शिक्षा के क्षेत्र में नई पहल: चौकसे और ब्रह्मचारी गिरीश की महत्वपूर्ण भेंट

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • एलएनसीटी समूह के संस्थापक जय नारायण चौकसे ने महर्षि ग्रुप के अध्यक्ष ब्रह्मचारी गिरीश से की मुलाकात।
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली और भविष्य की नई आवश्यकताओं पर हुई सार्थक चर्चा।
  • ब्रह्मचारी गिरीश जी ने श्री चौकसे को अपनी पुस्तकें भेंट कीं।

समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 12 सितंबर 2025 – भोपाल में शिक्षा जगत की दो प्रमुख हस्तियों के बीच एक महत्वपूर्ण सौजन्य भेंट हुई। एलएनसीटी समूह एवं जेके अस्पताल के संस्थापक और अध्यक्ष श्री जय नारायण चौकसे जी ने महर्षि ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष ब्रह्मचारी गिरीश जी से मुलाकात की। इस मुलाकात को शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है। दोनों शिक्षाविदों ने वर्तमान शिक्षा प्रणाली की चुनौतियों और भविष्य की आवश्यकताओं पर एक अत्यंत उपयोगी चर्चा की। यह मुलाकात न केवल शिक्षा जगत में विचारों के आदान-प्रदान का एक अवसर थी, बल्कि यह भी संकेत देती है कि भविष्य की शिक्षा को आधुनिकता और भारतीय मूल्यों के संगम से किस तरह नया रूप दिया जा सकता है।

आधुनिकता और भारतीयता के संगम पर चर्चा

शिक्षाविदों के बीच हुई इस चर्चा का मुख्य केंद्र बिंदु भारत की वर्तमान शिक्षा प्रणाली में सुधार और उसे वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने के साथ-साथ भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को भी शामिल करना था। जय नारायण चौकसे जी जो कि तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा नाम हैं, और ब्रह्मचारी गिरीश जी, जो वैदिक शिक्षा और चेतना-आधारित शिक्षा के प्रणेता हैं, दोनों ने एक साझा दृष्टिकोण पर सहमति जताई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल अकादमिक उत्कृष्टता ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए एक समग्र शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है, जिसमें नैतिक मूल्यों, चरित्र निर्माण और मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाए। यह चर्चा इस बात का प्रमाण है कि भारत में शिक्षा का भविष्य सिर्फ पारंपरिक पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह ध्यान, योग और स्वास्थ्य कार्यक्रमों जैसे तत्वों को भी अपनाएगा।

ज्ञान का आदान-प्रदान और भविष्य की राह

इस मुलाकात के दौरान, ब्रह्मचारी गिरीश जी ने श्री चौकसे जी को अपनी कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकें भेंट कीं। इनमें महर्षि वेद विज्ञान भाग I, ओजस्वी-महर्षि स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम, और परम पूज्य महर्षि महेश योगी जी की देवीय छत्रछाया में ब्रह्मचारी गिरीश शामिल थीं। इन पुस्तकों का भेंट किया जाना इस बात का संकेत है कि दोनों संस्थान भविष्य में आपसी सहयोग की संभावना तलाश रहे हैं। महर्षि ग्रुप अपनी वैदिक शिक्षा और स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है, जबकि एलएनसीटी ग्रुप तकनीकी और पेशेवर शिक्षा में अग्रणी है। दोनों के बीच संभावित सहयोग से एक ऐसा मॉडल तैयार हो सकता है जो छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के साथ-साथ उन्हें मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी सशक्त बनाएगा।

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) भी समग्र शिक्षा पर जोर देती है। यह एक सकारात्मक संकेत है कि निजी क्षेत्र के प्रमुख संस्थान भी इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इस तरह की भेंटें और चर्चाएं न केवल विचारों का आदान-प्रदान करती हैं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में नए नवाचारों को भी जन्म देती हैं। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में इन दोनों प्रतिष्ठित शिक्षा समूहों के बीच सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे, जिसका सीधा लाभ छात्रों और पूरे समाज को मिलेगा। यह मुलाकात भोपाल ही नहीं, बल्कि पूरे देश के शिक्षाविदों के लिए एक प्रेरणा है कि कैसे पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा को मिलाकर एक सशक्त और जागरूक युवा पीढ़ी का निर्माण किया जा सकता है।

लेटेस्ट हिंदी समाचार अपडेट के लिए Facebook पर  Samagra Bharat के पेज को फॉलो करें।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.