अर्थव्यवस्था को नई गति: जीएसटी सुधार में पीएम मोदी की अपील
प्रधानमंत्री ने जीएसटी सुधारों के लिए राज्यों से सहयोग मांगा, बोले- 'इससे नागरिकों और व्यवसायों दोनों को दोहरा लाभ मिलेगा।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से जीएसटी सुधारों में सक्रियता से सहयोग करने का आग्रह किया।
- उन्होंने कहा कि इन सुधारों से नागरिकों को सस्ती चीजें मिलेंगी, और व्यवसायों के लिए कारोबार करना आसान होगा।
- पीएम मोदी ने इन सुधारों को ‘दोहरे लाभ’ वाला कदम बताया, जिससे अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17 अगस्त, 2025: भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के लक्ष्य के साथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में ‘अगली पीढ़ी के सुधारों’ में सहयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है कि हम एक ऐसी कर प्रणाली को अपनाएं जो और अधिक सरल और सुव्यवस्थित हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी के लागू होने से देश में करों का बोझ कम हुआ है और अब इसे और बेहतर बनाने का समय आ गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल केंद्र सरकार का काम नहीं है, बल्कि राज्यों को भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।
‘डबल दिवाली’ का तोहफा: दोहरे लाभ का वादा
प्रधानमंत्री ने जीएसटी सुधारों को ‘डबल दिवाली’ का तोहफा बताया। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से आम लोगों को सीधे तौर पर दोहरे लाभ मिलेंगे। पहला, रोजमर्रा की जरूरी चीजें सस्ती हो जाएंगी, क्योंकि सरकार का इरादा टैक्स स्लैब को तर्कसंगत बनाना और कुछ वस्तुओं पर टैक्स की दरें कम करना है। दूसरा, व्यवसायों और खास तौर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए व्यापार करना बहुत आसान हो जाएगा। सरल कर प्रणाली से अनुपालन का बोझ कम होगा, जिससे छोटे उद्यमी अपने कारोबार को और बढ़ा पाएंगे।
राज्यों का सहयोग क्यों है जरूरी?
जीएसटी एक सहकारी संघवाद का बेहतरीन उदाहरण है, जहाँ केंद्र और राज्य मिलकर काम करते हैं। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि जीएसटी सुधारों को पूरी तरह से सफल बनाने के लिए राज्यों का सहयोग अनिवार्य है। राज्यों के राजस्व और उनकी आर्थिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ही जीएसटी काउंसिल में कोई भी फैसला लिया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों को इन सुधारों से लाभ होगा क्योंकि इससे टैक्स कलेक्शन में पारदर्शिता आएगी और राजस्व में वृद्धि होगी, जिसका सीधा फायदा देश के विकास में होगा।
क्या होंगे जीएसटी के नए बदलाव?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जीएसटी सुधारों के तहत मौजूदा 4-स्तरीय टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) को घटाकर दो स्लैब में किया जा सकता है। इससे ज्यादातर वस्तुएं या तो 5% या 18% के दायरे में आ जाएंगी। 12% और 28% के स्लैब को खत्म करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, तंबाकू और पान मसाला जैसे ‘सिन गुड्स’ पर एक नया और ऊंचा टैक्स लगाया जा सकता है, जबकि सीमेंट जैसी वस्तुओं पर टैक्स कम किया जा सकता है। इन बदलावों से ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों को भी बल मिलेगा, क्योंकि यह घरेलू निर्माताओं के लिए अनुकूल माहौल तैयार करेगा।
उद्योग जगत और जनता को लाभ
जीएसटी सुधारों की घोषणा का उद्योग जगत ने स्वागत किया है। उद्योगपतियों का मानना है कि इससे न केवल ग्राहकों को राहत मिलेगी, बल्कि ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में भी सुधार होगा। इस कदम से विदेशी निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि एक सरल और स्थिर कर प्रणाली निवेशकों को आकर्षित करती है। यह सुधार उन सभी लोगों के लिए फायदेमंद होगा जो व्यवसाय करते हैं और आम नागरिकों के लिए भी, जिन्हें कम कीमतों पर वस्तुएं मिलेंगी।