समग्र समाचार सेवा
कोट्टायम 21 अगस्त – केरल की राजनीति में बड़ा भूचाल तब आया जब राज्य युवक कांग्रेस अध्यक्ष और पाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक राहुल ममकूट्टाथिल ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। इस्तीफ़ा ऐसे समय आया है जब उन पर मॉडल रीनी ऐन जॉर्ज और लेखिका हनी भास्करन ने गंभीर आरोप लगाए हैं। दोनों ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि राहुल ने उन्हें आपत्तिजनक और अश्लील संदेश भेजे।
युवक कांग्रेस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल आंतरिक जांच शुरू कर दी है। कांग्रेस नेतृत्व ने स्पष्ट किया है कि संगठन किसी भी प्रकार की महिला विरोधी हरकत या अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगा।
आरोपों की शुरुआत
मॉडल रीनी ऐन जॉर्ज ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह दावा किया कि राहुल ने उन्हें कई बार आपत्तिजनक संदेश भेजे। उनके मुताबिक, यह सिर्फ “दोस्ताना बातचीत” नहीं थी, बल्कि लगातार उत्पीड़न जैसा व्यवहार था।
इसी बीच, चर्चित लेखिका हनी भास्करन ने भी सामने आकर आरोपों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि राहुल ने उन्हें भी अनुचित संदेश भेजे थे और यह आचरण किसी विधायक और युवा संगठन के प्रमुख को शोभा नहीं देता।
इन आरोपों ने कुछ ही घंटों में तूल पकड़ लिया और राजनीतिक गलियारों से लेकर मीडिया तक, चर्चा का मुख्य विषय बन गए।
राहुल का इस्तीफ़ा और सफाई
तेजी से बढ़ते विवाद के बीच राहुल ममकूट्टाथिल ने अपना इस्तीफ़ा प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को सौंप दिया। इस्तीफ़ा देते हुए उन्होंने आरोपों को “राजनीतिक साजिश” बताया।
राहुल का कहना है कि उनके खिलाफ एक सोची-समझी चाल रची गई है ताकि उनकी साख को धूमिल किया जा सके। उन्होंने कहा—
“मेरी छवि खराब करने और संगठन को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की जा रही है। सच्चाई जांच के बाद सामने आएगी।”
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (KPCC) ने राहुल के इस्तीफ़े को स्वीकार करते हुए कहा है कि संगठन पारदर्शिता और अनुशासन पर विश्वास करता है। पार्टी ने तुरंत एक तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है जो आरोपों की जांच करेगी।
युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी बयान जारी कर कहा कि महिला सदस्यों की सुरक्षा और सम्मान पार्टी की प्राथमिकता है। उन्होंने वादा किया कि यदि आरोप सच पाए गए, तो सख़्त कार्रवाई होगी।
राजनीतिक असर
यह विवाद कांग्रेस के लिए ऐसे समय में बड़ा झटका है जब पार्टी राज्य में संगठन को मज़बूत करने और आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी हुई है। राहुल ममकूट्टाथिल को कांग्रेस का उभरता हुआ युवा चेहरा माना जाता था। वे छात्र राजनीति से निकले और जल्दी ही युवक कांग्रेस में शीर्ष पद तक पहुँचे।
लेकिन अब आरोपों और इस्तीफ़े ने उनकी छवि पर गहरी चोट की है। विपक्षी दलों ने भी मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पर तीखे हमले शुरू कर दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी और CPI(M) नेताओं ने कांग्रेस को “नारी सम्मान के मुद्दे पर दोहरा रवैया अपनाने वाला” करार दिया।
आगे क्या?
जांच समिति जल्द ही दोनों महिलाओं के बयान दर्ज करेगी और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की भी समीक्षा करेगी। माना जा रहा है कि यह रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर पार्टी नेतृत्व को सौंपी जाएगी।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर भारतीय राजनीति में महिलाओं की सुरक्षा और नेताओं के आचरण पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर तब जब युवा और शिक्षित चेहरों से उम्मीद की जाती है कि वे राजनीति में नई साख और संवेदनशीलता लाएँगे।
निष्कर्ष
राहुल ममकूट्टाथिल का इस्तीफ़ा केवल एक व्यक्ति की हार नहीं, बल्कि उस राजनीतिक संस्कृति पर भी प्रश्नचिह्न है, जहाँ व्यक्तिगत आचरण पर बार-बार सवाल उठते हैं। कांग्रेस अब इस चुनौतीपूर्ण स्थिति से कैसे बाहर निकलेगी और आरोपों की जांच किस दिशा में जाएगी, यह आने वाला समय ही बताएगा।