केसीआर ने अपनी बेटी कविता को BRS से किया निष्कासित

पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पिता केसीआर ने लिया सख्त फैसला

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  • तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने अपनी बेटी और एमएलसी के. कविता को भारत राष्ट्र समिति (BRS) से निलंबित कर दिया है।
  • यह फैसला कविता द्वारा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, विशेषकर अपने चचेरे भाई टी. हरीश राव पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद लिया गया है।
  • इस घटना से BRS में अंदरूनी कलह और पार्टी पर नियंत्रण को लेकर जारी वर्चस्व की लड़ाई खुलकर सामने आ गई है।

समग्र समाचार सेवा
हैदराबाद, 02 सितंबर 2025: तेलंगाना की राजनीति में एक बड़ा भूचाल आ गया है। भारत राष्ट्र समिति (BRS) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने अपनी बेटी और विधान परिषद सदस्य के. कविता को पार्टी से निलंबित कर दिया है। यह कड़ा फैसला कविता के उस बयान के बाद लिया गया है, जिसमें उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और अपने चचेरे भाई टी. हरीश राव पर खुले तौर पर आरोप लगाए थे। पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा है कि कविता की हालिया गतिविधियां और बयान ‘पार्टी विरोधी’ हैं और इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच रहा है।

पिछले कुछ समय से BRS के भीतर उत्तराधिकार और वर्चस्व को लेकर खींचतान चल रही थी। एक तरफ केसीआर के बेटे केटी रामा राव (KTR) हैं, जिन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है, वहीं दूसरी तरफ उनकी बेटी के. कविता हैं, जो पार्टी में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही थीं। यह निलंबन इस बात का स्पष्ट संकेत है कि पार्टी और परिवार में सब कुछ ठीक नहीं है।

कलह की वजह: गंभीर आरोप और आंतरिक साजिश

इस पूरे विवाद की जड़ कविता द्वारा लगाए गए आरोपों में निहित है। उन्होंने अपने चचेरे भाई और पूर्व मंत्री टी. हरीश राव पर कालेश्वरम परियोजना में कथित भ्रष्टाचार को लेकर पिता केसीआर की छवि खराब करने का आरोप लगाया था। कविता ने यह भी आरोप लगाया कि हरीश राव का तेलंगाना के वर्तमान मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के साथ ‘सांठगांठ’ है। उन्होंने यह भी कहा कि हरीश राव ने सिंचाई मंत्री रहते हुए परियोजना में बड़ी भूमिका निभाई थी और उनके ‘गलत कामों’ की वजह से ही केसीआर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है।

कविता ने इससे पहले भी पार्टी के भीतर साजिशों की बात उठाई थी और आरोप लगाया था कि उन्हें हाशिए पर धकेला जा रहा है। उन्होंने अपने भाई केटीआर पर भी पार्टी को बीजेपी में विलय करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था, जिसे बाद में उन्होंने खारिज कर दिया। ये आरोप-प्रत्यारोप महीनों से चल रहे थे, लेकिन कविता का सार्वजनिक बयान एक अनुशासनहीनता मानी गई और इसी कारण उन पर यह कार्रवाई की गई।

पार्टी के लिए बड़ा झटका

के. कविता का निलंबन BRS के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर तब जब पार्टी हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में सत्ता गंवा चुकी है। कविता, जो पहले निजामबाद से सांसद रह चुकी हैं, पार्टी का एक प्रमुख चेहरा थीं। उनका निलंबन पार्टी के भीतर की आंतरिक कलह को उजागर करता है, जिससे पार्टी की साख पर और भी गहरा असर पड़ेगा। विपक्षी दल, विशेषकर कांग्रेस, इस घटना पर नजर रखे हुए हैं और इसे BRS के भीतर ‘वंशवादी राजनीति’ का नतीजा बता रहे हैं। यह घटना बताती है कि पारिवारिक संबंध और राजनीति एक साथ चलाना कितना मुश्किल हो सकता है।

फिलहाल, इस निलंबन के बाद यह देखना बाकी है कि के. कविता का अगला कदम क्या होगा। क्या वह पार्टी से इस्तीफा देंगी और एक अलग रास्ता चुनेंगी, या क्या वह अपने पिता के खिलाफ खुले तौर पर बगावत करेंगी? इस राजनीतिक उथल-पुथल का तेलंगाना की राजनीति पर गहरा असर पड़ने की संभावना है।

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