ओवैसी का पाकिस्तान सेना पर वार ‘सड़कछाप’ कह परमाणु धमकी की निंदा

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  • ओवैसी ने पाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर को ‘सड़कछाप आदमी’ बताते हुए परमाणु धमकी की निंदा की।
  • मुनीर ने अमेरिका में भारत के खिलाफ परमाणु हमले और सिंधु नदी पर बांध तोड़ने की धमकी दी।
  • विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की इस धमकी को गैर-जिम्मेदाराना बताया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसे गंभीरता से लेने को कहा।
  • ओवैसी ने भारत से रक्षा बजट बढ़ाने और पाकिस्तानी सेना की स्थायी चुनौती से निपटने की अपील की।

 समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12 अगस्त-एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के हालिया परमाणु हमले की धमकी पर कड़ा प्रहार किया है। ओवैसी ने असीम मुनीर को “सड़कछाप आदमी” करार देते हुए उनके बयानों को ‘घृणित’ बताया और कहा कि ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान एक रणनीतिक साझेदार माने जाने वाले देश की ओर से आना दुर्भाग्यपूर्ण है।

ओवैसी का यह बयान उस समय आया जब मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार असीम मुनीर ने अमेरिका के टाम्पा, फ्लोरिडा में, अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के विदाई समारोह के दौरान भारत के खिलाफ परमाणु हमले की धमकी दी थी। यह समारोह अमेरिकी जनरल माइकल कुरिल्ला के सम्मान में आयोजित किया गया था।

असीम मुनीर का विवादित बयान

रिपोर्ट्स के अनुसार, मुनीर ने कहा कि अगर पाकिस्तान ‘डूबा’ तो वह “आधी दुनिया को साथ लेकर डूबेगा।” उन्होंने यह भी धमकी दी कि भारत अगर सिंधु नदी पर कोई भी बांध बनाएगा, तो उसे 10 मिसाइलों से नष्ट कर देंगे। मुनीर ने कहा, “सिंधु नदी भारतीयों की पारिवारिक संपत्ति नहीं है।”

ओवैसी की प्रतिक्रिया

ओवैसी ने कहा कि भारत को पाकिस्तान की सेना और उसके ‘डीप स्टेट’ से लगातार खतरा है, इसलिए देश को अपने रक्षा बजट में वृद्धि करनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका जैसे रणनीतिक साझेदार के मंच से इस तरह के उकसाने वाले बयानों का आना चिंताजनक है।

भारत का आधिकारिक जवाब

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने पहले ही पाकिस्तान के इन बयानों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा, “न्यूक्लियर सेबर-रैटलिंग पाकिस्तान की पुरानी आदत है।” जायसवाल ने आगे कहा कि इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयान यह दिखाते हैं कि पाकिस्तान में परमाणु कमांड और कंट्रोल कितना अविश्वसनीय है, खासकर तब जब वहां की सेना पर आतंकवादी संगठनों के साथ मिलीभगत के आरोप लगते हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना

विशेषज्ञों का मानना है कि मुनीर के इस बयान से न केवल भारत-पाक संबंधों में और तनाव बढ़ सकता है, बल्कि पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि भी खराब हो सकती है। वैश्विक समुदाय पहले ही पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा और नियंत्रण पर सवाल उठाता रहा है, और ऐसे बयान इन संदेहों को और गहरा करते हैं।

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