ऑनलाइन गेमिंग पर लोकसभा में बिल पास, मनी गेम्स पर लगा पूर्ण प्रतिबंध

ऑनलाइन गेमिंग (संवर्धन और विनियमन) विधेयक, 2025 लोकसभा में पारित। IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'मनी गेमिंग पर पूर्ण प्रतिबंध, ई-स्पोर्ट्स को मिलेगी बढ़ावा।'

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  • ऑनलाइन गेमिंग (संवर्धन और विनियमन) विधेयक, 2025 लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया, जिसमें मनी गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
  • यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग को ‘ई-स्पोर्ट्स’, ‘ऑनलाइन सोशल गेमिंग’ और ‘ऑनलाइन मनी गेमिंग’ में वर्गीकृत करता है, जिसमें सिर्फ अंतिम श्रेणी पर ही प्रतिबंध लगाया गया है।
  • विधेयक में नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है, जिसमें 3 साल तक की जेल और ₹1 करोड़ तक का जुर्माना शामिल है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 अगस्त, 2025: ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025 को भारत में तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को विनियमित करने के लिए लाया गया है। सरकार का मुख्य मकसद युवाओं को पैसे वाले खेलों (Real Money Games) की लत और वित्तीय जोखिम से बचाना है, जिसके कारण कई परिवारों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है और आत्महत्या के मामले भी सामने आए हैं। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बिल पेश करते हुए कहा कि ये प्लेटफॉर्म अक्सर मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और यहां तक कि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली गतिविधियों के लिए भी इस्तेमाल होते हैं। इस बिल का उद्देश्य भारत को ई-स्पोर्ट्स और रचनात्मक गेमिंग का वैश्विक केंद्र बनाना है, जबकि हानिकारक मनी गेम्स पर पूर्ण रोक लगाना है।

बिल के मुख्य प्रावधान: क्या बैन, क्या प्रमोट?

यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग को तीन स्पष्ट श्रेणियों में बांटता है:

ई-स्पोर्ट्स: यह कौशल-आधारित (skill-based) प्रतिस्पर्धी खेल हैं, जिन्हें सरकार बढ़ावा देना चाहती है। खेल मंत्रालय इनके लिए दिशानिर्देश और प्रशिक्षण केंद्र बनाएगा।

ऑनलाइन सोशल गेमिंग: ये मनोरंजक और शैक्षणिक खेल हैं, जिनमें पैसे का लेन-देन नहीं होता। ये भी सरकार की प्रोत्साहन सूची में हैं।

ऑनलाइन मनी गेमिंग: ये ऐसे खेल हैं, जिनमें उपयोगकर्ता पैसा जमा करते हैं या दांव लगाते हैं, जिसमें जीतने पर पैसे वापस मिलने की उम्मीद होती है। विधेयक ऐसे सभी मनी गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है, भले ही वे ‘कौशल’ या ‘मौका’ (skill or chance) पर आधारित हों।

यह विधेयक स्पष्ट करता है कि अब से ऑनलाइन मनी गेम्स की पेशकश, उनका विज्ञापन और उनसे जुड़े सभी वित्तीय लेनदेन पूरी तरह से प्रतिबंधित होंगे। बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी ऐसे लेनदेन को संसाधित करने से रोक दिया जाएगा।

सख्त सजा का प्रावधान: उल्लंघन पर क्या होगा?

इस विधेयक में नियम तोड़ने वालों के लिए कड़े दंड का प्रावधान है:

गेमिंग प्लेटफॉर्म चलाने वाले: यदि कोई व्यक्ति या कंपनी अवैध मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म चलाती है, तो उसे 3 साल तक की जेल या ₹1 करोड़ तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

विज्ञापन करने वाले: मनी गेम्स का विज्ञापन या प्रचार करने वालों को 2 साल तक की जेल या ₹50 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।

वित्तीय लेनदेन में शामिल: अवैध लेनदेन में शामिल वित्तीय संस्थानों को भी 3 साल की जेल या ₹1 करोड़ तक के जुर्माने का सामना करना पड़ेगा।

बिल में यह भी प्रावधान है कि बार-बार अपराध करने पर सजा और जुर्माने की राशि बढ़ जाएगी। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि इस कानून का मकसद खिलाड़ियों को अपराधी बनाना नहीं है, बल्कि उन्हें शिकार के रूप में देखना और उन प्लेटफॉर्म्स पर कार्रवाई करना है जो उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं।

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