पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के पेंशन आवेदन से हलचल
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मांगी पेंशन, राजस्थान में पूर्व विधायक के नाते किया आवेदन
- पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विधानसभा में पेंशन के लिए आवेदन किया है।
- यह आवेदन उन्होंने 1993 में किशनगढ़ से विधायक रहने के नाते किया है।
- नियमों के अनुसार, उन्हें प्रतिमाह लगभग 42,000 रुपये की पेंशन मिलेगी।
समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 30 अगस्त, 2025: भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एक बार फिर चर्चा में हैं। हाल ही में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था और अब उन्होंने राजस्थान विधानसभा में पेंशन के लिए आवेदन किया है। यह आवेदन उन्होंने राजस्थान में पूर्व विधायक के तौर पर किया है। यह खबर सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में इस पर खूब चर्चा हो रही है।
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से वे सार्वजनिक मंचों से दूर थे। यह पहली बार है जब उन्होंने किसी सरकारी लाभ के लिए आवेदन किया है।
क्या है पेंशन का पूरा गणित?
जगदीप धनखड़ का यह आवेदन उनके राजनीतिक करियर के एक पुराने पड़ाव से जुड़ा है। वे 1993 में कांग्रेस के टिकट पर अजमेर जिले की किशनगढ़ सीट से विधायक चुने गए थे और 1998 तक इस पद पर रहे। राजस्थान में पूर्व विधायकों को पेंशन और अन्य सुविधाएं मिलती हैं।
राज्य के नियमों के अनुसार, पूर्व विधायकों को 35,000 रुपये प्रति माह की पेंशन मिलती है। इसके अलावा, यदि पूर्व विधायक की उम्र 70 वर्ष से अधिक है तो उन्हें 20% अतिरिक्त पेंशन दी जाती है। चूंकि धनखड़ की उम्र 74 साल है, इसलिए उन्हें 20% अतिरिक्त लाभ मिलेगा, जिसके बाद उनकी मासिक पेंशन राशि लगभग 42,000 रुपये हो जाएगी। राजस्थान में दोहरी और तिहरी पेंशन की भी व्यवस्था है, जिसके तहत यदि कोई व्यक्ति सांसद और विधायक दोनों पदों पर रहा हो, तो वह दोनों की पेंशन ले सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष ने की पुष्टि
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इस बात की पुष्टि की है कि पूर्व उपराष्ट्रपति का पेंशन आवेदन विधानसभा को प्राप्त हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि आवेदन पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है। अगर उनका आवेदन मंजूर हो जाता है, तो धनखड़ को पेंशन के साथ-साथ कई अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी।
इन सुविधाओं में मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं, यात्रा भत्ता और विधानसभा से संबंधित कार्यक्रमों में विशेष आमंत्रण शामिल हैं। यह आवेदन धनखड़ के लंबे और विविध राजनीतिक सफर का एक और हिस्सा है, जिसमें वे झुंझुनू से सांसद, किशनगढ़ से विधायक और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। उनके इस कदम को नियमों के तहत एक सामान्य प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।