ऐतिहासिक कदम: कश्मीर अब राष्ट्रीय रेल माल ढुलाई नेटवर्क से जुड़ा

उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना हुई पूरी; अब पूरे देश में आसानी से पहुंचेंगे कश्मीरी उत्पाद।

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  • भारतीय रेलवे ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए कश्मीर को राष्ट्रीय रेल माल ढुलाई नेटवर्क से जोड़ दिया है।
  • पहली मालगाड़ी पंजाब के रूपनगर से चलकर कश्मीर घाटी के अनंतनाग गुड्स शेड तक सफलतापूर्वक पहुंची है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे जम्मू-कश्मीर में वाणिज्य और कनेक्टिविटी के लिए एक ‘बेहतरीन दिन’ बताया है, जिससे प्रगति और समृद्धि दोनों बढ़ेगी।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 अगस्त – भारतीय रेलवे ने कश्मीर घाटी के लिए एक नया अध्याय लिख दिया है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के तहत, पहली बार एक मालगाड़ी पंजाब के रूपनगर से चलकर कश्मीर घाटी के अनंतनाग गुड्स शेड तक पहुंची। इस ऐतिहासिक घटना ने कश्मीर को सीधे राष्ट्रीय रेल माल ढुलाई नेटवर्क से जोड़ दिया है। इस उपलब्धि को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘असाधारण’ बताया है। यह कदम न केवल जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देगा, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास और समृद्धि के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगा।

कैसे हुआ यह ऐतिहासिक जुड़ाव?

यह ऐतिहासिक उपलब्धि यूएमबीआरएल परियोजना के पूर्ण होने के बाद संभव हुई है। इस परियोजना में दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल, चिनाब ब्रिज भी शामिल है, जिसका उद्घाटन 6 जून, 2025 को प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। यह पुल इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना है, जिसकी ऊंचाई पेरिस के एफिल टॉवर से भी अधिक है। इस रेल लिंक ने जम्मू और कश्मीर के बीच कनेक्टिविटी को सुगम और तेज बना दिया है। पहली मालगाड़ी में पंजाब के रूपनगर स्थित गुजरात अंबुजा सीमेंट लिमिटेड से 21 बीसीएन वैगनों में लगभग 1400 टन सीमेंट लदा था, जिसने 600 किलोमीटर की दूरी 18 घंटे से भी कम समय में पूरी की।

कश्मीर की अर्थव्यवस्था को क्या मिलेंगे फायदे?

कश्मीर घाटी का राष्ट्रीय रेल माल ढुलाई नेटवर्क से जुड़ना वहां की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगा। अब कश्मीरी सेब, केसर, अखरोट, हस्तशिल्प और अन्य स्थानीय उत्पाद कम समय और कम लागत में पूरे देश के बाजारों तक पहुंच पाएंगे। इससे किसानों और छोटे व्यापारियों को सीधा फायदा होगा। परिवहन लागत कम होने से घाटी में रोजमर्रा के सामानों की कीमतें भी घटेंगी, जिससे आम लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा। इसके अलावा, रेल संपर्क से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

सामरिक महत्व और राष्ट्रीय एकता

इस रेल लिंक का महत्व सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि सामरिक और राजनीतिक भी है। यह परियोजना जम्मू-कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह से जोड़ती है, जो राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह हर मौसम में सेना और आवश्यक साजो-सामान को सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंचाने में भी मदद करेगा, जिससे देश की सुरक्षा और भी मजबूत होगी। यह दिखाता है कि सरकार जम्मू-कश्मीर के विकास और मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे आतंक पर लगाम लगाने में भी मदद मिलेगी।

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