पटना मेट्रो का इंतजार खत्म: 40 KM की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन
पटना मेट्रो की रेड लाइन पर शुरुआती परिचालन की तैयारी पूरी, वॉकी-टॉकी के सहारे शुरू होगा संचालन, 29 सितंबर को उद्घाटन संभव।
- पटना मेट्रो की ट्रेनें रेड लाइन के प्राथमिक कॉरिडोर पर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी।
- शुरुआती चरण में वॉकी-टॉकी के जरिए ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा, जिससे यात्रा में अधिक समय लगेगा।
- न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, जीरो माइल और भूतनाथ स्टेशनों के बीच जल्द ही आम लोगों के लिए मेट्रो सेवा शुरू होगी।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 15 सितंबर, 2025: बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो का इंतजार अब खत्म होने वाला है। पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (पीएमआरसी) ने रेड लाइन के प्राथमिक कॉरिडोर पर मेट्रो ट्रेनों के परिचालन की अंतिम तैयारियां पूरी कर ली हैं। एक महत्वपूर्ण घोषणा के अनुसार, शुरुआती चरण में मेट्रो ट्रेनें 40 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत रफ्तार से चलेंगी, जो शहर के लोगों को एक नई और तेज परिवहन सुविधा प्रदान करेगी। यह पटना के सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव लाएगा और शहर के बढ़ते ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करने में मदद करेगा।
प्राथमिक कॉरिडोर में ट्रेनों का संचालन न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, जीरो माइल और भूतनाथ रोड स्टेशनों के बीच होगा। अधिकारियों के मुताबिक, बस टर्मिनल से भूतनाथ स्टेशन तक की दूरी तय करने में अभी लगभग 25 से 30 मिनट का समय लगेगा। हालांकि, जब मेट्रो का सिग्नल सिस्टम पूरी तरह से काम करने लगेगा, तब यह दूरी महज 10 से 15 मिनट में पूरी की जा सकेगी। शुरुआती चरण में ट्रेनों का परिचालन कंट्रोल रूम और ड्राइवर के बीच वॉकी-टॉकी के माध्यम से किया जाएगा। रेलवे से इसकी अनुमति भी मिल चुकी है। यह एक अस्थाई व्यवस्था है, जिसे बाद में सिग्नल प्रणाली से बदल दिया जाएगा।
तैयारियों को दिया गया अंतिम रूप, नवरात्रि में शुरुआत संभव
पटना मेट्रो का ट्रायल रन पहले ही सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। अब बस कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) की अंतिम हरी झंडी का इंतजार है। CMRS की टीम 16 और 17 सितंबर को मेट्रो ट्रैक, स्टेशनों और सुरक्षा मानकों का गहन निरीक्षण करेगी। सब कुछ सही पाए जाने पर, मेट्रो के उद्घाटन की तारीख की घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार, 29 सितंबर को दुर्गा पूजा के शुभ अवसर पर मेट्रो का उद्घाटन होने की प्रबल संभावना है, जिससे पटनावासियों के लिए यह एक यादगार क्षण बन जाएगा।
शुरुआत में मेट्रो की सेवाएँ सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक, कुल 14 घंटे के लिए उपलब्ध होंगी। प्रत्येक ट्रेन 20 मिनट के अंतराल पर मिलेगी, जिससे यात्रियों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा। प्रत्येक ट्रेन में तीन कोच होंगे, जिनकी कुल यात्री क्षमता लगभग 945 होगी, जिसमें 147 यात्री बैठकर और 798 यात्री खड़े होकर यात्रा कर सकेंगे।
बिहार की संस्कृति से सजे होंगे मेट्रो के कोच
यात्रियों की सुविधा के साथ-साथ, पटना मेट्रो में कई आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। प्रत्येक कोच में मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा होगी। इसके अलावा, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर दरवाजे के पास एक लाल रंग का पैनिक बटन भी लगाया गया है। पैनिक बटन दबाने पर, सीसीटीवी कैमरे का फोकस उस यात्री पर चला जाएगा और उसका दृश्य सीधे ड्राइवर के डिस्प्ले बोर्ड पर दिखाई देगा।
मेट्रो के कोच बिहार की समृद्ध कला और संस्कृति को भी प्रदर्शित करेंगे। इन पर पटना का गोलघर, महावीर मंदिर और प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग सहित कई सांस्कृतिक प्रतीकों को चित्रित किया जाएगा। यह पहल न केवल मेट्रो को एक परिवहन साधन बनाएगी, बल्कि बिहार की पहचान को भी दर्शाएगी। पटना मेट्रो परियोजना न केवल शहर के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि यह लोगों के जीवन स्तर को भी बेहतर बनाएगी।
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