दिशा में नीति के तहत ठोस लक्ष्य तय किए गए हैं —

1,000 स्टार्टअप्स की स्थापना,

10,000 स्थानीय युवाओं को रोजगार,

और 100 स्टार्टअप्स को वेंचर फंडिंग तक पहुँच सुनिश्चित करना।

इसके अलावा, नीति में 50 स्टार्टअप्स के साथ सरकारी सहयोग को बढ़ावा देने और इन्क्यूबेटर्स, कॉर्पोरेट संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों तथा उद्यमियों के बीच साझेदारी को मजबूत करने का लक्ष्य रखा गया है।

“कैंपस इनोवेशन स्कीम”: छात्रों के लिए प्रोत्साहन

नई नीति के अंतर्गत शुरू की गई कैंपस इनोवेशन स्कीम छात्रों को उद्यमिता या अनुसंधान आधारित परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहित करेगी। इस योजना के तहत प्रोजेक्ट डेवलपमेंट के दौरान आने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति (reimbursement) की जाएगी।

इसके साथ ही स्किल एन्हांसमेंट स्कीम भी लागू की जा रही है, जिसके तहत स्टार्टअप्स को Artificial Intelligence, Data Analytics और अन्य उभरती तकनीकों से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की फीस में छूट या प्रतिपूर्ति दी जाएगी।

महिला उद्यमियों के लिए विशेष मेंटरिंग और फंडिंग

इस पॉलिसी का एक विशेष भाग महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। इसके तहत नवाचार आधारित परियोजनाओं पर काम कर रही महिलाओं को मासिक भत्ता (monthly allowance) और मेंटरिंग सहायता प्रदान की जाएगी।

DITEC प्रवक्ता के अनुसार,

“महिला स्टार्टअप संस्थापकों के लिए एक समर्पित मेंटरिंग और फंडिंग कार्यक्रम चलाया जाएगा ताकि वे आत्मनिर्भर बनें और नवाचार के क्षेत्र में अपनी पहचान स्थापित करें।”

नवाचार केंद्र और IT लैब्स की स्थापना

गोवा सरकार निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ IT लैब्स, मेकर लैब्स, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और इनोवेशन सेंटर्स की स्थापना में भी सहयोग करेगी। इसके माध्यम से छात्रों और युवाओं को अत्याधुनिक तकनीक और व्यावहारिक ज्ञान का अनुभव मिलेगा।

सरकार का उद्देश्य है कि उद्योग और शिक्षा जगत के बीच सेतु स्थापित किया जाए, जिससे स्थानीय प्रतिभाओं को न केवल प्रशिक्षण मिले बल्कि वे रोजगार के नए अवसर भी सृजित कर सकें।

“प्रमोशन एंड मार्केटिंग असिस्टेंस स्कीम”

नई नीति के तहत प्रमोशन एंड मार्केटिंग असिस्टेंस स्कीम भी लाई गई है। इस योजना के अंतर्गत सरकार समर्थित प्रदर्शनियों और आयोजनों में भाग लेने वाले स्टार्टअप्स को उनके खर्च का एक बड़ा हिस्सा वापस किया जाएगा, जिससे छोटे और उभरते उद्यमों को अपने उत्पादों और विचारों को प्रदर्शित करने का मौका मिले।

“क्रिएटिव कैपिटल ऑफ इंडिया” बनने की दिशा में कदम

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि गोवा स्टार्टअप पॉलिसी 2025 न केवल नई कंपनियों को प्रोत्साहन देगी, बल्कि एक ऐसा नवाचार इकोसिस्टम तैयार करेगी जो आने वाली पीढ़ियों के लिए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

“यह नीति गोवा को रचनात्मकता, तकनीक और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाएगी। आने वाले वर्षों में गोवा केवल पर्यटन ही नहीं, बल्कि क्रिएटिव और डिजिटल इंडिया का धड़कता दिल बनेगा,” उन्होंने कहा।

गोवा सरकार की यह नई पहल राज्य की अर्थव्यवस्था को विविधता प्रदान करेगी, युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएगी, महिलाओं को सशक्त बनाएगी और गोवा को भारत का अगला स्टार्टअप हब बनाने की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगी

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