कुलगाम में 9वें दिन भी जारी ऑपरेशन अखाल, 2 जवान शहीद

घने जंगल और गुफाओं में छिपे आतंकियों के खिलाफ सेना का बड़ा अभियान, कई दशकों का सबसे लंबा ऑपरेशन।

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  • जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में चल रहा ऑपरेशन अखाल आज नौवें दिन भी जारी है।
  • इस भीषण मुठभेड़ में अब तक सेना के दो जवान शहीद हो चुके हैं, जबकि एक आतंकी को मार गिराया गया है।
  • शहीद जवानों की पहचान लांस नायक प्रीतपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के रूप में हुई है, जो 19 राष्ट्रीय राइफल्स से थे।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 अगस्त – जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का बड़ा अभियान, जिसे ‘ऑपरेशन अखाल’ नाम दिया गया है, आज नौवें दिन भी जारी है। इस लंबे और चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन में अब तक भारतीय सेना के दो बहादुर जवानों ने शहादत दी है, जबकि सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया है। यह ऑपरेशन दक्षिण कश्मीर के अखाल के घने जंगल में चल रहा है, जहां सुरक्षाबलों को आतंकियों से लगातार कड़ी चुनौती मिल रही है।

क्या है ‘ऑपरेशन अखाल’ और क्यों है यह इतना लंबा?

ऑपरेशन अखाल 1 अगस्त से शुरू हुआ था, जब सुरक्षाबलों को कुलगाम के अखाल जंगल में आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिली थी। भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने तुरंत पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया। अधिकारियों के अनुसार, आतंकियों ने घने जंगल, पहाड़ी गुफाओं और संकरे रास्तों का फायदा उठाते हुए अपनी पोजीशन बदल ली, जिससे ऑपरेशन लंबा खिंच गया। कई दशकों में यह सबसे लंबा चलने वाला आतंक विरोधी अभियान बन गया है, जो आतंकवादियों के पास पर्याप्त गोला-बारूद और इलाके की गहरी जानकारी होने का संकेत देता है।

शहीद जवानों की पहचान और ऑपरेशन की स्थिति

बीती रात हुई भीषण गोलीबारी में भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए। उनकी पहचान 19 राष्ट्रीय राइफल्स के लांस नायक प्रीतपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के रूप में हुई है। भारतीय सेना की चिनार कोर ने उनके सर्वोच्च बलिदान को सलाम किया है। इस मुठभेड़ में 10 जवान घायल भी हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ऑपरेशन में एक आतंकी को मार गिराने में भी सफलता मिली है। हालांकि, माना जा रहा है कि अभी भी कम से कम तीन या उससे अधिक आतंकवादी जंगल में छिपे हुए हैं और उन्हें घेरने के लिए सेना का अभियान जारी है।

चुनौतियां और घाटी में सुरक्षा व्यवस्था

ऑपरेशन अखाल सुरक्षाबलों के लिए एक रणनीतिक चुनौती है। घने जंगलों में छिपे आतंकियों का पता लगाना और उन्हें बेअसर करना बहुत मुश्किल है। अधिकारियों ने बताया कि इस काम के लिए ड्रोन और आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस ऑपरेशन की लंबी अवधि यह भी दर्शाती है कि घाटी में अभी भी आतंकवादियों की मौजूदगी है, जो समय-समय पर सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती बनते रहते हैं। इस घटना ने एक बार फिर से घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया है, ताकि शांति और स्थिरता बहाल की जा सके।

 

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