सी.पी. राधाकृष्णन बने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति

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  • सी.पी. राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
  • उन्होंने 9 सितंबर को हुए चुनाव में 452 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12 सितंबर 2025 – भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया है। चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपतियों और उपराष्ट्रपतियों सहित कई केंद्रीय मंत्री और प्रमुख राजनीतिक हस्तियां मौजूद थीं।

इस पद पर उनका शपथ ग्रहण ऐसे समय में हुआ है जब देश एक नए संसद भवन में प्रवेश कर चुका है और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। श्री राधाकृष्णन, जो एनडीए के उम्मीदवार थे, अपनी राजनीतिक सूझबूझ और अनुभव के लिए जाने जाते हैं। उनकी जीत को सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

शपथ ग्रहण समारोह और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित यह शपथ ग्रहण समारोह गरिमापूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और एम. वेंकैया नायडू, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। इसके अलावा, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू जैसे प्रमुख क्षेत्रीय नेता भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

उपराष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है, और वे राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं। इस लिहाज से उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। शपथ लेने के बाद, श्री राधाकृष्णन ने सभी नेताओं से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उन्हें बधाई देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि वह “हमारे संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करेंगे और संसदीय चर्चा को बढ़ाएंगे।”

चुनाव का सफर और धुरंधर नेता का अनुभव

सी.पी. राधाकृष्णन 9 सितंबर को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार थे। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी, विपक्षी उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को बड़े अंतर से हराया। श्री राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि श्री रेड्डी को 300 वोटों से संतोष करना पड़ा। इस चुनाव में 98.2 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। एनडीए उम्मीदवार को उम्मीद से 14 वोट ज्यादा मिलने के बाद क्रॉस-वोटिंग की भी अटकलें लगाई गईं, जो उनकी व्यापक स्वीकार्यता को दर्शाता है।

श्री राधाकृष्णन ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्थान लिया है, जिन्होंने चिकित्सा कारणों का हवाला देते हुए अगस्त 2027 में अपना कार्यकाल समाप्त होने से काफी पहले 21 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। श्री राधाकृष्णन के पास लंबे समय तक राजनीति का अनुभव है और उनकी नियुक्ति को संसद के ऊपरी सदन की कार्यवाही में अनुशासन और दक्षता लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है। यह उम्मीद की जा रही है कि उनके नेतृत्व में राज्यसभा की कार्यवाही और अधिक सुचारू और प्रभावी ढंग से चलेगी।

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