तेजस्वी-राहुल की यात्रा में पीएम मोदी की मां पर अभद्र टिप्पणी

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  • बिहार में कांग्रेस और आरजेडी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान एक मंच से पीएम मोदी की दिवंगत मां को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया।
  • वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जोरदार हमला बोला है, इसे देश की हर मां का अपमान बताया है।
  • बीजेपी ने सीधे तौर पर आरजेडी और कांग्रेस पर निशाना साधा है और कहा है कि यह घृणा की राजनीति का प्रमाण है।

समग्र समाचार सेवा
पटना, 29 अगस्त, 2025: बिहार की सियासत में एक बार फिर मर्यादा की सीमाएं टूटती दिख रही हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान एक मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां हीराबेन के लिए अभद्र और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस घटना ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है। बीजेपी इस वीडियो को लेकर आरजेडी और कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। बीजेपी का कहना है कि यह सिर्फ पीएम मोदी की मां का नहीं, बल्कि पूरे देश की माताओं का अपमान है और विपक्ष को इसके लिए जनता माफ नहीं करेगी।

विवादित वीडियो और सियासी तूफान

वायरल हो रहे वीडियो में एक शख्स मंच पर खड़ा होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां के लिए बेहद आपत्तिजनक और असंसदीय भाषा का प्रयोग कर रहा है। बताया जा रहा है कि यह मंच कांग्रेस के एक टिकट आकांक्षी के समर्थकों द्वारा लगाया गया था, जो राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्रा के स्वागत के लिए था। हालाँकि, दोनों दलों ने इस मंच से दूरी बना ली है, लेकिन बीजेपी ने इसे घृणा की राजनीति करार देते हुए आरजेडी और कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और राजनीतिक दल एक दूसरे पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। बीजेपी ने इसे राजनीतिक मर्यादा के सबसे निचले स्तर पर पहुंचना बताया है।

बीजेपी नेताओं ने की कड़ी निंदा

इस घटना पर बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि यह निंदनीय है और विपक्ष ने अपनी राजनीति का स्तर इतना गिरा दिया है कि अब वे देश के प्रधानमंत्री की मां को भी नहीं छोड़ रहे। उन्होंने कहा, “यह बिहार की संस्कृति नहीं है। यहां महिलाओं और माताओं का सम्मान किया जाता है। जनता इस अपमान का जवाब देगी।”

केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा कि कांग्रेस और आरजेडी की यह घृणा भरी मानसिकता दर्शाती है। उन्होंने कहा, “जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, वह बताता है कि उनके पास मुद्दों की कमी है और अब वे व्यक्तिगत हमले पर उतर आए हैं।” बिहार सरकार के मंत्री संजय सरावगी ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरजेडी-कांग्रेस के नेता पहले से ही अभद्र भाषा का प्रयोग करते रहे हैं, लेकिन अब तो उन्होंने सारी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने कहा कि यह घृणा की राजनीति है और जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी।

विपक्षी दलों पर चौतरफा हमला

इस मामले में बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी तीखा हमला किया गया है। ट्वीट में कहा गया है कि कांग्रेस और आरजेडी के नेता प्रधानमंत्री के प्रति अपनी नफरत में इतने अंधे हो गए हैं कि वे उनकी मां पर भी अभद्र टिप्पणी करने से नहीं चूक रहे हैं। यह उनकी गिरी हुई मानसिकता को दर्शाता है। एनडीए के सहयोगी और लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा, “राजनीति में इस तरह की भाषा के लिए कोई जगह नहीं है। मुझे विश्वास है कि बिहार की जनता इस अपमान को कभी नहीं भूलेगी और उन्हें सबक सिखाएगी।” यह घटना आगामी चुनावों से पहले बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है, जहाँ बीजेपी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा सकती है।

चुनावी माहौल में मर्यादा की कसौटी

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं चुनावी माहौल में पार्टियों के बीच तनाव को और बढ़ाती हैं। जहां एक ओर बीजेपी इसे एक भावनात्मक मुद्दा बनाकर जनता के बीच भुनाने की कोशिश कर रही है, वहीं विपक्ष के लिए यह एक मुश्किल स्थिति है, क्योंकि भले ही टिप्पणी किसी समर्थक ने की हो, लेकिन मंच उनकी यात्रा का था। यह देखना दिलचस्प होगा कि आरजेडी और कांग्रेस इस मामले पर किस तरह से प्रतिक्रिया देती हैं और कैसे अपनी स्थिति स्पष्ट करती हैं।

यह घटना दर्शाती है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते हैं, राजनीतिक मर्यादाएं कम होती जाती हैं और व्यक्तिगत हमले बढ़ जाते हैं। यह न केवल प्रधानमंत्री के पद का अपमान है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारतीय राजनीति किस दिशा में जा रही है। जनता को यह तय करना होगा कि वे किस तरह की राजनीति को स्वीकार करते हैं।

 

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