प्रधानमंत्री मोदी का कांग्रेस पर हमला, आर्थिक नीतियों को बताया ‘बाधा’

पीएम ने कहा- आजादी के बाद कांग्रेस ने भारत को आयात पर निर्भर बनाया, आत्मनिर्भरता को किया कमजोर।

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  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भावनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और उसकी आर्थिक नीतियों को देश की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा बताया।
  • उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लाइसेंस-कोटा राज और आयात पर जोर देने की नीति ने भारत की आत्मनिर्भरता को कमजोर किया।
  • पीएम मोदी ने “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प को दोहराया और कहा कि देश का भविष्य विदेशी ताकतों पर नहीं, बल्कि अपने संकल्पों पर निर्भर है।

समग्र समाचार सेवा

भावनगर (गुजरात), 21 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के भावनगर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी की आर्थिक नीतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण भारत अपनी अपार संभावनाओं को पूरा नहीं कर पाया और वैश्विक मंच पर पिछड़ गया। मोदी ने कांग्रेस की नीतियों को “देश की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा” बताते हुए कहा कि इन नीतियों ने भारत को दशकों तक लाइसेंस-कोटा राज में उलझाए रखा, जिससे देश का विकास बाधित हुआ।

प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने भारत को वैश्विक बाजार से दूर रखा और जब वैश्वीकरण का दौर आया, तब भी उसने आत्मनिर्भरता पर ध्यान देने के बजाय देश को आयात पर अत्यधिक निर्भर कर दिया। उन्होंने कहा, “आजादी के 6-7 दशक बाद भी भारत वह सफलता हासिल नहीं कर पाया, जिसका वह हकदार था। इसके पीछे कांग्रेस की आर्थिक सोच जिम्मेदार रही।” मोदी ने यूपीए सरकार के दौरान हुए घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि इन घोटालों ने देश की असली ताकत को दबा दिया और राष्ट्रीय खजाने को लूटा।

प्रधानमंत्री ने युवाओं और देश की क्षमता पर जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस की नीतियों ने सबसे अधिक नुकसान युवाओं को पहुँचाया। उन्होंने कहा, “हमारे देश में अपार क्षमता और कौशल है, लेकिन कांग्रेस ने इसे नजरअंदाज किया।” मोदी ने देश को विदेशी निर्भरता से मुक्त करने का आह्वान करते हुए कहा, “देश का सबसे बड़ा दुश्मन दूसरे देशों पर निर्भरता है। यदि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं, तो हमें इस निर्भरता को समाप्त करना होगा।”

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में एक बार फिर “आत्मनिर्भर भारत” के अपने संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत अब “विश्वबंधु” की भावना के साथ आगे बढ़ रहा है और दूसरों पर निर्भरता को कम कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि विदेशी निर्भरता जितनी अधिक होगी, असफलता उतनी ही बड़ी होगी। उन्होंने कहा, “हम 1.4 अरब देशवासियों का भविष्य दूसरों पर नहीं छोड़ सकते। हमारा विकास हमारे अपने संकल्प से तय होगा।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की प्रगति अब किसी और की दया पर निर्भर नहीं है, बल्कि यह हमारे अपने प्रयासों और हमारे लोगों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। इस बयान के साथ, उन्होंने गुजरात के विकास मॉडल को भी एक उदाहरण के रूप में पेश किया, जिसे वे केंद्र में भी लागू कर रहे हैं।

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