यूरोप के कई एयरपोर्ट्स पर तकनीकी खराबी, सैकड़ों फ्लाइटें रद्द

साइबर हमले की आशंका, एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम हुआ ठप।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • यूरोप के कई प्रमुख हवाई अड्डों पर तकनीकी खराबी के कारण एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) सिस्टम ठप हो गया।
  • इस घटना के कारण सैकड़ों उड़ानें रद्द या देरी से चल रही हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
  • अधिकारियों ने शुरुआती तौर पर इस तकनीकी खराबी को एक संभावित साइबर हमले से जोड़कर देखा है, जिसकी जांच की जा रही है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21 सितंबर, 2025: यूरोप के हवाई यात्रियों के लिए शनिवार का दिन मुश्किल भरा रहा, जब महाद्वीप के कई बड़े हवाई अड्डों पर एक साथ तकनीकी खराबी आने के कारण हवाई यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया। इस घटना के कारण सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और हजारों यात्री हवाई अड्डों पर फंसे रह गए। यह तकनीकी खराबी एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सिस्टम में आई थी, जिससे विमानों की आवाजाही को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया।

एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि यह समस्या अचानक शुरू हुई और इसने पूरे हवाई यातायात नेटवर्क को प्रभावित कर दिया। हालांकि, अभी तक इस तकनीकी खराबी का सही कारण पता नहीं चल पाया है, लेकिन शुरुआती जांच में साइबर हमले की आशंका जताई जा रही है। अगर यह बात सच साबित होती है, तो यह दुनिया के लिए एक बड़ी चेतावनी होगी कि कैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे, जैसे हवाई अड्डे, साइबर हमलों के प्रति कितने संवेदनशील हैं।

इस घटना के बाद, हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। यात्री अपनी उड़ानों के बारे में जानकारी लेने के लिए पूछताछ काउंटरों पर लंबी कतारों में खड़े दिखे। एयरलाइंस ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे अपनी उड़ान की स्थिति की जांच करने के बाद ही एयरपोर्ट पर पहुंचें। यह घटना केवल यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि एयरलाइंस के लिए भी एक बड़ा नुकसान है, क्योंकि इससे उन्हें करोड़ों डॉलर का नुकसान हो रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया भर में हवाई अड्डे अब पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत और डिजिटल प्रणालियों पर निर्भर हैं। इससे कामकाज तो तेज हुआ है, लेकिन वे साइबर हमलों के लिए भी आसान निशाना बन गए हैं। इस तरह के हमले न केवल वित्तीय नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकते हैं।

फिलहाल, अधिकारी इस समस्या को ठीक करने में लगे हैं। तकनीकी टीमें लगातार काम कर रही हैं ताकि जल्द से जल्द सिस्टम को बहाल किया जा सके। इस घटना ने एक बार फिर सभी देशों को अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया है। जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, यात्रियों को और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.