बिहार चुनाव 2025: मोतिहारी में प्रियंका गांधी की पहली रैली

कांग्रेस ने भाजपा के गढ़ से चुनावी बिगुल फूंका, सीट शेयरिंग पर RJD पर दबाव बनाने की रणनीति।

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  • कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी अपनी पहली चुनावी रैली 26 सितंबर को बिहार के मोतिहारी में करेंगी।
  • मोतिहारी, जो भाजपा का गढ़ माना जाता है, को कांग्रेस ने एक रणनीतिक कदम के तहत चुना है ताकि आगामी चुनाव में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई जा सके।
  • इस रैली को कांग्रेस द्वारा महागठबंधन में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।

समग्र समाचार सेवा
मोतिहारी, 22 सितंबर, 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं, और इसी कड़ी में महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने भी अपनी चुनावी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी पहली चुनावी जनसभा के लिए मोतिहारी को चुना है, जिसे भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। प्रियंका 26 सितंबर को गांधी मैदान में दोपहर करीब एक बजे रैली को संबोधित करेंगी। जिला कांग्रेस ने इस रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।

यह रैली एक ऐसे समय में हो रही है जब कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीट शेयरिंग को लेकर तनातनी चल रही है। कांग्रेस बिहार में 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है, जबकि आरजेडी कम सीटें देने के पक्ष में है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से उसने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन कई सीटों पर हार का अंतर बहुत कम था। इस बार कांग्रेस उन सभी सीटों को हासिल करना चाहती है, जहाँ उसकी जीत की संभावना सबसे ज्यादा है। मोतिहारी भी ऐसी ही एक सीट है, जहाँ पिछली बार भाजपा और महागठबंधन के बीच मुकाबला कांटे का था।

मोतिहारी का राजनीतिक महत्व और विवाद

मोतिहारी सीट का कांग्रेस द्वारा चुना जाना कोई सामान्य फैसला नहीं है, बल्कि यह एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। पिछले साल, राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ से पहले इसी इलाके में कांग्रेस और आरजेडी कार्यकर्ताओं के बीच पोस्टर लगाने को लेकर विवाद हुआ था। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष गप्पू राय ने 54 जगहों पर पोस्टर लगाए थे, जिन्हें आरजेडी कार्यकर्ताओं ने हटाकर अपने बैनर लगा दिए थे, जिसके बाद कांग्रेस को एफआईआर दर्ज करानी पड़ी थी। अब प्रियंका गांधी उसी जगह से चुनावी हुंकार भरने जा रही हैं, जिसे ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ के तौर पर देखा जा रहा है ताकि आरजेडी को एक मजबूत संदेश दिया जा सके।

भाजपा का गढ़, लेकिन कांग्रेस को है उम्मीद

मोतिहारी विधानसभा सीट पर 2020 के चुनाव में भाजपा के प्रमोद कुमार ने 92,733 वोट पाकर जीत हासिल की थी, जबकि महागठबंधन के उम्मीदवार ओम प्रकाश चौधरी को 78,088 वोट मिले थे। हार का यह सीमित अंतर कांग्रेस को इस बार यहां सेंध लगाने की उम्मीद दे रहा है। कांग्रेस यह दिखाना चाहती है कि वह भाजपा के सबसे मजबूत गढ़ को भी चुनौती दे सकती है। प्रियंका गांधी की यह रैली न केवल महागठबंधन में कांग्रेस की स्थिति मजबूत करेगी, बल्कि बिहार में पार्टी कार्यकर्ताओं में भी एक नया जोश भरेगी।

कांग्रेस इस रैली के माध्यम से यह भी साबित करना चाहती है कि राहुल गांधी की यात्रा के बाद पार्टी के कार्यकर्ता पूरी तरह से उत्साहित हैं और आगामी चुनाव के लिए तैयार हैं। प्रियंका गांधी की रैली बिहार चुनाव में कांग्रेस के प्रयासों की दिशा और गंभीरता दोनों को दर्शाएगी।

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