खगड़िया सीट पर जेडीयू-राजद में कड़ा मुकाबला, बाढ़ और बेरोजगारी बने बड़े मुद्दे

खगड़िया विधानसभा सीट पर इस बार जेडीयू और राजद में सीधी टक्कर देखी जा रही है

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  • जातीय समीकरण और स्थानीय समस्याएं तय करेंगी नतीजा।
  • जातीय समीकरण, बाढ़ और बेरोजगारी चुनावी नतीजों में अहम भूमिका निभाएंगे।
  • कांग्रेस, बीजेपी और अन्य दल भी इस सीट पर मजबूत दावेदारी पेश कर चुके हैं।
  • पिछली बार कांग्रेस ने जेडीयू को मामूली अंतर से हराकर सबको चौंकाया था।

समग्र समाचार सेवा
पटना, 3 अक्टूबर:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी तेज हो चुकी है और खगड़िया विधानसभा सीट इस बार सियासी हलचल का केंद्र बनी हुई है। यहां जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। जातीय समीकरण और स्थानीय समस्याएं एक बार फिर मतदाताओं के मूड को तय करेंगी।

राजनीतिक इतिहास
1951 में अस्तित्व में आई खगड़िया विधानसभा सीट पर अब तक 17 चुनाव हो चुके हैं। शुरुआती दौर में यह कांग्रेस का गढ़ रही और उसने पांच बार जीत दर्ज की। इसके बाद संयुक्त समाजवादी पार्टी, निर्दलीय उम्मीदवार, जनसंघ/बीजेपी, जेडीयू और अन्य दलों ने बारी-बारी से यहां जीत हासिल की। जेडीयू ने तीन बार, बीजेपी और निर्दलीय ने दो-दो बार जबकि एलजेपी, सीपीआई और जनता पार्टी ने एक-एक बार जीत दर्ज की। 2020 में कांग्रेस उम्मीदवार छत्रपति यादव ने जेडीयू की पूनम देवी यादव को मात्र 3,000 वोटों से हराकर माहौल बदल दिया।

जातीय समीकरण
खगड़िया की राजनीति जातीय समीकरण से गहराई से प्रभावित है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, यहां लगभग 50,000 वैश्य, 32,000 यादव, 30,000 दलित, 24,000 मुस्लिम, 20,000 अगड़ी जाति, 18,000 कुर्मी, 16,000 कोयरी, 15,000 पासवान, 15,000 सहनी और करीब 45,000 अन्य जातीय मतदाता हैं।
यादव वोट परंपरागत रूप से राजद का आधार है
भूमिहार और ब्राह्मण जेडीयू-बीजेपी की ओर झुकते हैं
मुस्लिम वोट कांग्रेस और राजद के पक्ष में देखे जाते हैं
कुर्मी, कोयरी और दलित वोट सभी दलों के लिए निर्णायक माने जा रहे हैं।

स्थानीय मुद्दे
खगड़िया गंगा, कोसी, बूढ़ी गंडक और बागमती जैसी नदियों से घिरा इलाका है, जहां हर साल बाढ़ और कटाव की समस्या रहती है। बुनियादी ढांचा विकास, रोजगार की कमी और कृषि संकट भी यहां बड़े चुनावी मुद्दों में शामिल हैं। हर दल इन मुद्दों को अपने एजेंडे में रखकर मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रहा है।
चुनावी महत्व
खगड़िया विधानसभा सीट की विविध जनसंख्या और जटिल सामाजिक संरचना इसे राज्य की राजनीति में विशेष बनाती है। यहां का चुनावी परिणाम न सिर्फ स्थानीय संतुलन बल्कि पूरे बिहार के राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।

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