धर्मांतरण कराने वाले गिरोह का हुआ पर्दाफाश कई गिरफ़्तार
बख्तौरीखेड़ा में चंगाई सभा के बहाने धर्मांतरण, पुलिस ने हॉल सील किया
- लखनऊ पुलिस ने सूचना के आधार पर धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ किया।
- गिरोह गरीब और कमजोर लोगों को नौकरी, शिक्षा और आर्थिक मदद का लालच देकर धर्म बदलने पर मजबूर करता था।
- गिरफ्तारियों में सरगना समेत कई सक्रिय सदस्य शामिल हैं; विदेशी फंडिंग के सबूत भी मिले।
- बख्तौरीखेड़ा में चंगाई सभा के बहाने धर्मांतरण, पुलिस ने हॉल सील किया
समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 29 सितंबर: लखनऊ के निगोहां क्षेत्र के बख्तौरीखेड़ा गाँव में लोगों को बहला-फुसलाकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस गिरोह के सरगना मलखान को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि पिछले दो वर्षों से वह यह गिरोह चला रहा था।
मुकदमा और गिरफ्तारी:
बजरंग दल के सुरक्षा प्रमुख धर्मेंद्र शर्मा की शिकायत के बाद शनिवार को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। मलखान हर बृहस्पतिवार और रविवार को अपने खेत में ‘चंगाई सभा’ आयोजित करता था। पुलिस ने हॉल को सील करवा दिया है।
इनाम और कार्रवाई:
डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि बख्तौरीखेड़ा गाँव में अनुसूचित जाति के कुछ लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने की शिकायतें मिल रही थीं। धर्मेंद्र की तहरीर पर पुलिस ने मलखान को उसके घर से गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के समय उसके पास दो बाइबिल और प्रचार सामग्री बरामद हुई। डीसीपी ने गिरफ्तारी में शामिल टीम को प्रोत्साहन स्वरूप 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की।
धर्मांतरण का तरीका:
मलखान अब तक 250 से ज्यादा हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करा चुका है। खासतौर पर गरीब और अनुसूचित जाति के लोग इसका निशाना थे।
पुलिस के अनुसार, लोगों को प्रार्थना सभाओं में बुलाया जाता था, जहां बाइबिल पढ़ाई जाती थी। इसके बाद पवित्र जल छिड़कने और पैसों का लालच देने जैसे तरीकों से उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जाता था।
महिलाओं की पहचान से खुला मामला:
धर्म परिवर्तन गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ, जब पुलिस ने मिशन शक्ति अभियान चलाया। अभियान के दौरान बख्तौरीखेड़ा में ग्रामीण महिलाओं की चौपाल ली गई। बड़ी संख्या में हिंदू धर्म की महिलाओं ने धर्म परिवर्तन के चक्कर में सिंदूर, बिंदी और बिछुआ नहीं पहना था। चौपाल में एसीपी स्टूडियो वर्मा और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।