समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12 अगस्त – भारत ने बांग्लादेश के साथ बिगड़ते रिश्तों के बीच जूट उत्पादों की सूची में और वस्तुएं जोड़कर उनके आयात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अब ब्लीच और अनब्लीच बुने हुए जूट या अन्य वस्त्र रेशा आधारित कपड़े, जूट से बनी रस्सी, डोरी, केबल, और जूट के बोरे एवं थैले किसी भी स्थलीय सीमा बंदरगाह (Land Port) या एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) से भारत में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
इन वस्तुओं का आयात अब केवल नवी मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह के माध्यम से ही संभव होगा। ये प्रतिबंध असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम, और पश्चिम बंगाल के चांगराबांधा व फूलबाड़ी स्थलीय सीमा चौकियों पर लागू होंगे। हालांकि, बांग्लादेश से नेपाल या भूटान को होने वाले निर्यात पर यह रोक लागू नहीं होगी, लेकिन इन देशों से भारत को पुनः निर्यात (Re-export) की अनुमति नहीं होगी।
इससे पहले 27 जून को जारी अधिसूचना में भारत ने बांग्लादेश से आने वाले फ्लैक्स टो और वेस्ट, कच्चा जूट, जूट यार्न, मल्टीपल फोल्डेड यार्न, फ्लैक्स के बुने कपड़े और जूट के अनब्लीच बुने कपड़ों पर नियमन लगाया था। वहीं 17 मई को तैयार कपड़े (Ready-made Garments), प्रोसेस्ड फूड, फ्रूट-फ्लेवर कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कपास व कॉटन यार्न वेस्ट, प्लास्टिक एवं पीवीसी उत्पाद और लकड़ी के फर्नीचर जैसे सामानों के सीमा चौकियों से प्रवेश पर रोक लगाई गई थी।
इस कदम का असर करीब 770 मिलियन डॉलर (₹6,600 करोड़) के बांग्लादेशी सामानों पर पड़ेगा। इनमें से ₹5,290 करोड़ के रेडीमेड गारमेंट्स अब सिर्फ न्हावा शेवा और कोलकाता बंदरगाह से ही आयात किए जा सकेंगे।
भारत का यह निर्णय बांग्लादेश द्वारा अप्रैल 2025 में जमीन मार्ग से भारत से धागे (Yarn) के आयात पर रोक लगाने और भारत द्वारा पहले ट्रांस-शिपमेंट सुविधा समाप्त करने के बाद आया है।
वित्त वर्ष 2022-23 में भारत-बांग्लादेश का द्विपक्षीय व्यापार 16 अरब डॉलर रहा था, जिसमें बांग्लादेश ने 14 अरब डॉलर का आयात किया और 2 अरब डॉलर का निर्यात भारत को किया।