इंडिया ब्लॉक 15 अगस्त के बाद करेगा उपराष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा

विपक्ष की एकजुटता का बड़ा संकेत, एनडीए के बाद इंडिया ब्लॉक चलेगा अपना दांव।

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  • इंडिया ब्लॉक ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा 15 अगस्त के बाद करने का फैसला किया है।
  • विपक्ष की इस रणनीति के पीछे सर्वसम्मति बनाने और सत्ता पक्ष की चाल पर नजर रखने का मकसद है।
  • चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त तय की है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 अगस्त – देश के अगले उपराष्ट्रपति पद के लिए सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। एनडीए ने जहां अपने उम्मीदवार का चयन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को अधिकृत कर दिया है, वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने भी अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, इंडिया ब्लॉक ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार का नाम 15 अगस्त के बाद घोषित करने का निर्णय लिया है। यह कदम विपक्ष की एकजुटता और सत्ता पक्ष के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने की रणनीति का हिस्सा है।

क्यों किया गया है घोषणा में विलंब?

इंडिया ब्लॉक का यह फैसला एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि गठबंधन के सभी घटक दलों में उम्मीदवार के नाम पर सर्वसम्मति बनाई जा सके। इसके अलावा, विपक्ष एनडीए के उम्मीदवार की घोषणा का इंतजार कर रहा है, ताकि वह उसके अनुसार अपना उम्मीदवार उतार सके, जो जातीय, क्षेत्रीय या सामाजिक समीकरणों के लिहाज से ज्यादा प्रभावी हो। इस तरह, विपक्ष अपनी एकजुटता दिखाते हुए चुनाव को एक नया आयाम देना चाहता है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है, ऐसे में विपक्ष के पास उम्मीदवार की घोषणा के लिए पर्याप्त समय है।

कौन हो सकते हैं संभावित उम्मीदवार?

हालांकि, इंडिया ब्लॉक ने अभी तक उम्मीदवार के नाम पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक कुछ नामों पर चर्चा चल रही है। इन नामों में ऐसे चेहरे शामिल हैं, जिनकी छवि साफ-सुथरी हो और जो संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के बीच स्वीकार्य हों। विपक्ष इस बार किसी ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारने की रणनीति बना रहा है, जो सिर्फ इंडिया ब्लॉक को ही नहीं, बल्कि तटस्थ माने जाने वाले दलों जैसे बीजेडी, वाईएसआरसीपी, और बसपा को भी अपनी ओर आकर्षित कर सके।

उपराष्ट्रपति चुनाव का महत्व

उपराष्ट्रपति का पद भारत का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। वह राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है। राज्यसभा में सरकार को विधेयक पारित कराने में अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, और उपराष्ट्रपति की भूमिका इसमें महत्वपूर्ण हो जाती है। इसलिए, सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही इस पद पर अपने उम्मीदवार को बिठाना चाहते हैं। हालांकि, संख्या बल के हिसाब से एनडीए को इस चुनाव में बढ़त हासिल है, लेकिन इंडिया ब्लॉक अपनी एकजुटता से एक मजबूत चुनौती पेश करने की कोशिश कर रहा है।

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